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घड़ियाल के 50 बच्चों ने रखा दुनिया में पहला कदम, चंबल नदी से लाए गए थे अंडे

घड़ियाल पालन केंद्र देवरी में लगभग 50 घड़ियालों को हैचिंग हुई. चंबस नदी से लाए गए इन अंडों को हैचिंग केंद्र में रखा गया था.

alligators hatching
घड़ियाल के अंडों की हैचिंग
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Published : May 27, 2020, 2:20 PM IST

मुरैना। राष्ट्रीय चंबल अभ्यारण के संरक्षित क्षेत्र चंबल नदी से इस वर्ष एकत्रित किए गए घड़ियालों के 2 सैकड़ा अंडों से आज आधा सैकड़ा घड़ियाल के बच्चों ने दुनिया में पहला कदम रखा. इस दौरान घड़ियाल पालन केंद्र देवरी में डीएफओ ब्रजेन्द्र झा सहित जलीय जीवों पर रिसर्च कर रहे अन्य शोधकर्ता भी उपस्थित रहे.

घड़ियाल के अंडों की हैचिंग

राष्ट्रीय चंबल डॉल्फिन अभ्यारण के लिए महानदी चंबल को संरक्षित किया गया है. इसमें जो भी जलीय जीव ऐसे हैं, जिनकी की प्रजाति लुप्त होती जा रही है. उन्हें संरक्षित करने का कार्य चंबल अभ्यारण और घड़ियाल पालन केंद्र के माध्यम से किया जाता है. जलीय जीवों की प्रजाति में घड़ियाल भी एक प्रजाति है, जो प्रायः लुप्त होता जा रहा था, जिसे बचाने के लिए चंबल नदी को चुना गया.

घड़ियालओं की संख्या को बढ़ाने के लिए चंबल नदी से फरवरी और मार्च के महीने में उनके अंडों को एकत्रित किया जाता है और उन्हें प्राकृतिक वातावरण और तापमान देकर इको सेंटर के हैचिंग केंद्र में रखा जाता है. घड़ियालों के अंडों की जैसे ही हैचिंग होती है उसके बाद सभी नवजात घड़ियाल के बच्चों को संक्रमण से बचाने क्लोरोफॉर्म युक्त पानी मे डालकर साफ किया जाता है, फिर उन्हें साफ पानी वाले छोटे पूल में रखा जाता है.

घड़ियाल केंद्र में प्रतिवर्ष चंबल नदी से 200 अंडे एकत्रित करके लाए जाते हैं और इन्हें विशेषज्ञों की देख रेख में हैचरी में रखा जाता है. घड़ियालओं के अंडे जब हैचिंग के लिए तैयार हो जाते हैं तब विशेषज्ञों की देखरेख में हैचिंग कराई जाती है. घड़ियाल पालन केंद्र देवरी में आधा सैकड़ा से अधिक अंडों की हैचिंग कराई गई. इस दौरान वन विभाग के सीसीएफ वाइल्ड लाइफ और वन मंडल अधिकारी के साथ कुछ शोधकर्ता विशेषज्ञ भी मौजूद रहे.

मुरैना। राष्ट्रीय चंबल अभ्यारण के संरक्षित क्षेत्र चंबल नदी से इस वर्ष एकत्रित किए गए घड़ियालों के 2 सैकड़ा अंडों से आज आधा सैकड़ा घड़ियाल के बच्चों ने दुनिया में पहला कदम रखा. इस दौरान घड़ियाल पालन केंद्र देवरी में डीएफओ ब्रजेन्द्र झा सहित जलीय जीवों पर रिसर्च कर रहे अन्य शोधकर्ता भी उपस्थित रहे.

घड़ियाल के अंडों की हैचिंग

राष्ट्रीय चंबल डॉल्फिन अभ्यारण के लिए महानदी चंबल को संरक्षित किया गया है. इसमें जो भी जलीय जीव ऐसे हैं, जिनकी की प्रजाति लुप्त होती जा रही है. उन्हें संरक्षित करने का कार्य चंबल अभ्यारण और घड़ियाल पालन केंद्र के माध्यम से किया जाता है. जलीय जीवों की प्रजाति में घड़ियाल भी एक प्रजाति है, जो प्रायः लुप्त होता जा रहा था, जिसे बचाने के लिए चंबल नदी को चुना गया.

घड़ियालओं की संख्या को बढ़ाने के लिए चंबल नदी से फरवरी और मार्च के महीने में उनके अंडों को एकत्रित किया जाता है और उन्हें प्राकृतिक वातावरण और तापमान देकर इको सेंटर के हैचिंग केंद्र में रखा जाता है. घड़ियालों के अंडों की जैसे ही हैचिंग होती है उसके बाद सभी नवजात घड़ियाल के बच्चों को संक्रमण से बचाने क्लोरोफॉर्म युक्त पानी मे डालकर साफ किया जाता है, फिर उन्हें साफ पानी वाले छोटे पूल में रखा जाता है.

घड़ियाल केंद्र में प्रतिवर्ष चंबल नदी से 200 अंडे एकत्रित करके लाए जाते हैं और इन्हें विशेषज्ञों की देख रेख में हैचरी में रखा जाता है. घड़ियालओं के अंडे जब हैचिंग के लिए तैयार हो जाते हैं तब विशेषज्ञों की देखरेख में हैचिंग कराई जाती है. घड़ियाल पालन केंद्र देवरी में आधा सैकड़ा से अधिक अंडों की हैचिंग कराई गई. इस दौरान वन विभाग के सीसीएफ वाइल्ड लाइफ और वन मंडल अधिकारी के साथ कुछ शोधकर्ता विशेषज्ञ भी मौजूद रहे.

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