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कुएं में गिरी नीलगाय, घंटों बाद भी मौके पर नहीं पहुंचा वन विभाग का अमला - morena news

मुरैना जिले के बरहावली गांव में कुएं में नीलगाय के गिरने से हड़कंप मच गया. ग्रमीणों द्वारा इसकी सूचना वन विभाग के अधिकारियों को दी. लेकिन कई घंटों के बाद भी अधिकारी और कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंचे.

Nilgai falling into the well
कुएं में गिरी नीलगाय
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Published : Jun 21, 2020, 11:44 AM IST

मुरैना। जिले के बरहावली गांव में कुएं में नीलगाय के गिरने से हड़कंप मच गया. ग्रमीणों द्वारा इसकी सूचना वन विभाग के अधिकारियों को दी गई. वन चौकी से इस गांव की दूरी कुछ मिनटों की है. लेकिन कई घंटों बाद भी अधिकारी और कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंचे. जिसक बाद ग्रामीणों ने अपनी जान जोखिम में डालकर नीलगाय को कुएं से बाहर निकाला. लेकिन इस घटना ने वन विभाग की संवेदनशीलता की पोल खोलकर रख दी.

बरहावली गांव के पास काफी जंगली इलाका है, इसलिए कई बार नीलगाय व अन्य प्राणी गांव में आकर भटक जाते हैं. लेकिन ग्रामीणों द्वारा सूचना देने के बाद भी कोई अधिकारी नहीं आता. जिससे कई बार जीवों की मौत तक हो जाती है. ग्रामीणों का कहना है कि जब वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी सुनते ही नहीं तो ग्रामीण क्या करें. हर बार ग्रामीण ही अपनी जान की बाजी लगा कर वन्य प्राणियों की जान बचाने में अहम भूमिका निभाते हैं.

वन विभाग पर वन्य जीवों और संपदा की रक्षा करने की जिम्मेदारी होती है. लेकिन जिले में वन विभाग जीवों की जान को लेकर बिल्कुल भी संजीदा नहीं है. यही कारण है कि कई वन्य जीवों की तड़प-तड़पकर मौत हो जाती है. इस मामले में अच्छी बात ये है कि ग्रामीणों ने किसी तरह नीलगाय को सुरक्षित वापस निकाल लिया. वन विभाग की लापरवाही के चलते नीलगाय की जान भी जा सकती थी.

मुरैना। जिले के बरहावली गांव में कुएं में नीलगाय के गिरने से हड़कंप मच गया. ग्रमीणों द्वारा इसकी सूचना वन विभाग के अधिकारियों को दी गई. वन चौकी से इस गांव की दूरी कुछ मिनटों की है. लेकिन कई घंटों बाद भी अधिकारी और कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंचे. जिसक बाद ग्रामीणों ने अपनी जान जोखिम में डालकर नीलगाय को कुएं से बाहर निकाला. लेकिन इस घटना ने वन विभाग की संवेदनशीलता की पोल खोलकर रख दी.

बरहावली गांव के पास काफी जंगली इलाका है, इसलिए कई बार नीलगाय व अन्य प्राणी गांव में आकर भटक जाते हैं. लेकिन ग्रामीणों द्वारा सूचना देने के बाद भी कोई अधिकारी नहीं आता. जिससे कई बार जीवों की मौत तक हो जाती है. ग्रामीणों का कहना है कि जब वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी सुनते ही नहीं तो ग्रामीण क्या करें. हर बार ग्रामीण ही अपनी जान की बाजी लगा कर वन्य प्राणियों की जान बचाने में अहम भूमिका निभाते हैं.

वन विभाग पर वन्य जीवों और संपदा की रक्षा करने की जिम्मेदारी होती है. लेकिन जिले में वन विभाग जीवों की जान को लेकर बिल्कुल भी संजीदा नहीं है. यही कारण है कि कई वन्य जीवों की तड़प-तड़पकर मौत हो जाती है. इस मामले में अच्छी बात ये है कि ग्रामीणों ने किसी तरह नीलगाय को सुरक्षित वापस निकाल लिया. वन विभाग की लापरवाही के चलते नीलगाय की जान भी जा सकती थी.

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