मुरैना। मध्य प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान कहते हैं कि भ्रष्टाचार करने वालों को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया जाएगा लेकिन देखा जाए तो गरीबों के खाने में सबसे बड़ा भ्रष्टाचार किया जा रहा है. जिसका जीता जागता उदाहरण मुरैना रेलवे स्टेशन पर देखा जा सकता है. जिसमें हजारों क्विंटल खराब और सड़े चावल की रेक मुरैना जिले के लिए भेजी गई है. कोरोना काल में भी गरीबों को बंटने वाला चावल में सरेआम धांधली की जा रही है.
काला पड़ गया है चावल
मुरैना के माल गोदाम पर रखा 35 हजार टन चावल सिवनी से भेजा गया है. जिसे अभी सरकारी गोदामों में भेजा जा रहा है. जहां से राशन को सरकारी राशन की दुकानों पर बंटने के लिए भेजा जाएगा. गरीबों के लिए बंटने के लिए आया ये चावल इतना काला और सड़ा हुआ है कि इसे पशु भी न खाएं. हालांकि जब मीडिया ने मौके पर मौजूद अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने इस चावल को मिल में सफाई के बाद गोदाम में भेजे जाने की बात कही है.
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चावल से आ रही बदबू
मुरैना के पीडीएस दुकानों पर बंटने के लिए चावल की रेक मुरैना स्टेशन के माल गोदाम पर आई हुई है. यह चावल बहुत ही घटिया स्तर का है. चावल पूरी तरह से काला पड़ा हुआ है. बोरों से सड़ा हुआ चावल निकला रहा है. फिर भी इस चावल को गोदामों में भेजने का काम किया जा रहा है. यह चावल पूरी तरह से बारिश में भीगा हुआ है. चावल से बदबू भी आ रही है बता दें कि इससे पहले भी खराब चावल बंट चुका है.