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11 सूत्रीय मांगों को लेकर सफाई कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर, निगम ऑफिस में लगा रहा ताला

11 सूत्रीय मांगों को लेकर निगम के सफाईकर्मी हड़ताल पर है. जिनमें सातवां वेतन मान की दूसरी किश्त और दो महीने से वेतन का भुगतान ना होना प्रमुख है.इनके साथ ही निगम के अन्य कर्मचारियों ने भी निगम के एक भी दफ्तर का ताला नहीं खुला है.

प्रदर्शन के दौरान कर्मचारी
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Published : Aug 2, 2019, 8:29 PM IST

मुरैना। नगर निगम के सफाई कर्मचारियों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है. सफाई कर्मचारियों के साथ-साथ नगर निगम दफ्तर के कर्मचारी भी हड़ताल पर हैं. जिसकी वजह से नगर निगम कार्यालय के एक भी दफ्तर का ताला नहीं खोला गया.

सफाई कर्मचारी की हडताल

सफाई कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने के बाद शहर की सफाई व्यवस्था ठप हो गई. सभी कर्मचारी दफ्तर के बाहर पेड़ की छांव में बैठे रहे. जिसके चलते शहर में जगह-जगह कचरे के ढेर लग गए, सभी कर्मचारी 11 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं. कर्मचारियों की मुख्य मांगों में उनके सातवें वेतनमान के एरियर की दूसरी किश्त का न मिलना और दो महीने से वेतन का भुगतान ना होना प्रमुख है.

कर्मचारियों का कहना है कि जब तक मांगें नहीं मानी जाएंगी तब तक हड़ताल पर बैठे रहेंगे. कर्मचारियों ने कहा कि कुछ पार्षद हमारा शोषण कर रहे हैं. कर्मचारियों ने नगर निगम कमिश्नर के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे भी लगाए. बता दे, सफाई कर्मचारी पहले भी कई बार अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन दे चुके है लेकिन उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया है.

मुरैना। नगर निगम के सफाई कर्मचारियों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है. सफाई कर्मचारियों के साथ-साथ नगर निगम दफ्तर के कर्मचारी भी हड़ताल पर हैं. जिसकी वजह से नगर निगम कार्यालय के एक भी दफ्तर का ताला नहीं खोला गया.

सफाई कर्मचारी की हडताल

सफाई कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने के बाद शहर की सफाई व्यवस्था ठप हो गई. सभी कर्मचारी दफ्तर के बाहर पेड़ की छांव में बैठे रहे. जिसके चलते शहर में जगह-जगह कचरे के ढेर लग गए, सभी कर्मचारी 11 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं. कर्मचारियों की मुख्य मांगों में उनके सातवें वेतनमान के एरियर की दूसरी किश्त का न मिलना और दो महीने से वेतन का भुगतान ना होना प्रमुख है.

कर्मचारियों का कहना है कि जब तक मांगें नहीं मानी जाएंगी तब तक हड़ताल पर बैठे रहेंगे. कर्मचारियों ने कहा कि कुछ पार्षद हमारा शोषण कर रहे हैं. कर्मचारियों ने नगर निगम कमिश्नर के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे भी लगाए. बता दे, सफाई कर्मचारी पहले भी कई बार अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन दे चुके है लेकिन उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया है.

Intro:एंकर - मुरैना नगर निगम के सफाई कर्मचारियों ने आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। सफाई कर्मचारियों के साथ-साथ नगर निगम दफ्तर के कर्मचारी भी हड़ताल पर हैं। जिसकी वजह से आज नगर निगम कार्यालय के एक भी दफ्तर का ताला नहीं खोला गया। सभी कर्मचारी दफ्तर के बाहर पेड़ की छांव में बैठे रहे सफाई कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने के बाद शहर की सफाई व्यवस्था ठप हो गई। जिसके कारण शहर में जगह-जगह कचरे के ढेर लग गए सभी कर्मचारी 11 सूत्री मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं। कर्मचारियों की मुख्य मांगों में उनके सातवें वेतनमान के एरियर की दूसरी किस्त का न मिलना और दो महीने से वेतन का भुगतान ना होना प्रमुख है। कर्मचारियों का कहना है कि जब तक मांगें नहीं मानी जाएंगी तब तक हड़ताल पर बैठे रहेंगे। कर्मचारियों का यह भी कहना है कि कुछ पार्षद हमारा शोषण कर रहे हैं। कर्मचारियों ने नगर निगम कमिश्नर के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे भी लगाए।


Body:वीओ - सफाई कर्मचारी इसलिए हड़ताल पर है कि वे 2016 से अपनी मांगों को पूरा करने के लिए लगातार ज्ञापन दे रहे हैं।लेकिन उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जा रहा कर्मचारियों का कहना है कि 2017 में 217 कर्मचारियों का नियमितीकरण किया गया था। जबकि शासन के आदेश थे कि 1988 से जो कर्मचारी मास्टर पर हैं उन्हें नियमित किया जाए। इसके बावजूद नगर निगम ने 1997 तक के कर्मचारियों को नियमित कर दिया साथ ही जिन कर्मचारियों को नियमितीकरण किया गया उनका ईपीएफ वेतन से काटना बंद कर दिया और ग्वालियर भविष्य निधि कार्यालय में राशि जमा नहीं की गई। साथ ही जो राशि जमा थी उसे भी निकाल कर अन्य कार्यों के लिए भुगतान कर दिया गया।सफाई कर्मचारियों की मांग है कि नियमित कर्मचारियों का वेतन से फंड काटा जाए और भविष्य निधि कार्यालय में जमा कराया जाए। साथ ही जो कर्मचारी स्थाई नहीं हो पाए हैं उन्हें स्थाई किया जाए। 800 कर्मचारियों का 2 माह से भुगतान भी नहीं किया गया आक्रोशित कर्मचारियों ने नगर निगम कमिश्नर के खिलाफ नारेबाजी भी की। सफाई कर्मचारियों ने पार्षदों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पार्षद शहर की सफाई को छोड़कर घरों का काम करने का दबाव बनाते हैं। मुरैना शहर की आबादी करीब तीन लाख है और एक व्यक्ति प्रतिदिन औसतन 3 सौ ग्राम कचरा करता है।इस हिसाब से पूरे शहर में रोजाना करीब 95 टन कचरा निकलता है।


Conclusion:बाइट1 - ओमकार बाल्मीक - जिला अध्यक्ष मजदूर यूनियन ( सफेद शर्ट पहने है)
बाइट2 - नरेन्द्र - कर्मचारी नगर निगम मुरैना। ( सफारी सूट पहने हुए है )
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