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चंबल के प्राकृतिक वातावरण में छोड़े जाएंगे देवरी के घड़ियाल और दुर्लभ कछुए

मुरैना। देवरी में संचालित राष्ट्रीय घड़ियाल पुनर्वास केंद्र से घड़ियाल और कछुओं को शिवपुरी के पाली घाट में छोड़ा जाएगा. जिससे वो प्राकृतिक वातावरण में रह सकें.

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घड़ियाल और कछुओं को पाली घाट में छोड़ा जाएगा
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Published : Dec 2, 2019, 11:29 PM IST

मुरैना। देवरी के राष्ट्रीय घड़ियाल पुनर्वास केंद्र में पल रहे घड़ियाल और कछुओं को पाली घाट में छोड़ा जाएगा. आपको बता दें कि इन घड़ियालों और कछुओं को चंबल नदी का प्राकृतिक वातावरण मिल सके, इसलिए इन्हें यहां छोड़ा जाएगा.

घड़ियाल और कछुओं को पाली घाट में छोड़ा जाएगा

राष्ट्रीय घड़ियाल सेंचुरी देवरी में पलने वाले घड़ियालों में से 124 घड़ियालों को शिवपुरी के पाली घाट के लिए भेज दिया गया है. इसके साथ ही दुर्लभ प्रजाति के दो कछुओं को भी चंबल नदी में भेज दिया है. ये सभी घड़ियाल और कछुआ चंबल नदी के ऊपरी सिरे यानी शिवपुर जिले के पाली घाट से छोड़े जाएंगे ताकि वो प्राकृतिक वातावरण में और साफ पानी में रहकर अपना जीवन और अधिक विकसित कर सकें.

मुरैना। देवरी के राष्ट्रीय घड़ियाल पुनर्वास केंद्र में पल रहे घड़ियाल और कछुओं को पाली घाट में छोड़ा जाएगा. आपको बता दें कि इन घड़ियालों और कछुओं को चंबल नदी का प्राकृतिक वातावरण मिल सके, इसलिए इन्हें यहां छोड़ा जाएगा.

घड़ियाल और कछुओं को पाली घाट में छोड़ा जाएगा

राष्ट्रीय घड़ियाल सेंचुरी देवरी में पलने वाले घड़ियालों में से 124 घड़ियालों को शिवपुरी के पाली घाट के लिए भेज दिया गया है. इसके साथ ही दुर्लभ प्रजाति के दो कछुओं को भी चंबल नदी में भेज दिया है. ये सभी घड़ियाल और कछुआ चंबल नदी के ऊपरी सिरे यानी शिवपुर जिले के पाली घाट से छोड़े जाएंगे ताकि वो प्राकृतिक वातावरण में और साफ पानी में रहकर अपना जीवन और अधिक विकसित कर सकें.

Intro:राष्ट्रीय चंबल अभ्यारण के तहत देवरी में संचालित राष्ट्रीय घड़ियाल पुनर्वास केंद्र मैं पल रहे घड़ियाल एवं कछुआ ओं को आज वन विभाग के अधिकारियों ने चंबल नदी के प्राकृतिक वातावरण में रहने के लिए पाली घाट भेज दिया है ।


Body:राष्ट्रीय घड़ियाल सेंचुरी देवरी पलने वाले घर वालों में से 124 घरवालों को चंबल नदी में प्राकृतिक वातावरण में स्वच्छंद रूप से जीवन जीने के लिए आज शिवपुर जिले के पाली घाट के लिए भेज दिया गया । इसके साथ ही दुर्लभ प्रजाति के दो कछुआ को भी चंबल नदी में भेज दिया है । यह सभी घड़ियाल और कछुआ चंबल नदी के ऊपरी सिरे यानी शिवपुर जिले के पाली घाट से छोड़े जाएंगे ताकि वह प्राकृतिक वातावरण में एवं साफ स्वच्छ जल में रहकर अपना जीवन और अधिक विकसित करें तथा पर्यावरण संतुलन को बनाए रखने में अपनी भूमिका अदा करेंगे ।

124 घड़ी वालों को चंबल नदी में छोड़ने के लिए विभाग ने चुना है इनकी लंबाई 1. 20 मीटर मीटर है वही वजन 7 केजी से अधिक है इनमे से 120 को संरक्षित चंबल नदी छोड़ा जाएगा वही 24 गढ़ वालों को शासन के आदेशानुसार अन्य अभ्यारण में भेजने की तैयारी है ।


Conclusion:खड़े वालों के साथ साथ सेंचुरी में पल रहे दुर्लभ प्रजाति के टेंटोरियम कछुआ और कछुआ कछुआ प्रजाति के दो कछुआ ओं को भी 200 से अधिक की संख्या में ले जाकर रिलीज किया जाएगा ।
बाईट 1 - पीडी ग्रवियल - डीएफओ मुरैना
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