मुरैना। मध्यप्रदेश के मुरैना जिले में जहरीली शराब (Poisonous liquor) पीने से मरने वालों की संख्या 12 हो गई है. इस बात की पुष्टि चंबल रेंज के आईजी ने कर दी है. मौत के बाद परिजनों ने पीएम हाउस पर हंगामा किया. वहीं परिजनों ने पुलिस पर शराब माफियाओं को संरक्षण देने के आरोप लगाया है. ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस अधीक्षक से लेकर मुख्यमंत्री तक अवैध शराब बेचने की शिकायत की थी, अगर पुलिस समय पर कार्रवाई करती तो इतनी मौतें नहीं होती. गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में पिछले पांच महीनों में 31 लोगों की जहरीली शराब पीने से मौत हो चुकी हैं. मौत की ये घटनाएं उज्जैन, खरगोन,बड़वानी और अब मुरैना से सामने आई हैं.
मुरैना में 12 लोगों की मौत
मुरैना जिले में जहरीली शराब की घटना बागचीनी थाना स्थित छेरा मानपुर गांव और सुमावली थाना के पहवाली गांव की है. बताया जा रहा है कि छेरा मानपुर गांव में जहरीली शराब से 8 लोगों की मौत हो गई तो वहीं पहवाली गांव में 3 व्यक्ति की जहरीली शराब पीने से मौत हो गई. जबकि, गंभीर रूप से बीमार में से 5 लोगों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है. वहीं, 3 को गंभीर हालत में इलाज के लिए ग्वालियर रेफर कर दिया गया है.
ग्रामीणों ने लगाया पुलिस पर आरोप
पुलिस के मुताबिक लोगों की मौत अधिक शराब पीने से हुई हैं या फिर जहरीली शराब पीने से हुई हैं. ये जांच के बाद ही पता चलेगा. इस मामले के बाद पुलिस शराब बेचने वालों को पकड़ने के लिए दबिश दे रही हैं. लेकिन ग्रामीण पुलिस पर शराब न पकड़ने का आरोप लगा रहे हैं.
क्या है पूरा मामला ?
जानकारी के अनुसार बगचीनी थाना क्षेत्र के छैरा मानपुर गांव में जितेंद्र यादव की सोमवार की सुबह जहरीली शराब पीने से हालत बिगड़ी थी. उसे जिला अस्पताल से ग्वालियर रेफर किया गया. जहां इलाज से पहले ही उसकी मौत हो गई. परिजन उसका शव वापस गांव ले आये और अंतिम संस्कार कर दिया. लेकिन सोमवार की देर रात वही जहरीली शराब पीने से छैरा मानपुर गांव के ही 12 से ज्यादा लोगों की तबीयत खराब हो गई. जिसके बाद परिजन जौरा अस्पताल लेकर पहुंचे. जहां मरीज की गंभीर हालत को देखते हुए जिला अस्पताल रेफर कर दिया. जिला अस्पताल पहुंचने के बाद इलाज के दौरान चार लोगों की मौत हो गई. जबकि दो लोगों की गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें ग्वालियर रेफर कर दिया गया. जहां अस्पताल जाते वक्त रास्ते में ही एक व्यक्ति की मौत हो गई.
बढ़ सकता है मौत का आंकड़ा
जिला अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर राघवेंद्र यादव का कहना है कि अभी मौत का आंकड़ा ओर बढ़ सकता है. वहीं इस मामले में पुलिस का कहना है कि जांच कर रहे हैं कि कौन-कौन शराब बेचता है. पुलिस आरोपियों को पकड़ने के लिए रात से ही दबिश दे रही हैं.
गांव में बन रही कच्ची शराब
वहीं ग्रामीणों को कहना है कि गांव के कुछ लोग कच्ची शराब बनाने का काम कर रहे हैं और गांव के साथ-साथ ये लोग आसपास के क्षेत्रों में भी सप्लाई करते हैं. जिसकी वजह से ये घटना घटित हुई है. लेकिन पुलिस को जानकारी होने के बाद भी नहीं पकड़ती है.
उज्जैन जहरीली शराब कांड
बता दें कि मध्यप्रदेश में ये कोई पहला मामला नहीं है जब जहरीली शराब पीने से इतने लोगों की मौत हुई है. 14 अक्टूबर 2020 को उज्जैन में जहरीली शराब पीने से 16 लोगों की मौत हो गई थी. शराब बनाने के लिए एथॉनल के साथ काफी मात्रा में मेथनॉल की ज्यादा मात्रा में मिलावट से हुई थी. जिसकी पुष्टि एफएसएल अधिकारी प्रीति गायकवाड़ ने की थी. मेथनॉल शरीर के लिए रासायनिक जहर है, इसकी 10 एमएल की मात्रा इंसान को अंधा बना देती है. मामले में मुख्य आरोपी नगर निगम के कर्मचारी यूनुस और सिकंदर जो पूरे नगर निगम के दफ्तर की छत पर इसे बनाते थे. इनका साथ अशोक नगर निवासी महिला निधि व तीन आरक्षक अनवर, नवाज और सुदेश खोड़े देते थे.
खरगोन में 2 लोगों की गई थी जान
वहीं हाल ही में 9 जनवरी को खरगोन में भी जहरीली शराब पीने से दो लोगों की मौत हो गई थी. साथ ही 15 लोगों की तबीयत बिगड़ गई थी.
बड़वानी में भी हुई थी मौत
6 सितंबर 2020 को बड़वानी के निवाली थाना अंतर्गत जहरीली शराब पीने से दो लोगों की मौत हुई थी. जानकारी के मुताबिक सेंधवा के दिवानिया गांव में जहरीली शराब पीने से जहां 2 लोगों की मौत हो गई थी, वहीं 6 लोगों की तबियत बिगड़ गई थी.