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अतिथि शिक्षकों ने खोला सरकार के खिलाफ मोर्चा, उपचुनाव में विरोध करने की दी चेतावनी

मुरैना में संयुक्त अतिथि शिक्षक संघ ने अपनी मांगों को लेकर तिरंगा यात्रा निकालकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. उन्होंने प्रदेश सरकार से सेवाकाल 12 माह करने की मांग की है. साथ ही चेतावनी दी है कि यदि आचार संहिता लगने से पहले उनकी मांग नहीं मानी गई तो वे उपचुनाव में सरकार का विरोध करेंगे.

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अतिथि शिक्षकों की चेतावनी
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Published : Sep 7, 2020, 11:59 PM IST

मुरैना। संयुक्त अतिथि शिक्षक संघ ने तिरंगा यात्रा निकाल कर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. यात्रा में शामिल अतिथि शिक्षकों ने प्रदेश सरकार से 12 माह सेवाकाल करने की मांग की है. संघ के पदाधिकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि 12 सितंबर यानि आचार संहिता लगने से पहले उनकी मांग नहीं मानी गई तो वे उपचुनाव में सरकार का विरोध करेंगे.

अतिथि शिक्षकों ने खोला सरकार के खिलाफ मोर्चा

संयुक्त अतिथि शिक्षक संघ ने अपनी मुख्य 5 मांगों को लेकर संजय पार्क से नेहरू पार्क तक रैली निकाली. आक्रोशित शिक्षकों का कहना है कि वे 13 साल से काम कर रहे हैं और संघर्ष कर रहे हैं. इस दौरान 59 शिक्षकों ने आत्महत्या कर ली. प्रदेश के एक लाख अतिथि शिक्षक आज बेरोजगार होकर सड़कों पर मजदूरी करने को मजबूर हैं.

वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कई बार आश्वासन दिया और कमलनाथ भी आये और चले गए, लेकिन कुछ नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार अतिथि शिक्षकों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है.

अतिथि शिक्षक संघ के अध्यक्ष पवन शर्मा ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार आचार संहिता से पहले अतिथि शिक्षकों की पांच सूत्रीय मांगों को नहीं मानती है और उनका भविष्य सुरक्षित नहीं करती है तो प्रदेश के प्रत्येक अतिथि शिक्षक हर पोलिंग बूथ और घर-घर जाकर सरकार के विरोध में वोटिंग करने की भीख मांगेंगे.

मुरैना। संयुक्त अतिथि शिक्षक संघ ने तिरंगा यात्रा निकाल कर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. यात्रा में शामिल अतिथि शिक्षकों ने प्रदेश सरकार से 12 माह सेवाकाल करने की मांग की है. संघ के पदाधिकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि 12 सितंबर यानि आचार संहिता लगने से पहले उनकी मांग नहीं मानी गई तो वे उपचुनाव में सरकार का विरोध करेंगे.

अतिथि शिक्षकों ने खोला सरकार के खिलाफ मोर्चा

संयुक्त अतिथि शिक्षक संघ ने अपनी मुख्य 5 मांगों को लेकर संजय पार्क से नेहरू पार्क तक रैली निकाली. आक्रोशित शिक्षकों का कहना है कि वे 13 साल से काम कर रहे हैं और संघर्ष कर रहे हैं. इस दौरान 59 शिक्षकों ने आत्महत्या कर ली. प्रदेश के एक लाख अतिथि शिक्षक आज बेरोजगार होकर सड़कों पर मजदूरी करने को मजबूर हैं.

वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कई बार आश्वासन दिया और कमलनाथ भी आये और चले गए, लेकिन कुछ नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार अतिथि शिक्षकों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है.

अतिथि शिक्षक संघ के अध्यक्ष पवन शर्मा ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार आचार संहिता से पहले अतिथि शिक्षकों की पांच सूत्रीय मांगों को नहीं मानती है और उनका भविष्य सुरक्षित नहीं करती है तो प्रदेश के प्रत्येक अतिथि शिक्षक हर पोलिंग बूथ और घर-घर जाकर सरकार के विरोध में वोटिंग करने की भीख मांगेंगे.

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