मंदसौर। कहते हैं प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती, जरूरत होती है तो सिर्फ उसे निखारने की, सीमित संसाधन में काफी कुछ किया जा सकता है. कुछ ऐसा ही कमाल कर दिखाया है मल्हारगढ़ तहसील के छोटे से गांव नगर पिपलिया के एक युवा राजेश ने. उसने बाइक में पेट्रोल के खर्चे को बचाने के लिए अपनी साइकिल को इलेक्ट्रिक बाइक में तब्दील कर दिया. इंटरनेट और यूट्यूब के माध्यम से जानकारियां लेते हुए इस युवक ने अपनी साइकिल में बैटरी और मोटर के सिस्टम का ऐसा जुगाड़ किया कि यह साइकिल बिना पैडल मारे अब 30 किलोमीटर तक चलती है. मात्र 10 हजार रुपये में राजेश लोहार ने यह कारनामा कर दिखाया है.
30 KM तक चलेगी साइकिल: नागर पिपलिया के युवा राजेश पिछले एक साल से पेट्रोल के खर्चे से बचने के लिए एक ऐसे जुगाड़ की ईजाद में लगे हुए थे कि रोजमर्रा के छोटे-मोटे कामों को बिना बाइक के कर सकें. उन्होंने इसके लिए सबसे पहले यूट्यूब और इंटरनेट पर कुछ उपकरणों की तलाश की जो बैटरी चलित वाहनों के सिस्टम जैसे होना चाहिए थे. इसके बाद उन्होंने इसके लिए एक छोटी मोटर और बैटरी के कनेक्शन को साईकिल से जोड़ दिया, ताकि सायकल केवल मोटर से ही चल सके. इसके बाद उन्होंने इसमें एक पावर मीटर और हॉर्न भी लगाया. काफी जोड़-तोड़ के बाद ऐसा सिस्टम बनाया की इस साइकिल में पैदल भी नहीं मारना पड़े और वह करीब 25 से 30 किलोमीटर की यात्रा भी तय कर ले.
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पंजाब और हरियाणा से खरीदे उपकरण: इस जुगाड़ को बनाने के लिए राजेश को पंजाब और हरियाणा से कई उपकरण भी खरीदना पड़े. उन्होंने इस साइकल में रात में उपयोग के लिए एक लाईट और एक स्पीडोमीटर भी लगाया है ताकि यह इलेक्ट्रिक साइकिल कितना चल सकी है और बैटरी का पावर कितना बचा है यह भी चालक को मालूम होता रहे. उन्होंने बताया कि इस जुगाड़ में साइकिल सिस्टम भी है यदि बैटरी डिस्चार्ज हो जाती है तो चालक सामान्य साइकल जैसा चला कर अपने घर तक पहुंच सकता है. दिवाली के मौके पर उन्होंने इस साइकिल के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किए जो जिले और आसपास के लोगों के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं.
(Electric bicycle due to rising petrol price) (MP Mandsaur Youth Desi Jugaad) (Electric bicycle made from battery motor)