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एक नगर पालिका में दो-दो सीएमओ, कुर्सी की खींचतान के चलते काम पड़ा ठप - दो-दो सीएमओ

जौरा नगर पालिका में दो दो सीएमओ हैं, जो कुर्सी के लिए आपस में लड़ रहे हैं.इस मामले में पूर्व सीएमओ हाईकोर्ट और कलेक्टर के आदेश मानने को तैयार नहीं है. इससे नगर पालिका का काम ठप पड़ा है.

जौरा नगर पालिका में बवाल
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Published : Aug 13, 2019, 11:34 AM IST

मुरैना। जौरा नगर पालिका इस समय अखाड़ा बनी हुई है. नगरपालिका में दो-दो सीएमओ कुर्सी के लिए आपस में नूराकुश्ती कर रहे हैं. हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी पूर्व सीएमओ रामप्रकाश जगरिया पीछे हटने को तैयार नहीं. ऐसी स्थिति में नगर पालिका का कामकाज ठप पड़ा हुआ है.

एक नगर पालिका में दो-दो सीएमओ

दोनों सीएमओ की नूरा-कुश्ती के चलते कर्मचारियों को भी समझ नहीं आ रहा कि वह किसका आदेश मानें. पूर्व सीएमओ रामप्रकाश पिछले कई सालों से यहां पदस्थ हैं. उनका ट्रांसफर हो गया और उनकी जगह दतिया से संतोष सिहारे को जोरा नगर पालिका लाया गया, लेकिन पूर्व सीएमओ ने आदेश निरस्त कराते हुए अपनी आमद वापस दे दी.

हालांकि संतोष सिहारे के पास हाईकोर्ट के आदेश भी है, जिसको मानने से भी पूर्व सीएमओ ने मना कर दिया. पूर्व सीएमओ रामप्रकाश की दबंगई और हट के चलते नगर पालिका का पूरा काम ठप पड़ा हुआ है. ना तो कोई विकास कार्य हो रहा है और ना ही कोई नया काम. कर्मचारी परेशान हैं कि आखिर वह किस सीएमओ के पास जाएं और किसे अपना अधिकारी मानें. यहां तक कि अध्यक्ष की बात भी पूर्व सीएमओ मानने को तैयार नहीं है.

मुरैना। जौरा नगर पालिका इस समय अखाड़ा बनी हुई है. नगरपालिका में दो-दो सीएमओ कुर्सी के लिए आपस में नूराकुश्ती कर रहे हैं. हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी पूर्व सीएमओ रामप्रकाश जगरिया पीछे हटने को तैयार नहीं. ऐसी स्थिति में नगर पालिका का कामकाज ठप पड़ा हुआ है.

एक नगर पालिका में दो-दो सीएमओ

दोनों सीएमओ की नूरा-कुश्ती के चलते कर्मचारियों को भी समझ नहीं आ रहा कि वह किसका आदेश मानें. पूर्व सीएमओ रामप्रकाश पिछले कई सालों से यहां पदस्थ हैं. उनका ट्रांसफर हो गया और उनकी जगह दतिया से संतोष सिहारे को जोरा नगर पालिका लाया गया, लेकिन पूर्व सीएमओ ने आदेश निरस्त कराते हुए अपनी आमद वापस दे दी.

हालांकि संतोष सिहारे के पास हाईकोर्ट के आदेश भी है, जिसको मानने से भी पूर्व सीएमओ ने मना कर दिया. पूर्व सीएमओ रामप्रकाश की दबंगई और हट के चलते नगर पालिका का पूरा काम ठप पड़ा हुआ है. ना तो कोई विकास कार्य हो रहा है और ना ही कोई नया काम. कर्मचारी परेशान हैं कि आखिर वह किस सीएमओ के पास जाएं और किसे अपना अधिकारी मानें. यहां तक कि अध्यक्ष की बात भी पूर्व सीएमओ मानने को तैयार नहीं है.

Intro:एंकर - मुरैना जिले की जौरा नगर पालिका इस समय अखाड़ा बनी हुई है। नगरपालिका में इस समय दो दो सीएमओ सीट के लिए आपस में नूरा कुश्ती कर रहे हैं पर कुश्ती का फैसला नहीं हो पा रहा है। हालांकि मामले में हाईकोर्ट के आदेश भी है जिसके आधार पर कलेक्टर भी आदेश कर चुकी हैं पर इन आदेशों को भी पूर्व सीएमओ रामप्रकाश जगरिया मानने को तैयार नहीं है। ऐसे में नगर पालिका का पूरा कामकाज ठप हो चुका है कर्मचारियों को भी समझ नहीं आ रहा कि आखिर वह किस का आदेश माने और तो और सभी विकास कार्य भी रुके हुए हैं।





Body:वीओ1 - पूर्व सीएमओ जगनेरिया पिछले कई सालों से जोरा नगर पालिका में पदस्थ है। जिनका स्थानांतरण शासन के आदेश पर हुआ और दतिया से संतोष सिहारे को जोरा नगर पालिका का सीएमओ बनाया गया पर पूर्व सीएमओ ने आदेश निरस्त कराते हुए अपनी आमद वापस दे दी। जिस पर अब वह दोनों ही सीएमओ की सीट के लिए लड़ रहे हैं हालांकि संतोष सिहारे के पास हाईकोर्ट के आदेश भी है। जिसको मानने से भी पूर्व सीएमओ ने मना कर दिया। पूर्व सीएमओ की दबंगई और हट के चलते नगर पालिका का पूरा काम ठप पड़ा हुआ है। ना तो कोई विकास कार्य हो रहा है और ना ही कोई नया काम। कर्मचारी परेशान है कि आखिर वह किस सीएमओ के पास जाएं और किसे अपना अधिकारी माने। यहां तक कि अध्यक्ष की बात भी पूर्व सीएमओ मानने को तैयार नहीं है।


बाइट1 - ऊषा सिंघल - अध्यक्ष जौरा नगर पालिका
बाइट2 - ऋषिकेश शर्मा - इंजीनियर जौरा नगर पालिका
( पीली शर्ट पहने हुए है)

बाइट3 - डीएस सिकरवार - ठेकेदार




Conclusion:वीओ2 - मामला पूर्व सीएमओ की दबंगई का है जिसने हाईकोर्ट और कलेक्टर के आदेश को भी मानने से मना कर दिया पर बड़ा सवाल यही है कि आखिर इस सब के बाद भी प्रशासन और सरकार इस मामले में कोई कार्रवाई करती नजर नहीं आ रही है। अब देखना यही है कि इस नूरा कुश्ती का अंत कब होता है और इसमें विजयी कौन होता है।
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