भोपाल: राजधानी में 4 जनवरी को विश्व ब्रेल दिवस के अवसर पर सामाजिक न्याय विभाग संचालनालय में समदृष्टि क्षमता विकास एवं अनुसंधान मंडल (सक्षम) के सहयोग से राज्य स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें अस्थिबाधित दिव्यांगों को सीएम डॉ मोहन यादव ने मोटराइज्ड ट्राई साइकिल प्रदान की. इस अवसर पर सामाजिक कल्याण विभाग के आयुक्त डॉ रामराव भोसले के द्वारा ब्रेल लिपि पर लिखी पुस्तक और सामाजिक न्याय विभाग के पोस्टर का विमोचन सीएम ने किया.
'दिव्यांग भाई चुनौतियों को पार करने में सक्षम'
सीएम मोहन यादव ने कहा कि "आज बहुत अच्छा दिन है, अस्थिबाधित दिव्यांगजनों को मोटराइज्ड ट्राई साइकिल प्रदान की जा रही है. अब यदि उनको घर पर रहना हो तो इसे व्हील चेयर के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं. वहीं यदि घर से बाहर जाना है तो दोनों को जोड़कर सफर पर निकल सकते हैं. सीएम ने कहा कि परमात्मा ने हमें मानव के रूप में जीवन तो दिया, लेकिन इसके साथ कुछ चुनौतियां भी दी हैं. चुनौती का सामना वहीं कर सकता है, जो वीर हो. ऐसे हमारे महावीर दिव्यांग भाई चुनौतियों को पार करने में सक्षम हैं."
'गर्भ में रहने के दौरान अष्टावक्र ने पिता को हराया'
सीएम मोहन यादव ने कहा कि "अष्टावक्र बहुत विद्वान थे, उनके पिता भी विद्धान थे. लेकिन अष्टावक्र जब मां के गर्भ में थे, तब ही उन्होंने अपने पिता से शास्त्रार्थ कर लिया. इसमें उनके पिता अष्टावक्र से हार गए. इससे गुस्साए उनके पिता ने अपने बेटे को गर्भ में श्राप दे दिया लेकिन जब अष्टावक्र राजा जनक के दरबार में पहुंचे, तो वहां समाज का दृष्टिदोष दिखाई दिया. वहां लोग अष्टावक्र के शरीर को देखकर हंसने लगे तब अष्टावक्र ने बताया कि लोग मेरी हड्डी और चमड़ी देखकर मेरी विद्वता का अंदाजा न लगाएं. लेकिन जब अष्टावक्र ने बोलना शुरू किया तो दरबार में बैठे लोग दंग रह गए."
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प्रदेश में 4.35 लाख दिव्यांग मतदाता
यहां आयोजित कार्यक्रम में बताया कि साल 2016 तक केवल 7 प्रकार की विकलांगता ही मानी जाती थी. जिसे 2016 से बढ़ाकर 21 प्रकार का कर दिया गया. साल 2011 की जनगणना के अनुसार देश में 4 करोड़ लोग दिव्यांग थे. उस समय 7 प्रकार की विकलांगता मानी जाती थी. अब 21 प्रकार की मानी जाती है, ऐसे में दिव्यांगो का अनुपात भी बढ़ा है. मध्यप्रदेश में करीब 16.60 लाख दिव्यांग हैं. इनमें 27 प्रतिशत रजिस्टर्ड मतदाता हैं. राज्य निर्वाचन की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में 4,35,451 दिव्यांग मतदाता हैं. इनमें ढाई लाख लोकोमोटर, 72 हजार दृष्टिबाधित, 58 हजार श्रवणबाधित और 53 हजार अन्य प्रकार के दिव्यांग हैं.