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'सरकार की सद्बुद्धि के लिए सुंदरकांड का पाठ' - मध्यप्रदेश सहकारिता समिति कर्मचारी महासंघ

मुरैना में सहकारिता समिति कर्मचारी महासंघ के कर्मचारियों ने हड़ताल के पांचवे दिन सरकार की सद्बुद्धि के लिए सुंदरकांड का पाठ किया.

Cooperatives Committee Employees Federation Sunderkand recited for the goodwill of the government
सरकार की सद्बुद्धि के लिए किया सुंदरकांड का पाठ
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Published : Feb 10, 2021, 7:33 PM IST

मुरैना : जिले में मध्यप्रदेश सहकारिता समिति कर्मचारी महासंघ के कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल के पांचवे दिन सरकार की सद्बुद्धि के लिए संगीतमय सुंदरकांड का पाठ किया गया. जीवाजीगंज के अग्रसेन पार्क में जिले भर के सहकारी समितियों के कर्मचारी इस आयोजन में शामिल हुए. दूसरी ओर इस हड़ताल के कारण पीडीएस दुकानों से लेकर समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी के लिए हो रहे पंजीयन का काम बुधवार को भी ठप रहा. पूरे मध्यप्रदेश में 5 हजार कर्मचारी हैं जो कि अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हुए हैं.

Cooperatives Committee Employees Federation Sunderkand recited for the goodwill of the government
कर्मचारियों ने किया सुंदरकांड का पाठ

प्रदेश सरकार की सद्बुद्धि के लिए सुंदरकांड का पाठ

गौरतलब है कि मध्यप्रदेश सहकारी समितियों के कर्मचारियों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिए जाने, लंबित पड़े कमीशन के भुगतान और पीडीएस दुकानों के रोके गए राशन के बजट को जारी करने की मांग को लेकर जिले भर की सहकारी समिति के पदाधिकारी और कर्मचारी 4 फरवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हुए हैं. जिसका असर आने वाले समय में सहकारी समितियों, पीडीएस की दुकानों पर देखने को मिलेगा. सरकार के द्वारा फसल की खरीदी, बिक्री और गरीबों को राशन बांटे जाने पर भी इसका बुरा असर होगा, पूरे मध्यप्रदेश में 5 हजार कर्मचारी हैं, जो कि हड़ताल पर चले गए हैं. जीवाजी गंज पार्क में बैठे हड़ताल पर कर्मचारियों ने सरकार की सद्बुद्धि के लिए सुंदरकांड का पाठ का आयोजन किया. मध्य प्रदेश सहकारिता समिति कर्मचारी महासंघ के जिलाध्यक्ष राजीव सिंह तोमर ने बताया कि रविवार को ग्वालियर आए मुख्यमंत्री से अपनी मांगों को लेकर कुछ पदाधिकारी मिले थे. जिस पर उन्होंने हमारी मांगों पर विचार करने का भरोसा दिया है, लेकिन सरकार ने अब तक कोई विचार नहीं किया. उन्होंने ये भी बताया कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होगी. तब तक सभी कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहेंगे.

पीओएस मशीन भी जमा करा चुके कर्मचारी

पूरे प्रदेश में 4 हजार 525 उचित मूल्य की दुकान हैं, और 25 हजार समितियां हैं. कर्मचारियों ने पिछले दिनों हड़ताल के दौरान जिलेभर की 489 पीडीएस दुकानों से ऑनलाइन राशन बांटने वाली पीओएस मशीनों को प्रशासन को जमा करा चुके हैं. इसी कारण इस महीने जिलेभर में अन्न उत्सव भी नहीं मन पाया, मुरैना में जीवाजी गंज के पार्क में जमा हुए कर्मचारियों ने साफ कर दिया है, कि जब तक उनकी मांगों को सरकार नहीं मानेगी तब तक वो इस हड़ताल को खत्म नहीं करेंगे.

कर्मचारियों ने मांगी माफी

मध्य प्रदेश सहकारिता समिति महासंघ के कर्मचारियों ने कहा है कि अनिश्चितकालीन हड़ताल के दौरान जिन उपभोक्ताओं और किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. हम उनसे क्षमा मांगते हैं, लेकिन जैसे ही सरकार हमारी मांगे मान लेती तो हम दोबारा काम पर लौटकर उपभोक्ताओं और किसानों की परेशानियों को दूर करने का प्रयास करेंगे.

इन मांगों को लेकर हो रहा आंदोलन

सहकारी समितियों की मांग है कि प्रभारी प्रबंधक, सहायक प्रबंधक, विक्रेताओं, लेखापाल, लिपिक,कंप्यूटर ऑपरेटर, भृत्य, चौकीदार को सरकारी कर्मचारी घोषित कर कर्मचारियों के अनुसार वेतन दिया जाए.
1- पीडीएस दुकानों के राशन के बजट में की गई कमी को हटाकर पूरा राशन दिया जाए।
2- जिन कर्मचारियों पर एफआईआर दर्ज की गई है उन मामलों को वापस लिया जाए।
3- सहकारी संस्थाओं और पीडीएस दुकानों का कमीशन कई सालों से नहीं मिला उस कमीशन का भुगतान कराया जाए।
4- समितियों द्वारा खरीदे गए बाजरे को गोदामों में रखकर उसका भुगतान किसानों को जल्द किया जाए।

मुरैना : जिले में मध्यप्रदेश सहकारिता समिति कर्मचारी महासंघ के कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल के पांचवे दिन सरकार की सद्बुद्धि के लिए संगीतमय सुंदरकांड का पाठ किया गया. जीवाजीगंज के अग्रसेन पार्क में जिले भर के सहकारी समितियों के कर्मचारी इस आयोजन में शामिल हुए. दूसरी ओर इस हड़ताल के कारण पीडीएस दुकानों से लेकर समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी के लिए हो रहे पंजीयन का काम बुधवार को भी ठप रहा. पूरे मध्यप्रदेश में 5 हजार कर्मचारी हैं जो कि अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हुए हैं.

Cooperatives Committee Employees Federation Sunderkand recited for the goodwill of the government
कर्मचारियों ने किया सुंदरकांड का पाठ

प्रदेश सरकार की सद्बुद्धि के लिए सुंदरकांड का पाठ

गौरतलब है कि मध्यप्रदेश सहकारी समितियों के कर्मचारियों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिए जाने, लंबित पड़े कमीशन के भुगतान और पीडीएस दुकानों के रोके गए राशन के बजट को जारी करने की मांग को लेकर जिले भर की सहकारी समिति के पदाधिकारी और कर्मचारी 4 फरवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हुए हैं. जिसका असर आने वाले समय में सहकारी समितियों, पीडीएस की दुकानों पर देखने को मिलेगा. सरकार के द्वारा फसल की खरीदी, बिक्री और गरीबों को राशन बांटे जाने पर भी इसका बुरा असर होगा, पूरे मध्यप्रदेश में 5 हजार कर्मचारी हैं, जो कि हड़ताल पर चले गए हैं. जीवाजी गंज पार्क में बैठे हड़ताल पर कर्मचारियों ने सरकार की सद्बुद्धि के लिए सुंदरकांड का पाठ का आयोजन किया. मध्य प्रदेश सहकारिता समिति कर्मचारी महासंघ के जिलाध्यक्ष राजीव सिंह तोमर ने बताया कि रविवार को ग्वालियर आए मुख्यमंत्री से अपनी मांगों को लेकर कुछ पदाधिकारी मिले थे. जिस पर उन्होंने हमारी मांगों पर विचार करने का भरोसा दिया है, लेकिन सरकार ने अब तक कोई विचार नहीं किया. उन्होंने ये भी बताया कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होगी. तब तक सभी कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहेंगे.

पीओएस मशीन भी जमा करा चुके कर्मचारी

पूरे प्रदेश में 4 हजार 525 उचित मूल्य की दुकान हैं, और 25 हजार समितियां हैं. कर्मचारियों ने पिछले दिनों हड़ताल के दौरान जिलेभर की 489 पीडीएस दुकानों से ऑनलाइन राशन बांटने वाली पीओएस मशीनों को प्रशासन को जमा करा चुके हैं. इसी कारण इस महीने जिलेभर में अन्न उत्सव भी नहीं मन पाया, मुरैना में जीवाजी गंज के पार्क में जमा हुए कर्मचारियों ने साफ कर दिया है, कि जब तक उनकी मांगों को सरकार नहीं मानेगी तब तक वो इस हड़ताल को खत्म नहीं करेंगे.

कर्मचारियों ने मांगी माफी

मध्य प्रदेश सहकारिता समिति महासंघ के कर्मचारियों ने कहा है कि अनिश्चितकालीन हड़ताल के दौरान जिन उपभोक्ताओं और किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. हम उनसे क्षमा मांगते हैं, लेकिन जैसे ही सरकार हमारी मांगे मान लेती तो हम दोबारा काम पर लौटकर उपभोक्ताओं और किसानों की परेशानियों को दूर करने का प्रयास करेंगे.

इन मांगों को लेकर हो रहा आंदोलन

सहकारी समितियों की मांग है कि प्रभारी प्रबंधक, सहायक प्रबंधक, विक्रेताओं, लेखापाल, लिपिक,कंप्यूटर ऑपरेटर, भृत्य, चौकीदार को सरकारी कर्मचारी घोषित कर कर्मचारियों के अनुसार वेतन दिया जाए.
1- पीडीएस दुकानों के राशन के बजट में की गई कमी को हटाकर पूरा राशन दिया जाए।
2- जिन कर्मचारियों पर एफआईआर दर्ज की गई है उन मामलों को वापस लिया जाए।
3- सहकारी संस्थाओं और पीडीएस दुकानों का कमीशन कई सालों से नहीं मिला उस कमीशन का भुगतान कराया जाए।
4- समितियों द्वारा खरीदे गए बाजरे को गोदामों में रखकर उसका भुगतान किसानों को जल्द किया जाए।

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