मंदसौर। कोरोना काल में मंदिर में पूजा करने का तरीका भी पूरा बदल चुका है. अब मंदिर में कोई न तो घंटी बजा सकता और न ही मूर्ति को छू सकता है लेकिन इन सब प्रतिबंध के बाद मंदसौर जिले में मशीन निर्माता नाहरू खान ने यहां श्रद्धालुओं की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए सेंसर के जरिए बजने वाली घंटी इजाद की है, जिसे श्रद्धालु बिना छुए मंदिर की घंटी को आसानी से बजा सकते हैं.
यहां ऐसे बजती है मंदिर की घंटी
मंदिर में दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के बारे में नाहरू खान को जब पता चला कि वह कोरोना संक्रमण के कारण मंदिर की घंटी भी नहीं बजा पा रहे हैं, तो 4 दिन की मेहनत के बाद उन्होंने सेंसर और उससे कनेक्टेड एक ट्रांजिस्टर को मंदिर की घंटी में इस तरह फिट कर दी कि श्रद्धालु जैसे ही सैंसर के पास अपना हाथ ले जाते हैं. ट्रांजिस्टर से जुड़ा हुआ पेंडुलम अपने आप हिलने लगता है. इसके बाद उससे जुड़ी घंटी अपने आप बजने लगती है.
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इन मंदिरों में भी भेजी गई ये घंटी
नाहरू खान ने कोरोना काल में भी अनूठी मिसाल पेश करते हुए लगातार दो महीने तक कई लोगों को सुबह-शाम भोजन के पैकेट बांटे थे. उन्होंने जिला अस्पताल के डॉक्टरों और मरीजों को संक्रमण से बचाने के लिए केबिन सेनिटाइजर मशीन भी बनाकर जिला अस्पताल को भेंट की है. वहीं अब सैंसर के जरिए बजने वाली इस घंटी को इजाद करने के बाद नाहरू खान ने इसी तरह की दो और घंटियां बनाकर उज्जैन के महाकाल मंदिर और इंदौर के खजराना मंदिर में भी भेंट की है.
नाहरू खान के इस कार्य से मंदिर के पुजारी भी काफी खुश हैं. पशुपतिनाथ मंदिर के पुजारी कैलाश भट्ट ने बताया कि धार्मिक दृष्टि से घंटी बजाकर दर्शन करना अधूरा माना जा रहा था, लेकिन नाहरू खान ने श्रद्धालुओं की इस भावना को भी पूरा किया है.