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यूको बैंक लोन स्कैम: CBI ने 6 ठिकानों पर दी दबिश, जब्त किए जरूरी कागजात - यूको बैंक लोग स्कैम

यूको बैंक में वेयर हाउस रिसीव्ड के नाम पर करोड़ों का घोटाला हुआ था, जो एक बार फिर चर्चा मे है. गुरुवार को मुरैना पहुंची सीबीआई की टीम ने 6 अलग ठिकानों पर एक साथ दबिश दी.

CBI ने छह ठिकानों पर दी दबिश
CBI ने छह ठिकानों पर दी दबिश
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Published : Jan 9, 2020, 9:44 PM IST

मुरैना। यूको बैंक में हुए 186 करोड़ के फर्जी ऋण घोटाले में सीबीआई की टीम ने एक साथ छह ठिकानों पर दबिश दी है. यह कार्रवाई शांति विहार वेयर हाउस के मालिक ओमेंद्र अग्रवाल, हरीश बंसल और हीरा जैन के ठिकानों पर की गई. मुख्य आरोपी महेंद्र अग्रवाल के साथियों के ठिकानों पर सीबीआई ने तलाशी ली और दस्तावेज खंगाले.

इसके अलावा बीजा सेन एग्रो वेयरहाउस कॉरपोरेशन मुरैना के संचालक रविंद्र शर्मा और संगीता शर्मा के निवास पर भी सीबीआई की टीम लगातार कार्रवाई करती रही. इससे पहले भी इस मामले में सीबीआई की टीम मुरैना आई थी और कार्रवाई कर बड़ी मात्रा में दस्तावेज और नकद रकम जब्त की थी.

CBI ने छह ठिकानों पर दी दबिश

10 वेयर हाउस संचालकों ने लिया था लोन
यूको बैंक की मुरैना शाखा से 2013 से लेकर और 2017 तक वेयर हाउस भंडारण पर जारी की जाने वाली फर्जी रसीदों के आधार पर 10 वेयर हाउस संचालकों ने 186 करोड़ का फर्जी लोन किए था. जब यूको बैंक को वेयर हाउस के भंडारण की रसीद ऊपर स्वीकृत किए गए ऋण की रकम की वसूली समय से नहीं हुई, तब बैंक ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच पड़ताल की.

CBI ने छह ठिकानों पर दी दबिश


ऐसे हुए था खुलासा
बैंक की जांच के दौरान सामने आया कि जिन रसीदों के आधार पर ऋण स्वीकृत किए गए, रसीदों से संबंधित व्यवसायों में कोई भंडारण नहीं हुआ. खास बात ये थी कि जिन व्यक्तियों द्वारा निर्णय लिए गए वो सभी वेयर हाउस और कोल्ड स्टोर संचालकों के परिजन थे. जिसके बाद बैंक ने इसे बड़ा रैकेट मानते हुए मामले को सीबीआई को सुपुर्द कर था.

मुरैना। यूको बैंक में हुए 186 करोड़ के फर्जी ऋण घोटाले में सीबीआई की टीम ने एक साथ छह ठिकानों पर दबिश दी है. यह कार्रवाई शांति विहार वेयर हाउस के मालिक ओमेंद्र अग्रवाल, हरीश बंसल और हीरा जैन के ठिकानों पर की गई. मुख्य आरोपी महेंद्र अग्रवाल के साथियों के ठिकानों पर सीबीआई ने तलाशी ली और दस्तावेज खंगाले.

इसके अलावा बीजा सेन एग्रो वेयरहाउस कॉरपोरेशन मुरैना के संचालक रविंद्र शर्मा और संगीता शर्मा के निवास पर भी सीबीआई की टीम लगातार कार्रवाई करती रही. इससे पहले भी इस मामले में सीबीआई की टीम मुरैना आई थी और कार्रवाई कर बड़ी मात्रा में दस्तावेज और नकद रकम जब्त की थी.

CBI ने छह ठिकानों पर दी दबिश

10 वेयर हाउस संचालकों ने लिया था लोन
यूको बैंक की मुरैना शाखा से 2013 से लेकर और 2017 तक वेयर हाउस भंडारण पर जारी की जाने वाली फर्जी रसीदों के आधार पर 10 वेयर हाउस संचालकों ने 186 करोड़ का फर्जी लोन किए था. जब यूको बैंक को वेयर हाउस के भंडारण की रसीद ऊपर स्वीकृत किए गए ऋण की रकम की वसूली समय से नहीं हुई, तब बैंक ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच पड़ताल की.

CBI ने छह ठिकानों पर दी दबिश


ऐसे हुए था खुलासा
बैंक की जांच के दौरान सामने आया कि जिन रसीदों के आधार पर ऋण स्वीकृत किए गए, रसीदों से संबंधित व्यवसायों में कोई भंडारण नहीं हुआ. खास बात ये थी कि जिन व्यक्तियों द्वारा निर्णय लिए गए वो सभी वेयर हाउस और कोल्ड स्टोर संचालकों के परिजन थे. जिसके बाद बैंक ने इसे बड़ा रैकेट मानते हुए मामले को सीबीआई को सुपुर्द कर था.

Intro:यूको बैंक में हुए 186 करोड़ के फर्जी ऋण मामले में आज मुरैना में सीबीआई की टीम ने एक साथ छह ठिकानों पर कार्रवाई की यह कार्रवाई शांति विहार हाउस के मालिक हो महेंद्र अग्रवाल हरीश बंसल और श्रीमती हीरा जैन के निवास और वेयर हाउस पर एक साथ की गई इसी तरह देवीराम वेयर हाउस अंबा श्रीनिवास शर्मा और उसके जुड़े ठिकानों पर सीबीआई ने तलाशी अभियान चलाकर दस्तावेज खंगाले इसके अलावा बीजा सेन एग्रो वेयरहाउस कॉरपोरेशन मुरैना के संचालक रविंद्र शर्मा और संगीता शर्मा के निवास पर भी सीबीआई की टीम लगातार कार्रवाई करती रही ।


Body:यूको बैंक की मुरैना शाखा से 2000 13 से लेकर और 17 तक वेयर हाउस की भंडारण पर जारी की जाने वाली फर्जी रसीद ओं के आधार पर 10 वेयर हाउस संचालकों ने 186 करोड़ के फर्जी लोन किए थे इन्हीं मामलों को लेकर पिछले 2 माह पूर्व भी सीबीआई की टीम मुरैना आई थी और लगातार कार्यवाही कर बड़ी मात्रा में दस्तावेज और नकद रकम मुरैना से जप्त कर ले गई थी ।


Conclusion:जब यूको बैंक को वेयर हाउस के भंडारण की रसीद ऊपर स्वीकृत किए गए ऋण की रकम की वसूली समय से नहीं हुई तब बैंक ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच पड़ताल की बैंक की जांच के दौरान सामने आया कि जिन रसीद ओं के आधार पर ऋण स्वीकृत किए गए उन शहीदों से संबंधित व्यवसायों में कोई भंडारण नहीं हुआ खास बात तो इसमें यह थी कि जिन व्यक्तियों द्वारा निर्णय लिए गए सभी वेयर हाउस और कोल्ड स्टोर संचालकों के परिजन थे न्याया बैंक ने से बड़ा रैकेट मानते हुए मामले को सीबीआई को सुपुर्द कर दिया था तब सीबीआई ने जांच करते हुए मुरैना में सभी वेयर हाउस संचालकों के ठिकानों पर छापामार कार्यवाही की थी और आज यह कार्रवाई दूसरे दौर में है ।
p 2 c - श्याम मोहन डंडोतिया , रिपोर्टर मुरैना
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