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केमिकल को बच्चों ने पानी समझ कर पीया, एक की मौत दूसरे का इलाज जारी

पोरसा तहसील में दो बच्चों ने प्यास लगने पर हाईड्रोजन को पानी समझ कर पी लिया. जिसके बाद एक की मौत हो गयी दूसरे का जिला अस्पताल में चल रहा है.

केमिकल को बच्चों ने पानी समझ कर पीया
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Published : Apr 27, 2019, 5:27 PM IST


मुरैना। पोरसा तहसील में दो बच्चों ने हाइड्रोजन पराक्साइड केमिकल पानी समझ कर पी लिया. जिससे डेढ़ साल के मोनू तोमर की मौत हो गई जबकि दूसरे तीन साल के निशांत की हालत गंभीर है. जिला अस्पताल में बच्चे का इलाज चल रहा है.

केमिकल को बच्चों ने पानी समझ कर पीया

धीरबल का पुरा गांव में अमृत सिंह तोमर के यहां दूध को फटने से रोकने के लिए हाइड्रोजन पराक्साइड रखा हुआ था. आंगन में खेल रहे निशांत परमार और मोनू तोमर ने प्यास लगने पर केमिकल की बोतल को पानी समझकर पी लिया.केमिकल पीने से बच्चों की जब हालात खराब होने लगी तो परिजन उन्हें जिला अस्पताल लेकर पहुंचे. लेकिन रास्ते मे डेढ़ साल के मोनू तोमर ने दम तोड़ दिया.

दूध के इस केमिकल को पीने से बच्चों की हालत खराब होने के मामले पहले भी आ चुके है. डॉक्टरों के मुताबिक जिला अस्पताल में महीने में तकरीबन 5 से 6 केस ऐसे ही आते हैं. हैरानी की बात ये है कि ये केमिकल न तो खुले बाजार में बेचा जाता है और न ही खरीद जा सकता है.


मुरैना। पोरसा तहसील में दो बच्चों ने हाइड्रोजन पराक्साइड केमिकल पानी समझ कर पी लिया. जिससे डेढ़ साल के मोनू तोमर की मौत हो गई जबकि दूसरे तीन साल के निशांत की हालत गंभीर है. जिला अस्पताल में बच्चे का इलाज चल रहा है.

केमिकल को बच्चों ने पानी समझ कर पीया

धीरबल का पुरा गांव में अमृत सिंह तोमर के यहां दूध को फटने से रोकने के लिए हाइड्रोजन पराक्साइड रखा हुआ था. आंगन में खेल रहे निशांत परमार और मोनू तोमर ने प्यास लगने पर केमिकल की बोतल को पानी समझकर पी लिया.केमिकल पीने से बच्चों की जब हालात खराब होने लगी तो परिजन उन्हें जिला अस्पताल लेकर पहुंचे. लेकिन रास्ते मे डेढ़ साल के मोनू तोमर ने दम तोड़ दिया.

दूध के इस केमिकल को पीने से बच्चों की हालत खराब होने के मामले पहले भी आ चुके है. डॉक्टरों के मुताबिक जिला अस्पताल में महीने में तकरीबन 5 से 6 केस ऐसे ही आते हैं. हैरानी की बात ये है कि ये केमिकल न तो खुले बाजार में बेचा जाता है और न ही खरीद जा सकता है.

Intro:एंकर - दूध को फटने से रोकने के लिए घर में रखे केमिकल (हाइड्रोजन परऑक्साइड) को दो बच्चों ने पी लिया।जिससे एक बच्चे की मौत हो गई और एक की हालत गंभीर हो गई। बच्चे का उपचार जिला अस्पताल में चल रहा है। बच्चे को जिला अस्पताल के पीआईसीयू में भर्ती कराया गया है।जहां डॉक्टरों के मुताबिक बच्चे की हालत ठीक बताई जा रही है।


Body:वीओ - धीरबल का पुरा पोरसा निवासी अमृत सिंह तौमर दूध का काम करता है।इसलिए उसके घर मे दूध को फटने से रोकने का (हाइड्रोजन परऑक्साइड) कैमिकल पानी की बोतल में रखा हुआ था।पिछ्ले दिनों अमृत की बहन की शादी थी,जिससे बहन व अन्य रिश्तेदार आये हुए थे।शुक्रवार की देर शाम को उसकी बहन का 3 साल का बेटा निशांत परमार व उसका भतीजा डेढ़ वर्षीय मोनू तौमर घर के आंगन में खेल रहे थे।इसी दौरान बच्चों के हाथ मे पानी की बोतल में भरे कैमिकल की बोतल हाथ मे लग गई।बच्चों ने उस (हाइड्रोजन परऑक्साइड) कैमिकल को पानी समझकर पी लिया,कैमिकल पीने से बच्चों की जब हालात खराब होने लगी तो परिजन उन्हें जिला अस्पताल लेकर आए।लेकिन रास्ते मे डेढ़ वर्षीय मोनू तौमर ने दम तोड़ दिया।निशांत का उवचार जिला अस्पताल के पीआईसीयू में चल रहा है।

बाईट - अनुरुद्ध तौमर - परिजन
बाईट - डॉ. दीपक चाँदील - जिला अस्पताल मुरैना।


Conclusion:वीओ2 - दूध के इस कैमिकल को पीने से बच्चों की हालत खराब होने के मामले पहले भी आ चुके है।जिला अस्पताल में महीने में तकरीबन 5 से 6 केस ऐसे आते है।जिनमे बच्चे दूध का ये कैमिकल पी जाते है।जबकि इस कैमिकल को न तो खुले बाजार में बेचा जाता है और न ही खरीद जा सकता है।जिले में इस कैमिकल को बेचने व खरीदने का कारोबार लगातार बढ़ता जा रहा है।

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