मुरैना। राज्य में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका को लेकर सरकार बचाव के सारे उपाय करने में जुटी है. एमपी में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मरीज और नए वेरिएंट ओमीक्रॉन की आशंका के बीच सरकार ने कई एहतियाती कदम भी उठाए हैं. पूरे प्रदेश में नाईट कर्फ्यू लगाया है (corona night curfew in mp) और लोगों से कोरोना गाइडलाइन का सख्ती से पालन करने की अपील की है. राज्य में बीते कुछ दिनों से कोरोना के मरीजों के आंकड़े लगातार बढ़ रहे हैं.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी इस बात को माना है कि राज्य में नवंबर माह की शुरुआत में जो स्थिति थी, उससे तीन गुना मरीज वर्तमान में आए हैं. इसलिए एहतियाती कदम उठाए जाने के साथ सभी लोगों का सहयोग जरुरी है (mp government new covid restriction). लेकिन इसके बाद भी मुख्यमंत्री के अनुरोध को उनकी पार्टी के नए नवेले नेता मानने को तैयार नहीं. नेताजी सरकार के आदेशों और निर्देशों की खुलकर धज्जियां उड़ा रहे हैं.
बीजेपी रैली में सरकार के निर्देशों की उड़ी धज्जियां
हाल ही में बीजेपी ने सोनू परमार को मुरैना युवा मोर्चा का जिला अध्यक्ष बनाया है. अपने गृहनगर पहुंचने पर युवा मोर्चा जिला अध्यक्ष ने अपना स्वागत करवाने के लिए जनता की जान ही जोखिम में डाल दी. इसका नजारा मुरैना में देखने को मिला. युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष का स्वागत करने के लिए हजारों की संख्या में भीड़ जुटी और पूरे शहर में स्वागत सत्कार के नाम पर कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां उड़ीं. (mp bjp worker covid instruction flouted) सोनू परमार के साथ खुद बीजेपी के जिला अध्यक्ष योगेश पाल गुप्ता मौजूद रहे, साथ ही कई अन्य वरिष्ठ नेता भी मौके पर साथ थे लेकिन किसी ने कोविड गाइनलाइन की परवाह नहीं की.
प्रशासन बना मूकदर्शक
इस भीड़ में ना तो किसी नेता ने मास्क पहना था, और ना ही जनता ने कोरोना गाइडलाइन का पालन किया. सोशल डिस्टेंसिंग नाम की भी कोई चीज नहीं दिखाई दी. ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या यह कोरोना गाइडलाइन का शब्द सिर्फ आम लोगों के लिए ही बना है. शहर में हुई हजारों लोगों की भीड़ का तमाशा पुलिस अपनी आंखों से देखती रही लेकिन उन्होंने इसको रोकने की कोशिश भी नहीं की.