मुरैना। जिले में रबी सीजन की फसल की बोवनी के लिए खाद की बड़ी किल्लत(Shortage of khad) है. आए दिन किसान धरना प्रदर्शन कर रहे हैं तो कहीं चक्का जाम कर रहे हैं. खाद की कमी ने इसकी कालाबाजारी को भी बढ़ावा दिया है. पोरसा कस्बे के बाहरी क्षेत्र में एक खाली मकान में नकली खाद बनाने की(adulterated dap manure factory) फैक्ट्री का खुलासा हुआ है. मकान में 250 से ज्यादा डी ए पी खाद की पैक बोरियां मिली हैं, जिन्हें इफको कंपनी के ब्रांड से बेचा जा रहा था. बरामद नकली खाद की कीमत करीब सवा करोड़ रुपए बताई जा रही है. छापे में करीब 300 से ज्यादा पैकिंग के लिए लाई गई प्रिंटेड खाली बोरिया भी जब्त हुई हैं. साथ ही ग्रो प्लस नामक पाउडर की बोरियां भी मौके से मिली हैं.
नकली खाद फैक्ट्री पकड़ी, सवा करोड़ का माल बरामद
मुरैना जिले की पोरसा तहसील के तहसीलदार विवेक सोनी को यह जानकारी मिली थी, कि कस्बे के बाहरी क्षेत्र में एक मकान में नकली खाद बनाने की फैक्ट्री चल रही है. तहसीलदार ने पुलिस और कृषि विभाग के अधिकारियों को अपने साथ लेकर मकान पर छापा मारा. मौके पर जाकर पता चला कि ग्राम चलो खैर निवासी राजा सिंह तोमर ने एक खाली मकान को 20 दिन पहले दीपावली तक के लिए 2 महीने के लिए किराए पर लिया था. मकान मालिक को यह बताया था कि इसमें दीपावली के सीजन के लिए पुताई का सामान, रंग और चूने का स्टॉक करना है.
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मकान मालिक ने भी मकान को किराए पर दे दिया, लेकिन इसमें रंग और पुताई के लिए चूने का भंडारण करने के बजाए ग्लो प्लस नामक पाउडर का भंडारण किया जाता रहा और नकली खाद(adulterated dap khad factory) का काला कारोबार शुरु हो गया.
आखिर क्यों नहीं बनती खेती फायदे का धंधा
किसान बड़ी उम्मीद के साथ अपनी फसल की बुवाई के लिए अच्छी से अच्छी खाद खरीदने की कोशिश करता है. लेकिन काला कारोबार करने वाले किसानों के अरमानों पर पानी फेर देते हैं. पोरसा में पकड़ी गई नकली खाद की फैक्ट्री इस बात का सबूत है. ये फैक्ट्री पिछले 20 दिनों से चल रही थी. माना जाए कि व्यापारी 1 दिन में 500 बोरी पैक कर बेच रहा था, तो लगभग 70 से 75 लाख रुपये का प्रतिदिन का कारोबार अवैध फैक्ट्री से होता था. इस तरह लगभग 5 से ₹10 करोड़ का काला कारोबार यहां से हो चुका है.
ब्लैक में भेजता था डीएपी खाद
आरोपी ब्लैक में डीएपी खाद बेचता था, ताकि लोगों को लगे के खाद की किल्लत है और वो असली खाद बेच रहा है. वो नकली खाद भी ज्यादा दाम पर बेचता था, ताकि खरीदने वालों को लगे कि वो असली खाद खरीद रहे हैं, ब्लैक में ही सही.
मुरैना में बड़े पैमाने पर काला कारोबार होने की आशंका
कैलारस कस्बे में बीज पैकिंग करने का बड़ा कारोबार है. जहां देश की नामी-गिरामी विभिन्न कंपनियों के ब्रांड के बीज और खाद तैयार की जाती रही है. लेकिन आज तक वहां प्रशासनिक अधिकारी और कृषि विभाग के अधिकारियों ने कोई कार्यवाही नहीं की. कार्यवाही के नाम पर सिर्फ सैंपलिंग ले लेते हैं. जब तक रिपोर्ट आती है तब तक रबि और खरीफ सीजन की बोरी का समय निकल चुका होता है. अगर बेचने वाले पर कोई कार्रवाई भी होती है तो वो भी नाम मात्र की. सिर्फ एक या 2 दिन के लिए उसका लाइसेंस निलंबित किया जाता है. वह भी उस समय जब खाद और बीज बिक्री का काम खत्म हो चुका होता है. यही कारण है कि नकली खाद और बीज का कारोबार मुरैना जिले में बड़ै पैमाने पर होने की आशंका है.