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मुरैनाः रिश्वत के मामले में प्रधान आरक्षक दोषी, चार साल की सजा 5 हजार का जुर्माना

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Published : Sep 12, 2019, 7:58 PM IST

मुरैना कोर्ट ने प्रधान आरक्षक राजू कुशवाहा को एक बस एक्सिडेंट के मामले में फरियादी से 500 रुपए की रिश्र्वत लेने के आरोप में दोषी मानते हुए सुनाई चार साल के सश्रम कारावास की सजा और 5 हजार रुपए के अर्थदंड चुकाने के आदेश दिए.

कोर्च ने प्रधान आरक्षक को सुनाई 4 साल की सजा

मुरैना। जिला न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश शरदचंद्र सक्सेना ने प्रधान आरक्षक रामअवतार सिंह कुशवाहा को 500 रुपए की रिश्वत के मामले में दोषी मानते हुए चार साल सश्रम कारवास की सजा सुनाई है. रावअवतार पर पांच हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है.

कोर्च ने प्रधान आरक्षक को सुनाई 4 साल की सजा

अभियोजक पीके श्रीवास्तव ने बताया फरियादी बलबीर सिंह तोमर ने शिकायत की थी की उसके बेटे योगेश तोमर के नाम से चलने वाली एक बस का 15 जुलाई 2014 को एक्सीडेंट हो गया था. जिस पर बस को थाने में ले जाया गया. 16 जुलाई को जब बस मालिक बस छुड़वाने पहुंचा तो प्रधान आरक्षक रावअवतार सिंह ने झांसा देकर एक हजार रुपए की रिश्वत और गांड़ी की सुपुर्द करने के लिए 500 रुपए की रिश्वत ली.

बलबीर सिंह तोमर ने दिनांक 17 जुलाई को पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त कार्यालय मोती महल ग्वालियर को इस बात की शिकायती आवेदन दिया. 18जुलाई को लोकायुक्त कार्यालय ग्वालियर से प्रारंभिक कार्रवाई संपन्न करने के बाद ट्रैप दल राजू कुशवाहा को उसके घर पर 500 रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया. विवेचना और अभियोग के बाद जिला न्यायालय मुरैना ने रामअवतार को रिश्वत लेने के मामले में दोषी पाए जाने पर चार साल की सजा और पांच हजार रुपए का अर्थ दंड लगाया है.

मुरैना। जिला न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश शरदचंद्र सक्सेना ने प्रधान आरक्षक रामअवतार सिंह कुशवाहा को 500 रुपए की रिश्वत के मामले में दोषी मानते हुए चार साल सश्रम कारवास की सजा सुनाई है. रावअवतार पर पांच हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है.

कोर्च ने प्रधान आरक्षक को सुनाई 4 साल की सजा

अभियोजक पीके श्रीवास्तव ने बताया फरियादी बलबीर सिंह तोमर ने शिकायत की थी की उसके बेटे योगेश तोमर के नाम से चलने वाली एक बस का 15 जुलाई 2014 को एक्सीडेंट हो गया था. जिस पर बस को थाने में ले जाया गया. 16 जुलाई को जब बस मालिक बस छुड़वाने पहुंचा तो प्रधान आरक्षक रावअवतार सिंह ने झांसा देकर एक हजार रुपए की रिश्वत और गांड़ी की सुपुर्द करने के लिए 500 रुपए की रिश्वत ली.

बलबीर सिंह तोमर ने दिनांक 17 जुलाई को पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त कार्यालय मोती महल ग्वालियर को इस बात की शिकायती आवेदन दिया. 18जुलाई को लोकायुक्त कार्यालय ग्वालियर से प्रारंभिक कार्रवाई संपन्न करने के बाद ट्रैप दल राजू कुशवाहा को उसके घर पर 500 रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया. विवेचना और अभियोग के बाद जिला न्यायालय मुरैना ने रामअवतार को रिश्वत लेने के मामले में दोषी पाए जाने पर चार साल की सजा और पांच हजार रुपए का अर्थ दंड लगाया है.

Intro:एंकर - मुरैना न्यायालय प्रथम अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण शरदचंद्र सक्सेना कि न्यायालय ने प्रधान आरक्षक राम अवतार सिंह कुशवाहा उर्फ राजू कुशवाहा को 500 रुपए की रिश्वत लेने के मामले में धारा 7 व 13(1) सहपठित धारा 13 (2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में दोषी पाते हुए न्यायालय ने प्रधान आरक्षक को 4 साल का सश्रम कारावास व 5 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है


Body:वीओ - अभियोजक पीके श्रीवास्तव ने बताया फरियादी बलबीर सिंह तोमर ने शिकायत की कि उसके बेटे योगेश तोमर के नाम से बस क्रमांक एमपी06 पी 0255 से 15 जुलाई 2014 को एक्सीडेंट हो गया था। जिस पर से आरोपी राजू कुशवाहा उर्फ राम अवतार सिंह बस व ड्राइवर को थाना सिटी कोतवाली ले गया। इसके बाद 16 जुलाई को फरियादी ने थाना जाकर जप्तशुदा बस के ड्राइवर भानु प्रताप सिंह सिकरवार की जमानत करवाई। प्रधान आरक्षक राम अवतार सिंह ने झांसा देकर 1 हजार रुपए मैनेजर से ले लिए व गाड़ी की सुपुर्दगी के लिए 500 रुपए की रिश्वत के तौर पर मांगे। बलबीर सिंह तोमर ने दिनांक 17 जुलाई को पुलिस अधीक्षक ओकायुक्त कार्यालय में मोती महल ग्वालियर को इस बात की शिकायती आवेदन दिया। 18 जुलाई को लोकायुक्त कार्यालय ग्वालियर से प्रारंभिक कार्रवाई संपन्न करने के बाद ट्रैप दल राजू कुशवाहा को उसके घर पर 500 रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा। विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। न्यायालय ने अभियोजन द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य के आधार पर एवं दोनों पक्षों के तर्को को सुनने के उपरांत अभियोजन पक्ष द्वारा प्रस्तुत तर्कों पर सहमत हुए और प्रथम अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण शरतचंद्र सक्सेना मुरैना की न्यायालय ने आरोपी रामअवतार सिंह कुशवाह उर्फ राजू कुशवाह को दोषी ठहराते हुए 4 साल का सश्रम कारावास व 5 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई।


Conclusion:बाइट - पीके श्रीवास्तव - अभियोजन अधिकारी न्यायालय मुरैना।
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