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संकट वाली पढ़ाईः जानलेवा पाठशाला में नौनिहालों को दी जा रही शिक्षा!

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Published : Apr 15, 2021, 4:29 PM IST

Updated : Apr 15, 2021, 8:51 PM IST

एमपी के मंदसौर में कोरोना कर्फ्यू के बावजूद निजी स्कूलों को खोला जा रहा है. ऐसे में शासन के आदेशों की सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. वहीं नौनिहाल बच्चों की जान से भी खिलवाड़ किया जा रहा है.

nobel public school
नोबल पब्लिक स्कूल

मंदसौर। एक तरफ पूरा देश कोरोना वायरस से जूझ रहा है. वहीं दूसरी ओर निजी स्कूल सरकार के स्कूल बंद करने के आदेश के बावजूद खुलेआम चल रहे हैं. जिले में निजी स्कूलों में बच्चों को बुलाकर पढ़ाया जा रहा है और सरेआम सरकार के आदेशों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. यही नहीं नौनिहालों की जान के साथ खिलवाड़ भी किया जा रहा है.

शासन के आदेशों की सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं.

कोरोना कर्फ्यू के बावजूद बच्चों को स्कूल बुलाया
मंदसौर के खिलचीपुरा इलाके में खुलेआम निजी स्कूल खुले हुए हैं. बच्चों यहां पढ़ाई भी करायी जा रही है. वहीं बच्चों को स्कूल बुलाकर सोशल डिस्टेसिंग का पालन भी नहीं कराया जा रहा है. बच्चों के चेहरों पर मास्क भी नहीं हैं. यहां तक कि स्कूल संचालन करने वाली मैडम के पास भी मास्क नहीं है.

बच्चों की जान के साथ खिलवाड़
बता दें कि शासन ने स्पष्ट निर्देश दिए हुए हैं कि किसी भी सूरत में बच्चों को स्कूल में नहीं बुलाया जाए और न ही उनकी परीक्षा ली जाए. बावजूद इसके खिलचीपुरा का नोबेल पब्लिक स्कूल खुला हुआ है. यहां बच्चों को पढ़ाया जा रहा है. नौनिहाल मासूम बच्चों की जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.

कोविड नियमों के विरूद्ध संचालित हो रहा स्कूल
मामले मे मंदसौर जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि निजी स्कुल कोविड नियमों के विरूद्ध संचालित हो रहा है. इस पर उचित कार्रवाई की जाएगी. कोविड-19 महामारी को देखते हुए शासन ने जहां एक और स्कूल बंद रखने के निर्देश दिए हैं. वहीं दसवीं बोर्ड की परीक्षा भी रद्द कर दी है. छोटे-छोटे मासूमों को स्कूल में बुलाकर स्कूल संचालक एक बड़ी महामारी को चुनौती देने जैसा है.

कलेक्टर मनोज पुष्प ने ईटीवी भारत से की खास बात, कहा ' लंबे कोरोना कर्फ्यू' की स्थिति नहीं

जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि मंदसौर में 500 से ज्यादा एक्टिव केस हैं. अब तक कोरोना महामारी से 40 लोगों की जान भी जा चुकी है. ऐसे में स्कूल का संचालन सही नहीं है.

मंदसौर। एक तरफ पूरा देश कोरोना वायरस से जूझ रहा है. वहीं दूसरी ओर निजी स्कूल सरकार के स्कूल बंद करने के आदेश के बावजूद खुलेआम चल रहे हैं. जिले में निजी स्कूलों में बच्चों को बुलाकर पढ़ाया जा रहा है और सरेआम सरकार के आदेशों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. यही नहीं नौनिहालों की जान के साथ खिलवाड़ भी किया जा रहा है.

शासन के आदेशों की सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं.

कोरोना कर्फ्यू के बावजूद बच्चों को स्कूल बुलाया
मंदसौर के खिलचीपुरा इलाके में खुलेआम निजी स्कूल खुले हुए हैं. बच्चों यहां पढ़ाई भी करायी जा रही है. वहीं बच्चों को स्कूल बुलाकर सोशल डिस्टेसिंग का पालन भी नहीं कराया जा रहा है. बच्चों के चेहरों पर मास्क भी नहीं हैं. यहां तक कि स्कूल संचालन करने वाली मैडम के पास भी मास्क नहीं है.

बच्चों की जान के साथ खिलवाड़
बता दें कि शासन ने स्पष्ट निर्देश दिए हुए हैं कि किसी भी सूरत में बच्चों को स्कूल में नहीं बुलाया जाए और न ही उनकी परीक्षा ली जाए. बावजूद इसके खिलचीपुरा का नोबेल पब्लिक स्कूल खुला हुआ है. यहां बच्चों को पढ़ाया जा रहा है. नौनिहाल मासूम बच्चों की जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.

कोविड नियमों के विरूद्ध संचालित हो रहा स्कूल
मामले मे मंदसौर जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि निजी स्कुल कोविड नियमों के विरूद्ध संचालित हो रहा है. इस पर उचित कार्रवाई की जाएगी. कोविड-19 महामारी को देखते हुए शासन ने जहां एक और स्कूल बंद रखने के निर्देश दिए हैं. वहीं दसवीं बोर्ड की परीक्षा भी रद्द कर दी है. छोटे-छोटे मासूमों को स्कूल में बुलाकर स्कूल संचालक एक बड़ी महामारी को चुनौती देने जैसा है.

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जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि मंदसौर में 500 से ज्यादा एक्टिव केस हैं. अब तक कोरोना महामारी से 40 लोगों की जान भी जा चुकी है. ऐसे में स्कूल का संचालन सही नहीं है.

Last Updated : Apr 15, 2021, 8:51 PM IST
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