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एक साल की मेहनत पर जाम ने फेरा पानी, देर से पहुंचने पर पेपर नहीं दे पाये छात्र

जाम लगने की वजह से छात्र-छात्राएं परीक्षा केंद्र तक समय से नहीं पहुंच सके. जिसकी वजह से उन्हें प्रवेश नहीं दिया गया. जिस कारण से उनका एक साल बर्बाद हो गया. वहीं, जिम्मेदार भी इस बारे में कोई जवाब नहीं दे रहे हैं.

परेशान छात्र
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Published : Mar 9, 2019, 11:32 PM IST

मुरैना। 12वीं के छात्र-छात्राएं अंग्रेजी का पेपर नहीं दे पाये क्योंकि जाम में फंसे होने की वजह से लेट हो गए, जिसके चलते वे परीक्षा नहीं दे पाए. जब परीक्षार्थी शिकायत करने कलेक्टर निवास पहुंचे तो वहां दो घंटे तक इंतजार के बाद भी कोई उनकी बात सुनने नहीं आया.

दरअसल, प्रशासन को चाहिए कि परीक्षा के दौरान यातायात को व्यवस्थित करे, ताकि जाम न लगने पाये. जाम लगने की वजह से छात्र-छात्राएं परीक्षा केंद्र तक समय से नहीं पहुंच सके. जिसकी वजह से उन्हें प्रवेश नहीं दिया गया. जिस कारण से उनका एक साल बर्बाद हो गया. वहीं, जिम्मेदार भी इस बारे में कोई जवाब नहीं दे रहे हैं.

परेशान छात्र

वैसे तो सरकार, अधिकारी छात्र-छात्राओं को देश का भविष्य बताते हुए बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, जबकि जरूरत पड़ने पर इनकी सुनवाई करने कोई नहीं आया. शिकायत लेकर पहुंचे छात्र-छात्राओं से मिलने के लिए नहीं पहुंचा, जबकि मीडिया के सवाल पर भी अधिकारी खामोश हैं.

मुरैना। 12वीं के छात्र-छात्राएं अंग्रेजी का पेपर नहीं दे पाये क्योंकि जाम में फंसे होने की वजह से लेट हो गए, जिसके चलते वे परीक्षा नहीं दे पाए. जब परीक्षार्थी शिकायत करने कलेक्टर निवास पहुंचे तो वहां दो घंटे तक इंतजार के बाद भी कोई उनकी बात सुनने नहीं आया.

दरअसल, प्रशासन को चाहिए कि परीक्षा के दौरान यातायात को व्यवस्थित करे, ताकि जाम न लगने पाये. जाम लगने की वजह से छात्र-छात्राएं परीक्षा केंद्र तक समय से नहीं पहुंच सके. जिसकी वजह से उन्हें प्रवेश नहीं दिया गया. जिस कारण से उनका एक साल बर्बाद हो गया. वहीं, जिम्मेदार भी इस बारे में कोई जवाब नहीं दे रहे हैं.

परेशान छात्र

वैसे तो सरकार, अधिकारी छात्र-छात्राओं को देश का भविष्य बताते हुए बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, जबकि जरूरत पड़ने पर इनकी सुनवाई करने कोई नहीं आया. शिकायत लेकर पहुंचे छात्र-छात्राओं से मिलने के लिए नहीं पहुंचा, जबकि मीडिया के सवाल पर भी अधिकारी खामोश हैं.

Intro:एंकर - मुरैना में शासन प्रशासन की लापरवाही की सजा छात्र-छात्राओं को भुगतनी पड़ी। 12वीं कक्षा के अंग्रेजी के पेपर देने आए छात्र छात्राएं जाम में फंसे होने की वजह से लेट हो गए जिसके बाद उन्हें परीक्षा केन्द्र में प्रवेश नहीं दिया गया। जिसकी शिकायत करने जब वह कलेक्टर बंगले पहुंचे तो वह 2 घंटे तक खड़े होने के बाद भी कोई अधिकारी उनकी समस्या सुनने नहीं आया।वैसे तो सरकार, नेता,अधिकारी इन छात्र-छात्राओं को देश का भविष्य कहते हुए बड़ी-बड़ी बातें करते हैं जरूरत पड़ने पर इनकी सुनवाई करने कोई नहीं आया।

वीओ1 - शासन-प्रशासन का काम है कि वो रास्तों पर जाम ना लगने दे, अगर लगा है तो उसे हटवाना भी उनका ही काम है।जाम लगने से आज 12 छात्र-छात्राओं का 1 साल खराब हो गया इसकी भरपाई आखिर कौन करेगा। वहीं घंटों तक अपनी शिकायत लेकर पहुंचे छात्र-छात्राओं से मिलने के लिए इनकी सुनवाई करने के लिए क्या किसी अधिकारी के पास समय नहीं था। यह वह सवाल है जो आज के अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाते हैं।अधिकारियों से बात करने पर कैमरे के सामने बोलने के लिए कोई तैयार नही था।


Body:बाईट1 - प्रीति - छात्रा
बाईट2 - नेहा भदौरिया - छात्रा


Conclusion:
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