मुरैना। कोरोना महामारी और लॉकडाउन के चलते सभी लोगों की आवाजाही पूरी तरह से बंद हो गई, इसी वजह से लोग घरों में कैद रहे, लेकिन जिले में कई परिवार ऐसे हैं, जिनके घरों में किसी व्यक्ति की मौत हो गई और दाह संस्कार के बाद उनकी अस्थियां लॉकडाउन के चलते गंगा में विसर्जन नहीं हो पाई. ऐसे ही करीब 60 अस्थि कलश अब शहर के समाज सेवियों की बदौलत गंगा में विसर्जित किए जाएंगे.
इस लॉकडाउन के अंतराल में जिन घरों में किसी व्यक्ति की मौत हो चुकी है, उनके अस्थि कलश 60 के लगभग मुरैना बड़ोखर स्थित मुक्तिधाम के लॉकर में कैद हैं. शहर की नेकी की दीवार के समाजसेवियों की पहल द्वारा मुक्तिधाम में सभी अस्थि कलश को गंगा में विसर्जित करने के लिए व्यवस्था की जा रही है. जिसके लिए जिले भर से पंजीयन होना शुरू हो गए, अभी तक 2 दर्जन से अधिक लोगों ने गंगा जाने के लिए पंजीयन करा दिए हैं. खास बात ये है, लगभग 100 लोगों को तीन बसों से सोरों स्थित गंगा तक आना-जाना और खाना पूरी तरह निशुल्क रहेगा.
उल्लेखनीय है कि 24 मार्च से ही पूरे देश मे लॉकडाउन लागू कर दिया गया, जिसके चलते जिले में जिन परिवारों में लोगों की मौत हुई थी वह गरीब परिवार लॉकडाउन में यातायात बंद होने के कारण अपने परिजनों की अस्थियों को विसर्जित नहीं कर पाए. यही वजह है जिले के मुक्तिधाम में 60 से ज्यादा अस्थि कलश लॉकर में रखे हैं. मुरैना की नेकी की दीवार के समाजसेवियों की एक अच्छी पहल से लॉकर में कैद अस्थि कलश अब गंगा में विसर्जित किए जाएंगे.
सोरों स्थित गंगा मईया अस्थि कलश ले जाने के लिए जिले के सबलगढ़, टेंटरा, कैलारस, जौरा, अम्बाह, पोरसा और मुरैना से लोग नेकी की दीवार पर अपना पंजीयन करा रहे हैं. अभी तक दो दर्जन से ज्यादा लोगों ने पंजीयन करा दिया है. जो लोग लॉकडाउन के चलते दो माह से अधिक हो जाने के बाद भी अपने परिजनों के अस्थि कलश गंगा में विसर्जित नहीं कर पा रहे थे वो लोग इस पहल से काफी खुश हैं.
समाजसेवियों का कहना है कि हमारा उद्देश्य सिर्फ उन लोगों की समस्या को हल कर उनके चेहरे पर खुशी लाना है. ऐसे विपरीत समय में हम सभी को एक दूसरे की मदद करनी चाहिए, यही मानवता का धर्म है. साथ ही लोगों से भी अपील है, इस संकट में ज्यादा से ज्यादा सामने आकर एक दूसरे की मदद करनी चाहिए.
मुक्तिधाम के लॉकर में बंद अस्थि कलशों को गंगा तक ले जाने के लिए 3 बसों की व्यवस्था की गई है, जिसमें 100 से ज्यादा लोगों को ले जाया जाएगा. इस यात्रा का पूरा खर्च नेकी की दीवार उठाएगी. बस में बैठने से पहले बसों को सैनेटाइज किया जाएगा और लोगों को मास्क, हैंडवाश भी दिया जाएगा, इसके साथ बस के अंदर सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष ध्यान रखा जाएगा.