मुरैना। कलेक्टर बक्की कार्तिकेयन ने बुधवार को पहाड़गढ़ क्षेत्र का भ्रमण किया. इस दौरान धौंधा गांव की आंगनबाड़ी पर दर्ज 67 बच्चों में से एक कुपोषित बच्चा दिखाई दिया. कलेक्टर आंगनबाड़ी से सीधे कुपोषित बच्चे के घर जा पहुंचे. जहां उन्हें पता चला कि कुपोषित बच्चे को न तो पर्याप्त इलाज मिल रहा है और ना ही पोषण आहार मिल रहा है. इस लापरवाही को देखते हुए कलेक्टर बक्की कार्तिकेयन ने तुरन्त आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सुषमा धाकड़ और एएनएम दीप्ति निरंजन को कारण बताओ नोटिस देने के निर्देश दिए हैं.
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और एएनएम को नोटिस
कलेक्टर बुधवार को पहाड़गढ़ क्षेत्र के भ्रमण पर निकले, जहां वो अपने साथ जौरा एसडीएम, नीरज शर्मा,पीएचई आरएन करैया, महिला एवं बाल विकास अधिकारी उपासना राय नायब तहसीलदार रवीश भदौरिया सहित अन्य अधिकारियों को साथ लेकर पहाड़गढ़ के धौंधा गांव जा पहुंचे. जहां आंगनबाड़ी पर 5 वर्ष तक के 36 बच्चे और 30 बालिकाएं रजिस्टर में दर्ज पाई गईं. लेकिन आंगनबाड़ी केंद्र पर मौके पर ये सभी बच्चे मौजूद नहीं मिले. कलेक्टर ने इनमें से कुपोषित बच्चों के बारे में जानकरी ली तो 4 बच्चों को मौके पर बुलाया गया, लेकिन उनमें से 3 बच्चे कुपोषण की श्रेणी में ही नहीं थे बल्कि एक ही बच्चा कुपोषित था.
जिसकी हालत देखकर कलेक्टर बक्की कार्तिकेयन सीधे आंगनबाड़ी से उसके घर जा पहुंचे. वहां पता चला कि बच्चे को दी जाने वाली खुराक और दवा नियम के अनुसार नहीं दी गई. जिस पर से कलेक्टर बक्की कार्तिकेयन ने तुरन्त आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सुषमा धाकड़ और एएनएम दीप्ति निरंजन को कारण बताओ नोटिस देने के निर्देश दिए हैं.
ग्रामीणों की सुनी समस्याएं
कलेक्टर बक्की कार्तिकेयन ने धौंधा गांव के कई ग्रामीणों की शिकायतों का मौके पर ही निराकरण करवाया. वहीं गौशाला का निर्माण 15 मार्च तक करने के भी निर्देश दिए हैं. उसके बाद कलेक्टर गैतोली गांव में जा पहुंचे. गैतोली गांव की नल-जल योजना को देख कर कलेक्टर खुश हुए और काम की खूब तारीफ भी की. गांव की पीडीएस दुकान से इस महीने का राशन नहीं मिलने की शिकायत मिली तो कलेक्टर ने तत्काल सुधारने के निर्देश दिए गए.
तहसीलदार को कारण बताओ नोटिस
मुरैना तहसील के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायतों के दावे आपत्तियों की सुनवाई और निराकरण में लापरवाही बरतने पर कलेक्टर बक्की कार्तिकेयन ने नायब तहसीलदार शिवम उपाध्याय को कारण बताओ नोटिस देने के निर्देश दिए हैं. दावे आपत्तियों के निराकरण के लिए 16 से 18 फरवरी तक नायब तहसीलदार की ड्यूटी लगाई गई थी. फार्मों के निराकरण के उपरांत सभी फार्मों की प्रवृत्ति ऑनलाइन नहीं की गई, जिसकी प्रगति आयोग के समय सीमा में नहीं भेजी जा सकी. बुधवार दोपहर 12 बजे तक किसी भी फार्म का निराकरण नहीं किया गया. जिसको घोर लापरवाही मानते हुए कलेक्टर बक्की कार्तिकेयन ने नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.