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बीजेपी के महाराजः नई सियासत ग्वालियर-चंबल अंचल में खिलाएगी 'कमल'

ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में शामिल होने के बाद ग्वालियर-चंबल अंचल में बीजेपी को फायदा होगा, जिसमें आम जनता और बीजेपी कार्यकर्ताओं का मानना है कि सिंधिया एक जनाधार वाले नेता है. जिससे बीजेपी को अधिक मजबूती मिलेगी.

Chambal region will benefit from Scindia joining BJP
सिंधिया के बीजेपी में आने से चंबल अंचल को होगा फायदा
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Published : Mar 11, 2020, 9:36 PM IST

मुरैना। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर ली है. जिससे ग्वालियर चम्बल अंचल में बीजेपी को फायदा होगा, बीजेपी कार्यकर्ताओं और आम लोगों का मानना है कि सिंधिया एक जनाधार वाले नेता हैं. उनका बूथ लेवल तक अपना कार्यकर्ता है, जो बीजेपी को और अधिक मजबूती देगा.

सिंधिया के बीजेपी में आने से चंबल अंचल को होगा फायदा

इस अंचल में भाजपा के इस समय कई बड़े नेता हैं, जिनमें नरेंद्र सिंह तोमर, प्रभात झा, जयभान सिंह पवैया पहले से मौजूद हैं और अब ज्योतिरादित्य सिंधिया के शामिल होने से सत्ता में कैसे संतुलन बनेगा, ये एक बड़ा सवाल था, लेकिन भाजपा के लोगों का मानना है कि पार्टी प्रवेश है और यहां वरिष्ठ नेतृत्व जिसे तय करता है, कार्यकर्ता सिर्फ उसका पालन करता है. इसलिए अंचल में ध्रुवीकरण जैसी कोई स्थिति निर्मित नहीं होगी और न ही किसी तरह की गुटबाजी भाजपा में निर्मित होगी.

भाजपा और कांग्रेस के कार्यकर्ता स्थानीय स्तर पर एक दूसरे के खिलाफ झंडा उठाते थे और बूथ लेवल पर एक दूसरे का विरोध करते थे. ज्योतिरादित्य सिंधिया के आने से एक ही खेमे में जुड़ते नजर आ रहे हैं. ऐसे में वह एक दूसरे को कैसे आत्मसात करेंगे, ये आने वाला समय बताएगा. हालांकि, इस समय लोगों का मानना है कि वह विचारधारा के साथ जुड़े हैं.

मुरैना। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर ली है. जिससे ग्वालियर चम्बल अंचल में बीजेपी को फायदा होगा, बीजेपी कार्यकर्ताओं और आम लोगों का मानना है कि सिंधिया एक जनाधार वाले नेता हैं. उनका बूथ लेवल तक अपना कार्यकर्ता है, जो बीजेपी को और अधिक मजबूती देगा.

सिंधिया के बीजेपी में आने से चंबल अंचल को होगा फायदा

इस अंचल में भाजपा के इस समय कई बड़े नेता हैं, जिनमें नरेंद्र सिंह तोमर, प्रभात झा, जयभान सिंह पवैया पहले से मौजूद हैं और अब ज्योतिरादित्य सिंधिया के शामिल होने से सत्ता में कैसे संतुलन बनेगा, ये एक बड़ा सवाल था, लेकिन भाजपा के लोगों का मानना है कि पार्टी प्रवेश है और यहां वरिष्ठ नेतृत्व जिसे तय करता है, कार्यकर्ता सिर्फ उसका पालन करता है. इसलिए अंचल में ध्रुवीकरण जैसी कोई स्थिति निर्मित नहीं होगी और न ही किसी तरह की गुटबाजी भाजपा में निर्मित होगी.

भाजपा और कांग्रेस के कार्यकर्ता स्थानीय स्तर पर एक दूसरे के खिलाफ झंडा उठाते थे और बूथ लेवल पर एक दूसरे का विरोध करते थे. ज्योतिरादित्य सिंधिया के आने से एक ही खेमे में जुड़ते नजर आ रहे हैं. ऐसे में वह एक दूसरे को कैसे आत्मसात करेंगे, ये आने वाला समय बताएगा. हालांकि, इस समय लोगों का मानना है कि वह विचारधारा के साथ जुड़े हैं.

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