मंदसौर। देश में भगवान कुबेर की प्रतिमा के केवल दो ही मंदिर हैं. एक उत्तरांचल के केदारनाथ शिव मंदिर में भगवान कुबेर की अति प्राचीन प्रतिमा है.तो वहीं दूसरी प्रतिमा मध्यप्रदेश के मंदसौर स्थित धोलागढ़ महादेव मंदिर में भगवान कुबेर की प्राचीन प्रतिमा मौजूद है. धनतेरस की रात भगवान कुबेर का दर्शन शुभ माना जाता हैं. इस लिहाज से शनिवार की रात मंदसौर के कुबेर मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा. (Kuber Temple in Mandsaur) (Mandsaur Kuber Pooja) (Mandsaur Dhanteras Kuber Temple) (Mandsaur God of Wealth Kuber) (Mandsaur Deepawali 2022) (Mandsaur Dhanteras 2022)
साढ़े 3 फीट ऊंचा है दरवाजा: मंदसौर के खिलचीपुरा स्थित इस प्रतिमा की तिथि योग के मुताबिक रविवार सुबह पूजा-अर्चना हुई. इसके पहले कुबेर दर्शन के लिए यहां रात भर मंदिर के कपाट खुले रहे. पुजारियों के मुताबिक, धनतेरस के दिन भगवान कुबेर के दर्शन करना परिवार में आर्थिक संपन्नता के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. शिव के गण माने जाने वाले भगवान कुबेर की प्रतिमा केदारनाथ और मंदसौर दोनों ही शिव मंदिरों में स्थित है. इस गुप्तकालीन मंदिर का दरवाजा केवल साढ़े 3 फीट ऊंचा है. इसलिए भगवान के दर्शन श्रद्धालुओं को दरवाजे के मुहाने से करवाए गए.
Dhanteras 2022: क्यों खरीदे जाते है धनतेरस के दिन बर्तन, क्या खरीदें और क्या ना खरीदें, खरीददारी के वक्त रखें ये ध्यान
श्रद्धालुओं का लगा तांता: दिवाली पर तिथियों के अंतर के कारण धनतेरस का त्यौहार 2 दिनों तक मनाया जा रहा है. पंचांग के मुताबिक इस साल धनतेरस का शनिवार की शाम 4:15 से शुरू होकर रविवार शाम 5:00 बजे तक तिथि योग है. धार्मिक मान्यता के मुताबिक रात्रि काल में कुबेर के दर्शन और प्रातः काल में पूजा का महत्व होने से मंदसौर के कुबेर मंदिर में शनिवार शाम से ही श्रद्धालुओं का तांता लग गया.
अति प्राचीन प्रतिमा: गुप्तकालीन इस मंदिर में यम रूपी कुबेर की ढाई फीट ऊंची अति प्राचीन प्रतिमा स्थापित है. काले पत्थर की इस प्रतिमा के एक हाथ में धन की पोटली, दो में शस्त्र और एक में अमृत का प्याला है. देश और दुनिया में इस तरह की प्राचीन प्रतिमा केवल केदारनाथ धाम में ही स्थित है. (Kuber Temple in Mandsaur) (Mandsaur Kuber Pooja) (Mandsaur Dhanteras Kuber Temple) (Mandsaur God of Wealth Kuber) (Mandsaur Deepawali 2022) (Mandsaur Dhanteras 2022)