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पेट्रोल और डीजल के साथ बढ़ रहा बस का किराया

यात्रियों से बस ऑपरेटर मनमाना किराया वसूल रहे है. परिवहन विभाग और प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है. भले ही यात्री पुलिस प्रशासन और परिवहन विभाग के अधिकारियों से शिकायत करते रहे लेकिन मनमाना किराया वसूली पर अंकुश नहीं लग रहा है.

Bus fare increasing
बढ़ रहा बस का किराया
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Published : Feb 24, 2021, 5:23 PM IST

मुरैना। मुरैना बस स्टैंड से अलग-अलग रूट पर चलने वाली यात्री बस और अन्य वाहन मनमाने तरीके से किराया वसूल रहे है. इसके पीछे बस ऑपरेटर तर्क देते है कि आए दिन डीजल के दामों में वृद्धि हो रही है, इसलिए अधिक किराया वसूलना मजबूरी है. हालात यह है कि मुरैना से धौलपुर की दूरी 18 किलोमीटर है और किराया 40 से 50 रुपए तक वसूला जाता है. किराया निर्धारण को लेकर प्रशासन परिवहन और बस ऑपरेटर के बीच कई बार बैठक हुई, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकलता.

पेट्रोल और डीजल के साथ बढ़ रहा बस का किराया
  • बसों के परमिट रद्द करेंगे- क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी

मुरैना ग्रामीण क्षेत्रों और अन्य जिलों के लिए यात्री वाहन संचालित होते हैं. जिनमें लगभग 200 बसें संचालित होती हैं. इन बसों में किराया संबंधी कोई निर्धारण नहीं है, और ना ही परिवहन विभाग और प्रशासन का इन पर कोई अंकुश है. अवैध किराया वसूली को लेकर क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी अर्चना परिहार का कहना है कि हम इस मामले में आकस्मिक निरीक्षण करेंगे. अवैध किराया वसूल करने वाली बसों के परमिट रद्द करेंगे. लेकिन यह बात सिर्फ मीडिया के सामने बोलने वाली है या वास्तविक रूप से अवैध किराया वसूल करने वाले बस ऑपरेटर अथवा अन्य यात्री वाहन संचालकों के खिलाफ कार्रवाई करने की जहमत परिवहन विभाग के अधिकारी उठा पाएंगे? यह एक बड़ा सवाल है.

  • कहां कितना वसूल होता है किराया
  1. मुरैना से धौलपुर, दूरी- 20 किलोमीटर, किराया- 40 से 50 रुपए
  2. मुरैना से ग्वालियर, दूरी- 38 किलोमीटर, किराया 50 रुपए
  3. मुरैना से पोरसा, दूरी- 55 किलोमीटर, किराया 65 रुपए
  4. मुरैना से सबलगढ़, दूरी- 80 किलोमीटर, किराया 65 से 70 रुपए
  • डीजल की कीमतों में लगातार हो रही वृद्धि

वर्तमान में बस संचालकों द्वारा जिस तरह से किराया वसूल किया जा रहा है, इससे स्पष्ट है कि परिवहन विभाग और प्रशासन किराया निर्धारण नहीं किया है. इसलिए बस ऑपरेटर्स द्वारा मनमाना किराया वसूल किया जा रहा है. हालांकि इसके पीछे बस ऑपरेटर यह तर्क देते हैं कि महीने में 15 से 20 दिन डीजल में वृद्धि होती है. जहां 20 पैसे से लेकर 50 पैसे तक प्रतिदिन डीजल की कीमतों में वृद्धि होने के कारण किराया बढ़ाना हमारी मजबूरी है.

सरकारी सिस्टम की पोल खोलती मजदूरों की कहानी, 4 लाख 37 हजार बस का किराया देकर पहुंचे गांव

  • बैठक में भी नहीं निकला निष्कर्ष

मनमाना किराया वसूल करने को लेकर लगातार हो रही शिकायतों को लेकर प्रशासन ने बस ऑपरेटर और परिवहन विभाग के साथ संयुक्त रूप से कई बैठक की, लेकिन किसी भी बैठक में किराया निर्धारण को लेकर कोई सहमति नहीं बन सकी.

मुरैना। मुरैना बस स्टैंड से अलग-अलग रूट पर चलने वाली यात्री बस और अन्य वाहन मनमाने तरीके से किराया वसूल रहे है. इसके पीछे बस ऑपरेटर तर्क देते है कि आए दिन डीजल के दामों में वृद्धि हो रही है, इसलिए अधिक किराया वसूलना मजबूरी है. हालात यह है कि मुरैना से धौलपुर की दूरी 18 किलोमीटर है और किराया 40 से 50 रुपए तक वसूला जाता है. किराया निर्धारण को लेकर प्रशासन परिवहन और बस ऑपरेटर के बीच कई बार बैठक हुई, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकलता.

पेट्रोल और डीजल के साथ बढ़ रहा बस का किराया
  • बसों के परमिट रद्द करेंगे- क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी

मुरैना ग्रामीण क्षेत्रों और अन्य जिलों के लिए यात्री वाहन संचालित होते हैं. जिनमें लगभग 200 बसें संचालित होती हैं. इन बसों में किराया संबंधी कोई निर्धारण नहीं है, और ना ही परिवहन विभाग और प्रशासन का इन पर कोई अंकुश है. अवैध किराया वसूली को लेकर क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी अर्चना परिहार का कहना है कि हम इस मामले में आकस्मिक निरीक्षण करेंगे. अवैध किराया वसूल करने वाली बसों के परमिट रद्द करेंगे. लेकिन यह बात सिर्फ मीडिया के सामने बोलने वाली है या वास्तविक रूप से अवैध किराया वसूल करने वाले बस ऑपरेटर अथवा अन्य यात्री वाहन संचालकों के खिलाफ कार्रवाई करने की जहमत परिवहन विभाग के अधिकारी उठा पाएंगे? यह एक बड़ा सवाल है.

  • कहां कितना वसूल होता है किराया
  1. मुरैना से धौलपुर, दूरी- 20 किलोमीटर, किराया- 40 से 50 रुपए
  2. मुरैना से ग्वालियर, दूरी- 38 किलोमीटर, किराया 50 रुपए
  3. मुरैना से पोरसा, दूरी- 55 किलोमीटर, किराया 65 रुपए
  4. मुरैना से सबलगढ़, दूरी- 80 किलोमीटर, किराया 65 से 70 रुपए
  • डीजल की कीमतों में लगातार हो रही वृद्धि

वर्तमान में बस संचालकों द्वारा जिस तरह से किराया वसूल किया जा रहा है, इससे स्पष्ट है कि परिवहन विभाग और प्रशासन किराया निर्धारण नहीं किया है. इसलिए बस ऑपरेटर्स द्वारा मनमाना किराया वसूल किया जा रहा है. हालांकि इसके पीछे बस ऑपरेटर यह तर्क देते हैं कि महीने में 15 से 20 दिन डीजल में वृद्धि होती है. जहां 20 पैसे से लेकर 50 पैसे तक प्रतिदिन डीजल की कीमतों में वृद्धि होने के कारण किराया बढ़ाना हमारी मजबूरी है.

सरकारी सिस्टम की पोल खोलती मजदूरों की कहानी, 4 लाख 37 हजार बस का किराया देकर पहुंचे गांव

  • बैठक में भी नहीं निकला निष्कर्ष

मनमाना किराया वसूल करने को लेकर लगातार हो रही शिकायतों को लेकर प्रशासन ने बस ऑपरेटर और परिवहन विभाग के साथ संयुक्त रूप से कई बैठक की, लेकिन किसी भी बैठक में किराया निर्धारण को लेकर कोई सहमति नहीं बन सकी.

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