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2 लाख किसानों की फसलों का होना है पंजीयन, पंजीयन की अंतिम तारीख में महज 5 दिन शेष - मुरैना

2 लाख किसानों की फसलों का होना है पंजीयन, पंजीयन की अंतिम तारीख में महज 5 दिन शेष, किसानों की फसल समर्थन मूल्य खरीदी पर लगातार संकट के मंडरा रहे बादल

फसल पंजीयन
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Published : Mar 9, 2019, 3:11 PM IST

मुरैना। जिले के साथ ही पूरे चंबल अंचल में सरसों का उत्पादन लगातार बढ़ता रहे इसके लिए सरकार किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए सरसों की फसल को समर्थन मूल्य पर खरीदती है. इसके लिए पहले ही किसानों के पंजीयन कर लिए जाते हैं, लेकिन इस बार किसानों की फसल समर्थन मूल्य पर खरीदी होगी इस पर लगातार संकट के बादल मंडरा रहे हैं.

morena, mp
फसल पंजीयन

बता दें जिले में ही नहीं समूचा चंबल अंचल पीला सोना यानी सरसों की पैदावार और सरसों तेल उत्पादन के लिए पूरे देश मे जाना जाता है. वहीं इस बार जिले में दो लाख से अधिक किसानों ने 1 लाख 51 हजार हेक्टेयर में सरसों की बुआई की है और फसल के लिए वातावरण भी अनुकूल रहा. लिहाजा उत्पादन अच्छा होने की संभावना है. पिछले साल 1 लाख 45 हजार हेक्टेयर में सरसों की पैदावार हुई थी और इस बार 6000 हेक्टेयर में सरसों की अधिक बोवनी हुई है.

फसल पंजीयन

समर्थन मूल्य पर सरसों सहित अन्य फसलों की बिक्री के लिए 1 माह से ऑनलाइन पंजीयन होना शुरू हुआ, जिसके तहत अभी तक सिर्फ सरसों के लिए 6,340, गेहूं के लिए 18,433 किसानों के ही पंजीयन हुए हैं. वहीं पंजीयन की अंतिम तारीख में महज 5 दिन शेष है और 2 लाख से अधिक किसानों के पंजीयन होना बाकी है. ऐसे में इतने किसानों के पंजीयन कैसे संभव है, ये आम किसानों की चिंता का कारण बना हुआ है.

मुरैना। जिले के साथ ही पूरे चंबल अंचल में सरसों का उत्पादन लगातार बढ़ता रहे इसके लिए सरकार किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए सरसों की फसल को समर्थन मूल्य पर खरीदती है. इसके लिए पहले ही किसानों के पंजीयन कर लिए जाते हैं, लेकिन इस बार किसानों की फसल समर्थन मूल्य पर खरीदी होगी इस पर लगातार संकट के बादल मंडरा रहे हैं.

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फसल पंजीयन

बता दें जिले में ही नहीं समूचा चंबल अंचल पीला सोना यानी सरसों की पैदावार और सरसों तेल उत्पादन के लिए पूरे देश मे जाना जाता है. वहीं इस बार जिले में दो लाख से अधिक किसानों ने 1 लाख 51 हजार हेक्टेयर में सरसों की बुआई की है और फसल के लिए वातावरण भी अनुकूल रहा. लिहाजा उत्पादन अच्छा होने की संभावना है. पिछले साल 1 लाख 45 हजार हेक्टेयर में सरसों की पैदावार हुई थी और इस बार 6000 हेक्टेयर में सरसों की अधिक बोवनी हुई है.

फसल पंजीयन

समर्थन मूल्य पर सरसों सहित अन्य फसलों की बिक्री के लिए 1 माह से ऑनलाइन पंजीयन होना शुरू हुआ, जिसके तहत अभी तक सिर्फ सरसों के लिए 6,340, गेहूं के लिए 18,433 किसानों के ही पंजीयन हुए हैं. वहीं पंजीयन की अंतिम तारीख में महज 5 दिन शेष है और 2 लाख से अधिक किसानों के पंजीयन होना बाकी है. ऐसे में इतने किसानों के पंजीयन कैसे संभव है, ये आम किसानों की चिंता का कारण बना हुआ है.

Intro:मुरैना जिले ही नही समूचा चंवल अंचल पीला सोना यानी कि सरसो की पैदावार और सरसो तैल उत्पादन के लिए पूरे देश मे जाना जाता है । अंचल में सरसो का उत्पादन लगातार बढ़ता रहे इसलिए सरकार किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए सरसो की फसल को समर्थन मूल्य पर खरीदती है । इस खरीदी के लिए पूर्व में ही किसानों के पंजीयन कर लिए जाते है । लेकिन इस बार किसानों की फसल समर्थन मूल्य पर खरीदी होगी इस पर लगातार संकट के बादल मंडरा रहे है ।


Body:ज्ञात को की जिले में दो लाख से अधिक किसानो ने 1लाख 51हजार हेक्टेयर में सरसों की बुआई की है और फसल के लिए वातावरण भी अनुकूल रहा , लिहाजा उत्पादन अच्छा होने की संभावना है । पिछले बर्ष 1 लाख 45 हजार हेक्टेयर में सराओ की पैदावार हुई थी और इस बार 6 हजार हेक्टेयर में सरसो की अधिक बोवनी हुई । समर्थन मूल्य पर सरसों सहित अन्य फसलों की बिक्री के लिए एक माह से ऑनलाइन पंजीयन कराना होना शुरू हुआ ,जिसके तहत अभी तक सिर्फ सरसो के लिए 6 हजार 340 , गेहूं के लिए 18 हजार 433 किसानों के ही पंजीयन हुए है । पंजीयन की अंतिम तारीख में महज 5 दिन शेष है और 2 लाख से अधिक किसानो के पंजीयन होना बाकी है ऐसे में इतने किसानो के पंजीयन कैसे संभव है , ये आम किसानों की चिंता का कारण है ।


Conclusion:कभी ऑनलाइन पोर्टल की साइड न चलना , तो कभी सर्वर की परेशानी तो कभी कर्मचारियों के अभाव का रोना रो रहे विभागों की समस्यायों का दुष्परिणाम भोगेंगे बेचारे किसान । ऐसे हालात में पंजीयन से बंचित किसान अपनी फसल को उचित दामों पर नही बेच पाएंगे तो आर्थिक मार झेलनी पड़ेगी । अब देखना है कि कांग्रेस सरकार सभी किसानों को पंजीयन किस तरह कराएगी ताकि अंचल के हर किसान अलनी गेहू और सरसों की फसल कैसे उचित दाम पर बेच पाएंगे ये तो आना वाला समय ही बताहेगा ।

बाईट 1 - के सी पटेल - सहायक संचालक , कृषि विकास एवं किसान कल्याण
बाईट- 2 विपिन श्रीवास्तव - जिला खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी मुरैना
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