मंदसौर। शहर के पर्यटन स्थल तेलिया तालाब पर हाल ही में स्थापित हुई मंदसौर के पूर्व सम्राट राजा यशोधर्मन की प्रतिमा को लेकर नया विवाद छिड़ गया है. (Yashodharman Statue Controversy) प्रतिमा की स्थापना के बाद जाट समाज में भारी आक्रोश है. समाज के लोगों ने दावा किया है कि प्रशासन ने प्रतिमा अनावरण की कार्रवाई के दौरान सम्राट यशोधर्मन को ब्राह्मण वंशीय युगपुरुष निरूपित किया है जबकि जाट समाज के लोगों ने इस मामले में राजा यशोधर्मन के जाट वंशी होने के सबूत प्रशासन को पेश किए थे. जाट समाज के लोगों ने सोमवार को कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर कलेक्टर से अपना बयान वापस लेने और प्रतिमा पर उनके जाट वंशीय होने की पट्टिका लगाए जाने की मांग की है.
सीएम ने किया था अनावरण: 8 दिसंबर को गौरव दिवस के मौके पर जिला प्रशासन ने मंदसौर के पूर्व सम्राट राजा यशोधर्मन की आदमकद प्रतिमा का अनावरण मुख्यमंत्री के हाथों करवाया था. मना जा रहा है कि इस दौरान हुई प्रशासनिक कार्रवाई और मीडिया बयानों में जिला प्रशासन ने राजा यशोधर्मन को ब्राह्मण समाज होने का उल्लेख किया था. इस खबर के बाद जाट समाज के लोगों ने दिल्ली के ऐतिहासिक संग्रहालय और पुरातत्वविदो से संपर्क कर राजा यशोधर्मन के जाट वंशी होने का दावा पेश किया है.
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आंदोलन की चेतावनी: जाट समाज के विरोध के बाद जिला प्रशासन का रवैया अब थोड़ा नरम और मौन दिख रहा है. जाट समाज के लोगों ने कलेक्टर से अपना बयान वापस लेने की मांग की है. समाज के लोगों ने इस मामले में प्रशासन को 4 दिन का अल्टीमेटम देते हुए चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने राजा यशोधर्मन को जाट वंशी होने की सार्वजनिक पुष्टि नहीं की तो, समाज के लोग इस मुद्दे को लेकर मंदसौर में बड़ा आंदोलन छेड़ेंगे.