मुरैना। जिले में इन दिनों को कुपोषण ने कहर बरपाया हुआ है. कई बच्चे अब तक इसकी चपेट में है. जबकि सरकार द्वारा कुपोषण को खत्म करने के लिए चलाए जा रहे अभियान इसे रोकने में नाकाफी साबित हो रहे हैं. अंबाह एनआरसी केंद्र में पिछले एक सप्ताह से भर्ती दो बच्चों की उपचार के दौरान 24 घंटे के अंतराल में मृत्यु हो गई. दोनों बच्चे आपस में भाई-बहन थे, इस घटना से सरकार कुपोषण को रोकने के नाम पर खर्च किए जा रहे करोड़ों रुपए की योजनाओं की हकीकत के सबके सामने आ गई है.
मुरैना जिले महुआ थाना क्षेत्र के रुधवाली ग्राम निवासी भीमसेन शाक्य के दो बच्चे जिन्हें आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और एएनएम ने कुपोषित बताया था. दोनों को एनआरसी में भर्ती कराया गया था. 23 सितंबर को लड़के को उल्टी दस्त होने से उसकी तबियत खराब हो गई. जबकि कुछ देर बाद ही उसकी मौत हो गई. घटना के बाद परिजन गांव पहुंचे तो लड़की की भी तबियत खराब हो गई. जिसे रात में दोबार उपचार के लिए अंबाह लाया गया. जहां से उसे मुरैना रैफर किया गया जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.
मृतक बच्चों के माता-पिता का कहना है कि एनआरसी से बच्चों को खाने के लिए दिया जा रहा पाउडर उनकी मौत का कारण बना है. पाउडर खाने के बाद दोनों बच्चों की तबीयत खराब हुई और उल्टी दस्त के बाद उनकी मौत हो गई. जबकि ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर अंबाह के अनुसार बच्चों को जो पाउडर दिया जा रहा था कोई दवा नहीं है बल्कि संतुलित आहर था. जिसमें मूंगफली सोयाबीन और चना आदि का मिश्रण था.
इसलिए घटना में बच्चों की मौत का कारण पाउडर नहीं था. हालांकि चिकित्सक ने दोनों बच्चों को कुपोषित होने की बात स्वीकार की है और बेटी का पीएम भी कराया ताकि मौत के वास्तविक कारण सामने आ सके.