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सालों बाद आया 2 दिवसीय धनतेरस का योग, कुबेर मंदिर में लगा भक्तों का तांता

धनतेरस के मौके पर मंदसौर के खिलचीपुरा स्थित प्राचीन कुबेर मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. धोलागढ़ महादेव मंदिर में भगवान शिव के साथ ही भगवान कुबेर भी विराजमान हैं, जहां धनतेरस के मौके पर भारी संख्या में भक्त पूजा- पाठ करने पहुंचते हैं.

Ancient Kubera Temple
प्राचीन कुबेर मंदिर
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Published : Nov 13, 2020, 12:19 PM IST

मंदसौर। गुरुवार शाम से ही धनतेरस के पर्व की शुरुआत हो गई, बताया जा रहा है कि, कई सालों बाद 2 दिनों के संधिकाल में धनतेरस का पर्व मनाया जा रहा है. गुरुवार की शाम 6 बजकर 18 मिनट से शुरू हुए त्योहार के बाद खिलचीपुरा स्थित प्राचीन कुबेर मंदिर में भगवान कुबेर के दर्शन के लिए सैकड़ों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. धोलागढ़ महादेव मंदिर में भगवान शिव के साथ ही भगवान कुबेर भी विराजमान हैं, जहां धनतेरस के मौके पर भारी संख्या में भक्त पूजा- पाठ करने पहुंचते हैं.

कुबेर मंदिर में लगा भक्तों का तांता

उत्तरांचल स्थित केदारनाथ के अलावा पूरे देश में केवल मंदसौर में ही भगवान कुबेर की प्रतिमा है. धनतेरस के दिन इस मंदिर में दर्शन काफी शुभ और लाभकारी माना जाता है. लिहाजा धनतेरस पर यहां श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है. धोलागढ़ महादेव ओलीकर गुप्तकालीन मंदिर है, जिसे एक खेत में स्थापित कर दिया गया था. करीब डेढ़ हजार साल पुराने इस मंदिर में बिराजमान भगवान कुबेर के दर्शन के लिए हर साल देश के कोने-कोने से लोग यहां पहुंचते हैं, लेकिन इस बार कोरोना वायरस की वजह से श्रद्धालुओं की आमद कम नजर आ रही है.

मंदिर में स्थित ढाई फीट ऊंची प्रतिमा का स्वरूप भी काफी दुर्लभ माना जाता है. पुजारी हेमंत गिरी गोस्वामी ने बताया कि, कुबेर प्रतिमा में भगवान कुबेर नेवले पर विराजित हैं और उनके दाहिने हाथ में धन का कटोरा है. धनतेरस के दिन दर्शन करने से ही धन लाभ की प्राप्ति होती है. शुक्रवार शाम 5 बजे तक धनतेरस का योग बना रहेगा.

मंदसौर। गुरुवार शाम से ही धनतेरस के पर्व की शुरुआत हो गई, बताया जा रहा है कि, कई सालों बाद 2 दिनों के संधिकाल में धनतेरस का पर्व मनाया जा रहा है. गुरुवार की शाम 6 बजकर 18 मिनट से शुरू हुए त्योहार के बाद खिलचीपुरा स्थित प्राचीन कुबेर मंदिर में भगवान कुबेर के दर्शन के लिए सैकड़ों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. धोलागढ़ महादेव मंदिर में भगवान शिव के साथ ही भगवान कुबेर भी विराजमान हैं, जहां धनतेरस के मौके पर भारी संख्या में भक्त पूजा- पाठ करने पहुंचते हैं.

कुबेर मंदिर में लगा भक्तों का तांता

उत्तरांचल स्थित केदारनाथ के अलावा पूरे देश में केवल मंदसौर में ही भगवान कुबेर की प्रतिमा है. धनतेरस के दिन इस मंदिर में दर्शन काफी शुभ और लाभकारी माना जाता है. लिहाजा धनतेरस पर यहां श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है. धोलागढ़ महादेव ओलीकर गुप्तकालीन मंदिर है, जिसे एक खेत में स्थापित कर दिया गया था. करीब डेढ़ हजार साल पुराने इस मंदिर में बिराजमान भगवान कुबेर के दर्शन के लिए हर साल देश के कोने-कोने से लोग यहां पहुंचते हैं, लेकिन इस बार कोरोना वायरस की वजह से श्रद्धालुओं की आमद कम नजर आ रही है.

मंदिर में स्थित ढाई फीट ऊंची प्रतिमा का स्वरूप भी काफी दुर्लभ माना जाता है. पुजारी हेमंत गिरी गोस्वामी ने बताया कि, कुबेर प्रतिमा में भगवान कुबेर नेवले पर विराजित हैं और उनके दाहिने हाथ में धन का कटोरा है. धनतेरस के दिन दर्शन करने से ही धन लाभ की प्राप्ति होती है. शुक्रवार शाम 5 बजे तक धनतेरस का योग बना रहेगा.

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