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कुपोषण से फिर जंग हारा शासन और प्रशासन, दो बच्चों की मौत - महुआ थाना क्षेत्र के

सरकार और जिला प्रशासन एक बार फिर मुरैना जिले में कुपोषण के खिलाफ चलाई जा रही जंग से हार गए हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि अंबाह एनआरसी केंद्र में कुपोषण से पीडि़त दो दो बच्चों की उपचार के दौरान मौत हो गई.

कुपोषण से फिर जंग हारा शासन और प्रशासन,
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Published : Sep 25, 2019, 12:11 AM IST

Updated : Sep 25, 2019, 1:47 AM IST

मुरैना। जिले में इन दिनों को कुपोषण ने कहर बरपाया हुआ है. कई बच्चे अब तक इसकी चपेट में है. जबकि सरकार द्वारा कुपोषण को खत्म करने के लिए चलाए जा रहे अभियान इसे रोकने में नाकाफी साबित हो रहे हैं. अंबाह एनआरसी केंद्र में पिछले एक सप्ताह से भर्ती दो बच्चों की उपचार के दौरान 24 घंटे के अंतराल में मृत्यु हो गई. दोनों बच्चे आपस में भाई-बहन थे, इस घटना से सरकार कुपोषण को रोकने के नाम पर खर्च किए जा रहे करोड़ों रुपए की योजनाओं की हकीकत के सबके सामने आ गई है.

कुपोषण से फिर जंग हारा शासन और प्रशासन,

मुरैना जिले महुआ थाना क्षेत्र के रुधवाली ग्राम निवासी भीमसेन शाक्य के दो बच्चे जिन्हें आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और एएनएम ने कुपोषित बताया था. दोनों को एनआरसी में भर्ती कराया गया था. 23 सितंबर को लड़के को उल्टी दस्त होने से उसकी तबियत खराब हो गई. जबकि कुछ देर बाद ही उसकी मौत हो गई. घटना के बाद परिजन गांव पहुंचे तो लड़की की भी तबियत खराब हो गई. जिसे रात में दोबार उपचार के लिए अंबाह लाया गया. जहां से उसे मुरैना रैफर किया गया जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.

मृतक बच्चों के माता-पिता का कहना है कि एनआरसी से बच्चों को खाने के लिए दिया जा रहा पाउडर उनकी मौत का कारण बना है. पाउडर खाने के बाद दोनों बच्चों की तबीयत खराब हुई और उल्टी दस्त के बाद उनकी मौत हो गई. जबकि ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर अंबाह के अनुसार बच्चों को जो पाउडर दिया जा रहा था कोई दवा नहीं है बल्कि संतुलित आहर था. जिसमें मूंगफली सोयाबीन और चना आदि का मिश्रण था.

इसलिए घटना में बच्चों की मौत का कारण पाउडर नहीं था. हालांकि चिकित्सक ने दोनों बच्चों को कुपोषित होने की बात स्वीकार की है और बेटी का पीएम भी कराया ताकि मौत के वास्तविक कारण सामने आ सके.

मुरैना। जिले में इन दिनों को कुपोषण ने कहर बरपाया हुआ है. कई बच्चे अब तक इसकी चपेट में है. जबकि सरकार द्वारा कुपोषण को खत्म करने के लिए चलाए जा रहे अभियान इसे रोकने में नाकाफी साबित हो रहे हैं. अंबाह एनआरसी केंद्र में पिछले एक सप्ताह से भर्ती दो बच्चों की उपचार के दौरान 24 घंटे के अंतराल में मृत्यु हो गई. दोनों बच्चे आपस में भाई-बहन थे, इस घटना से सरकार कुपोषण को रोकने के नाम पर खर्च किए जा रहे करोड़ों रुपए की योजनाओं की हकीकत के सबके सामने आ गई है.

कुपोषण से फिर जंग हारा शासन और प्रशासन,

मुरैना जिले महुआ थाना क्षेत्र के रुधवाली ग्राम निवासी भीमसेन शाक्य के दो बच्चे जिन्हें आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और एएनएम ने कुपोषित बताया था. दोनों को एनआरसी में भर्ती कराया गया था. 23 सितंबर को लड़के को उल्टी दस्त होने से उसकी तबियत खराब हो गई. जबकि कुछ देर बाद ही उसकी मौत हो गई. घटना के बाद परिजन गांव पहुंचे तो लड़की की भी तबियत खराब हो गई. जिसे रात में दोबार उपचार के लिए अंबाह लाया गया. जहां से उसे मुरैना रैफर किया गया जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.

मृतक बच्चों के माता-पिता का कहना है कि एनआरसी से बच्चों को खाने के लिए दिया जा रहा पाउडर उनकी मौत का कारण बना है. पाउडर खाने के बाद दोनों बच्चों की तबीयत खराब हुई और उल्टी दस्त के बाद उनकी मौत हो गई. जबकि ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर अंबाह के अनुसार बच्चों को जो पाउडर दिया जा रहा था कोई दवा नहीं है बल्कि संतुलित आहर था. जिसमें मूंगफली सोयाबीन और चना आदि का मिश्रण था.

इसलिए घटना में बच्चों की मौत का कारण पाउडर नहीं था. हालांकि चिकित्सक ने दोनों बच्चों को कुपोषित होने की बात स्वीकार की है और बेटी का पीएम भी कराया ताकि मौत के वास्तविक कारण सामने आ सके.

Intro:सरकार और जिला प्रशासन एक बार फिर मुरैना जिले में कुपोषण के खिलाफ चलाई जा रही जंग हार गए हैं आज जिले के अंबा एनआरसी केंद्र में पिछले 1 सप्ताह से भर्ती दो बच्चों की उपचार के दौरान 24 घंटे के अंतराल में मृत्यु हुई । दोनों बच्चे आपस में भाई बहन थे इस घटना ने एक बार फिर सरकार द्वारा खर्च किए जा रहे करोड़ों रुपए की जमीनी हकीकत सबके सामने बयां करती है ।


Body:महुआ थाना क्षेत्र के रुधवाली ग्राम निवासी भीमसेन शाक्य के दो बच्चे जिसमें एक बेटी शकुंतला उम्र ढाई साल और बेटा मानव उम्र 9 माह जिन्हें आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और एएनएम द्वारा कुपोषित बचत बताए जाने के बाद एनआरसी में भर्ती कराने की सलाह दी गई और 16 सितंबर को 9 माह के बेटे मानव को अंबा एनआरसी केंद्र में भर्ती कराया गया बेटे मानव के साथ उसकी मां आई थी बेटी की उम्र भी कम थी इसलिए मां उसे भी साथ लेकर आई थी दोनों बच्चे एनआरसी केंद्र में रह रहे थे और डॉक्टरों की देखरेख में थे 23 सितंबर को बेटे मानव की उल्टी दस्त होने से तबीयत खराब हुई और कुछ समय बाद उसकी मौत हो गई जब परिजन मानव शाक्य को लेकर गांव गए तो गांव में बेटी की भी तबीयत खराब हो गई जिसे रात्रि में उपचार के लिए अंबाह लाया गया जहां बाल रोग चिकित्सक द्वारा उसे प्राथमिक उपचार देकर मुरैना जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया जिला अस्पताल में ढाई वर्ष की बेटी शकुंतला को भर्ती कराने की प्रक्रिया पूरी हुई थी के डॉक्टर ने परीक्षण के दौरान उसे मृत घोषित कर दिया ।


Conclusion:मृतक बच्चों के माता-पिता का कहना है कि एनआरसी से बच्चों को खाने के लिए दिया जा रहा पाउडर उनकी मौत का कारण बना है पाउडर खाने के बाद दोनों बच्चों की तबीयत खराब हुई और उल्टी दस्त के बाद उनकी मौत हो गई । जबकि ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर अंबाह के अनुसार बच्चों को जो पाउडर दिया जा रहा था कोई दवा नही है बल्कि वह संतुलित आहर था जिसमें मूंगफली सोयाबीन और चना आदि का मिश्रण था इसलिए वह घटना का कारण नहीं है हालांकि चिकित्सक ने दोनों बच्चों को कुपोषित होने की बात स्वीकार की है और बेटी का पीएम भी कराया ताकि मौत का वास्तविक कारण सामने आ सके ।
बाईट 1 - मृत बच्चो की माँ
बाईट 2 - भीमसेन शाक्य , मृत बच्चो के पिता , निवासी रुधवाली
बाईट - 3 डॉ डी एस यादव , ब्लाक मेडिकल आफिसर
Last Updated : Sep 25, 2019, 1:47 AM IST
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