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गजक की होगी जीआई टैगिंग, मिलेगी अंतरराष्ट्रीय पहचान - morena news

मुरैना की गजक को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने और गजक कारोबार को बढ़ावा देने के लिए प्रशासन गजक को जीआई टैग में रजिस्टर करवा रहा है.

गजब है मुरैना की गजक
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Published : Nov 22, 2019, 11:44 PM IST

मुरैना। मुरैना की गजक को अब अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने के लिए शासन स्तर से प्रयास शुरू कर दिए गए हैं. प्रशासन ने व्यापारियों के साथ मिलकर जीआई टैग लेने का मन बना लिया है. ज्योग्राफिकल आईडेंटिफिकेशन नंबर यानी जीआई टैग में रजिस्टर्ड होने के बाद गजक को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहचान मिलेगी.

गजब है मुरैना की गजक

कलेक्टर ने बताया कि गजक की जीआई टैगिंग होने के बाद किसी अन्य शहर में मुरैना की गजक के नाम से गजक नहीं बनाई जा सकेंगी. इससे मुरैना के गजक के कारोबार को बढ़ावा मिलेगा. जीआई टैगिंग के बाद ग्राहकों को राहत मिलेगी और मुरैना के पीढ़ी दर पीढ़ी काम करने वाले गजक कारोबारियों को फायदा होगा. वहीं व्यापारियों का मानना है कि प्रशासन के सहयोग से गजक का जीआई टैग लेना व्यापारियों के लिए फायदे की बात है. जीआई टैग मिलने के बाद लोग मुरैना के नाम से गजक नहीं बेचेंगे, इससे ग्राहकों को स्वाद वाली मुरैना की गजक मिलेगी, जो मुरैना के पानी में बनने के बाद उत्कृष्ट मानी जाती है. वहीं मुरैना की गजक कारोबार उंचाइयों पर पहुंचेगा जिससे व्यापारियों को आर्थिक लाभ होगा.

मुरैना। मुरैना की गजक को अब अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने के लिए शासन स्तर से प्रयास शुरू कर दिए गए हैं. प्रशासन ने व्यापारियों के साथ मिलकर जीआई टैग लेने का मन बना लिया है. ज्योग्राफिकल आईडेंटिफिकेशन नंबर यानी जीआई टैग में रजिस्टर्ड होने के बाद गजक को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहचान मिलेगी.

गजब है मुरैना की गजक

कलेक्टर ने बताया कि गजक की जीआई टैगिंग होने के बाद किसी अन्य शहर में मुरैना की गजक के नाम से गजक नहीं बनाई जा सकेंगी. इससे मुरैना के गजक के कारोबार को बढ़ावा मिलेगा. जीआई टैगिंग के बाद ग्राहकों को राहत मिलेगी और मुरैना के पीढ़ी दर पीढ़ी काम करने वाले गजक कारोबारियों को फायदा होगा. वहीं व्यापारियों का मानना है कि प्रशासन के सहयोग से गजक का जीआई टैग लेना व्यापारियों के लिए फायदे की बात है. जीआई टैग मिलने के बाद लोग मुरैना के नाम से गजक नहीं बेचेंगे, इससे ग्राहकों को स्वाद वाली मुरैना की गजक मिलेगी, जो मुरैना के पानी में बनने के बाद उत्कृष्ट मानी जाती है. वहीं मुरैना की गजक कारोबार उंचाइयों पर पहुंचेगा जिससे व्यापारियों को आर्थिक लाभ होगा.

Intro:शादियों की खास मिठाई मुरैना की गजक को अब अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने के लिए शासन स्तर से प्रयास शुरू कर दिए गए हैं जिसके लिए मुरैना कलेक्टर ने व्यापारियों की चर्चा कर जीआई टैग इन के लिए आवेदन कराया है । जियो टैगिंग होने के बाद मुरैना गजक को अब राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहचान मिलेगी।




Body:कलेक्टर के अनुसार मुरैना की गजब की जी आई टेकिंग होने के बाद किसी अन्य शहर में गजक का निर्माण नहीं किया जाएगा इससे मुरैना की गजक कारोबार को और बढ़ावा मिलेगा साथ ही देश के विभिन्न हिस्सों सहित अन्य देशों में अगर गजक को लोग खाने के लिए पसंद करेंगे तो उन्हें मुरैना में बनी वास्तविक स्वाद वाली गजक खाने को मिलेगी फिलहाल मुरैना की गजक के नाम से विभिन्न शहरों में गजब का निर्माण कर बेचने का कारोबार किया जा रहा है जिससे ग्राहक गुमराह होकर गजब खरीद लेता है ।



Conclusion: लेकिन जब वह खा कर देखता है तो उसे पता चलता है कि इसमें मुरैना की गजक जैसा स्वाद नहीं है लिहाजा मुरैना के नाम से बेचे जाने वाली गजक वास्तविक रूप से मुरैना की नहीं है इस तरह के कारोबार से जीआई टैगिंग के बाद ग्राहको को राहत मिलेगी तो धूम मुरैना के पीढ़ी दर पीढ़ी काम करने वाले गजब कारोबारियों को फायदा होगा क्योंकि ऐसा होने से देशभर में सिर्फ मुरैना में बनने वाली गजकी बिग सकेगी।
बाईट 1 - सुरेश शिवहरे - गजक कारोबारी मुरैना
बाईट -2 प्रियंका दास , कलेक्टर मुरैना
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