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मौसम ने बढ़ाई किसानों की चिंता, अफीम की फसल में लगा फफूंद जनित रोग

मौसम में हुए बदलाव ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है. अफीम की फसल फंफूदीजनित रोग से ग्रसित होकर बर्बाद हो रही है. किसानों ने नारकोटिक्स विभाग से मुआवजे की मांग की है.

Poppy crop getting diseased in mandsaur
रोगग्रस्त हो रही अफीम की फसल
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Published : Feb 24, 2020, 10:44 PM IST

Updated : Feb 25, 2020, 12:02 AM IST

मंदसौर। जिले में मौसम का मिजाज बदलने से मालवा इलाके में अफीम की फसल को काफी नुकसान हो रहा है. आलम ये है कि अफीम की फसल रोगों से घिर गई है, फफूंद जनित रोग से ग्रसित होकर बर्बाद हो रही है. जिसके चलते फसलों के पत्ते पीले होकर झड़ रहे हैं और फसल की वृद्धि सही नहीं हो रही है. जिससे किसान इसके उत्पादन को लेकर काफी चिंतित हैं और नारकोटिक्स विभाग से मुआवजे की मांग कर रहे हैं.

मौसम ने बढ़ाई किसानों की चिंता

तापमान में बढ़ोतरी के बाद फिर हुई गिरावट से अफीम की फसल में फफूंदीजनित रोग लग गए हैं. जिससे बचाव के लिए, किसानों को दवाइयों का स्प्रे बार-बार करना पड़ रहा है. किसानों के मुताबिक इस बार अफीम कम निकलने की आशंका है. जिसके चलते किसानों ने नारकोटिक्स विभाग से फसल के सर्वे करने और औसत में कमी करने की मांग की है.

वहीं उद्यानिकी महाविद्यालय के प्रोफेसर बीआर पाटीदार ने फसल में मेटैलेक्सिल और स्ट्रिपटोसाइक्लिन नामक दवाइयों का मानक घोल बनाकर छिड़काव करने की सलाह दी है. बता दें कि, एक ओर नारकोटिक्स विभाग ने केंद्र सरकार के आदेश पर इस बार आधे क्षेत्रफल में ही फसल बुवाई की अनुमति दी है, वहीं ऐसी स्थिति में मौजूदा फसल के बर्बाद होने से उत्पादन कम होने की आशंका से किसान परेशान हैं.

मंदसौर। जिले में मौसम का मिजाज बदलने से मालवा इलाके में अफीम की फसल को काफी नुकसान हो रहा है. आलम ये है कि अफीम की फसल रोगों से घिर गई है, फफूंद जनित रोग से ग्रसित होकर बर्बाद हो रही है. जिसके चलते फसलों के पत्ते पीले होकर झड़ रहे हैं और फसल की वृद्धि सही नहीं हो रही है. जिससे किसान इसके उत्पादन को लेकर काफी चिंतित हैं और नारकोटिक्स विभाग से मुआवजे की मांग कर रहे हैं.

मौसम ने बढ़ाई किसानों की चिंता

तापमान में बढ़ोतरी के बाद फिर हुई गिरावट से अफीम की फसल में फफूंदीजनित रोग लग गए हैं. जिससे बचाव के लिए, किसानों को दवाइयों का स्प्रे बार-बार करना पड़ रहा है. किसानों के मुताबिक इस बार अफीम कम निकलने की आशंका है. जिसके चलते किसानों ने नारकोटिक्स विभाग से फसल के सर्वे करने और औसत में कमी करने की मांग की है.

वहीं उद्यानिकी महाविद्यालय के प्रोफेसर बीआर पाटीदार ने फसल में मेटैलेक्सिल और स्ट्रिपटोसाइक्लिन नामक दवाइयों का मानक घोल बनाकर छिड़काव करने की सलाह दी है. बता दें कि, एक ओर नारकोटिक्स विभाग ने केंद्र सरकार के आदेश पर इस बार आधे क्षेत्रफल में ही फसल बुवाई की अनुमति दी है, वहीं ऐसी स्थिति में मौजूदा फसल के बर्बाद होने से उत्पादन कम होने की आशंका से किसान परेशान हैं.

Last Updated : Feb 25, 2020, 12:02 AM IST
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