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नहीं थम रहा राष्ट्रीय पक्षी की मौत का सिलसिला, डॉक्टरों ने जताई ये आशंका - मोर की मौत

मंदसौर में दो मोरों के मरने और एक के घायल होने का मामला सामने आया है, डॉक्टरों ने इन पक्षियों पर जंगली जानवरों के हमले के अलावा विपरीत मौसम की मार के असर की आशंका जताई है.

injured peacock
घायल मोर
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Published : Jun 10, 2020, 2:04 AM IST

Updated : Jun 10, 2020, 9:24 PM IST

मंदसौर। मल्हारगढ़ तहसील के ग्राम लसूडिया कद माला में लगातार राष्ट्रीय पक्षी मोर की मौत का मामले सामने आया है. यहां फिर से दो मोर के मरने के अलावा एक मोर के घायल होने की खबर मिली है. इसके बाद प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंचा और मामले की नए सिरे से जांच शुरू कर दी है.

डॉक्टर

बीते एक हफ्ते के दौरान ग्राम लसूडिया कद माला में 6 मोरों की मौत का मामले सामने आया है. प्रजनन काल में राष्ट्रीय पक्षी की लगातार मौत से ग्रामीणों के अलावा प्रशासनिक अमला भी चिंतित है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इन पक्षियों की मौत का कारण जहरीले पदार्थ का सेवन है. डॉक्टरों ने इन पक्षियों पर जंगली जानवरों के हमले के अलावा विपरीत मौसम की मार के असर की आशंका जताई है.

मोर की मौत के मामले की सूचना ग्रामीणों द्वारा वन विभाग के अधिकारियों को दी गई है, जिसके बाद विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर पंचनामा बनाया और जांच शुरू कर दी है. स्थानीय पर्यावरण प्रेमियों ने इस मामले में तत्काल जांच कर इन पक्षियों की सुरक्षा करने और मौत के कारणों का पता लगाने की मांग की है.

मंदसौर। मल्हारगढ़ तहसील के ग्राम लसूडिया कद माला में लगातार राष्ट्रीय पक्षी मोर की मौत का मामले सामने आया है. यहां फिर से दो मोर के मरने के अलावा एक मोर के घायल होने की खबर मिली है. इसके बाद प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंचा और मामले की नए सिरे से जांच शुरू कर दी है.

डॉक्टर

बीते एक हफ्ते के दौरान ग्राम लसूडिया कद माला में 6 मोरों की मौत का मामले सामने आया है. प्रजनन काल में राष्ट्रीय पक्षी की लगातार मौत से ग्रामीणों के अलावा प्रशासनिक अमला भी चिंतित है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इन पक्षियों की मौत का कारण जहरीले पदार्थ का सेवन है. डॉक्टरों ने इन पक्षियों पर जंगली जानवरों के हमले के अलावा विपरीत मौसम की मार के असर की आशंका जताई है.

मोर की मौत के मामले की सूचना ग्रामीणों द्वारा वन विभाग के अधिकारियों को दी गई है, जिसके बाद विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर पंचनामा बनाया और जांच शुरू कर दी है. स्थानीय पर्यावरण प्रेमियों ने इस मामले में तत्काल जांच कर इन पक्षियों की सुरक्षा करने और मौत के कारणों का पता लगाने की मांग की है.

Last Updated : Jun 10, 2020, 9:24 PM IST
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