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कचरा बीनने वाली महिलाओं का नगरपालिका ऑफिस में हंगामा, CMO पर लगाया वादाखिलाफी का आरोप

ट्रेंचिंग ग्राउंड में कचरा बीनने वाली महिलाओं ने नगर पालिका परिषद कार्यालय में जमकर हंगामा मचाया. वहीं महिलाओं ने स्थायी नौकरी की मांग को लेकर पालिका कार्यालय के मेन गेट पर तालाबंदी भी कर दी. महिलाओं ने सीएमओ पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए नारेबाजी भी की.

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Published : Feb 8, 2019, 11:19 PM IST

नगर पालिका परिषद कार्यालय

मंदसौर। ट्रेंचिंग ग्राउंड में कचरा बीनने वाली महिलाओं ने नगर पालिका परिषद कार्यालय में जमकर हंगामा मचाया. वहीं महिलाओं ने स्थायी नौकरी की मांग को लेकर पालिका कार्यालय के मेन गेट पर तालाबंदी भी कर दी. महिलाओं ने सीएमओ पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए नारेबाजी भी की.

श्रमिक महिलाओं का आरोप है कि अक्टूबर महीने में नगर पालिका सीएमओ सविता प्रधान ने रोजगार से जोड़ने की मंशा से हमें प्रशिक्षण देते हुए ट्रेंचिंग ग्राउंड में पड़े कचरे को सेपरेट करने के लिए नौकरी पर रखा था. लेकिन ढाई महीने के बाद सीएमओ ने वादाखिलाफी करते हुए हमें मजदूरी से भुगतान करना शुरू कर दिया. इतना ही नहीं उन्होंने कुछ दिनों बाद हमें काम पर बुलाना भी बंद कर दिया. महिलाओं का यह भी आरोप है कि इस मामले में उन्होंने पहले भी नगरपालिका की सीएमओ को अवगत कराया था, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई.

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महिलाओं ने चेतावनी दी है कि जब तक उनकी स्थायी नौकरी की मांग नहीं मानी जाएगी, वे आंदोलन करती रहेंगी. वहीं दूसरी तरफ नगर पालिका सीएमओ सविता प्रधान ने सभी महिलाओं को स्थायी नौकरी देने की बात को खारिज करते हुए साफ कहा कि तमाम महिलाओं को कचरा सेपरेट करने के लिए केवल मजदूरी पर रखा गया था. वहीं उन्हें यह भी बताया गया था कि कचरे को बेचने के बाद हुई आय से ही उनकी मजदूरी का भुगतान किया जाएगा, लेकिन अब वे मजदूरी के बजाय स्थायी नौकरी की मांग कर रही हैं, जो पालिका प्रशासन के लिए संभव नहीं है.

मंदसौर। ट्रेंचिंग ग्राउंड में कचरा बीनने वाली महिलाओं ने नगर पालिका परिषद कार्यालय में जमकर हंगामा मचाया. वहीं महिलाओं ने स्थायी नौकरी की मांग को लेकर पालिका कार्यालय के मेन गेट पर तालाबंदी भी कर दी. महिलाओं ने सीएमओ पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए नारेबाजी भी की.

श्रमिक महिलाओं का आरोप है कि अक्टूबर महीने में नगर पालिका सीएमओ सविता प्रधान ने रोजगार से जोड़ने की मंशा से हमें प्रशिक्षण देते हुए ट्रेंचिंग ग्राउंड में पड़े कचरे को सेपरेट करने के लिए नौकरी पर रखा था. लेकिन ढाई महीने के बाद सीएमओ ने वादाखिलाफी करते हुए हमें मजदूरी से भुगतान करना शुरू कर दिया. इतना ही नहीं उन्होंने कुछ दिनों बाद हमें काम पर बुलाना भी बंद कर दिया. महिलाओं का यह भी आरोप है कि इस मामले में उन्होंने पहले भी नगरपालिका की सीएमओ को अवगत कराया था, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई.

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महिलाओं ने चेतावनी दी है कि जब तक उनकी स्थायी नौकरी की मांग नहीं मानी जाएगी, वे आंदोलन करती रहेंगी. वहीं दूसरी तरफ नगर पालिका सीएमओ सविता प्रधान ने सभी महिलाओं को स्थायी नौकरी देने की बात को खारिज करते हुए साफ कहा कि तमाम महिलाओं को कचरा सेपरेट करने के लिए केवल मजदूरी पर रखा गया था. वहीं उन्हें यह भी बताया गया था कि कचरे को बेचने के बाद हुई आय से ही उनकी मजदूरी का भुगतान किया जाएगा, लेकिन अब वे मजदूरी के बजाय स्थायी नौकरी की मांग कर रही हैं, जो पालिका प्रशासन के लिए संभव नहीं है.

Intro: मंदसौर। ट्रेंचिंग ग्राउंड में कचरा बीनने वाली महिलाओं ने आज दोपहर के वक्त नगर पालिका परिषद कार्यालय पहुंचकर अचानक हंगामा खड़ा कर दिया। कचरा बीनने वाली तमाम महिलाओं ने स्थाई नौकरी की मांग को लेकर पालिका कार्यालय के मेन गेट की तालाबंदी कर दी। दोपहर के वक्त करीब 200 महिलाएं मेन गेट पर पहुंच गई और तालाबंदी करने के बाद उन्होंने सीएम सविता प्रधान के खिलाफ नारेबाजी करते हुए उनका घेराव कर दिया।


Body:श्रमिक महिलाओं का आरोप है कि ,अक्टूबर महीने में नगर पालिका सीएमओ सविता प्रधान ने रोजगार से जोड़ने की मंशा से हमें प्रशिक्षण देते हुए ट्रेंचिंग ग्राउंड में पड़े कचरे को सेपरेट करने की नौकरी पर रखा था ।लेकिन ढाई महीने बाद ही सीएमओ ने वादाखिलाफी करते हुए हमें मजदूरी से भुगतान करना शुरू कर दिया ।इतना ही नहीं उन्होंने कुछ दिनों बाद हमें काम पर बुलाना भी बंद कर दिया ।महिलाओं का यह भी आरोप है कि इस मामले में उन्होंने पहले भी नगरपालिका अध्यक्ष प्रहलाद बंधवार और सीएमओ को अवगत कराया था ।लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं है ।महिलाओं ने चेतावनी दी है कि जब तक उनकी स्थाई नौकरी की मांग नहीं मानी जाएगी वे आंदोलन करती रहेगी। उधर नगर पालिका सीएमओ सविता प्रधान ने सभी महिलाओं को स्थाई नौकरी देने की बात को खारिज करते हुए साफ कहा कि तमाम महिलाओं को कचरा सेपरेट करने के लिए केवल मजदूरी पर रखा गया था ।वही उन्हें यह भी बताया गया था कि कचरे को बेचने के बाद हुई आय से ही उनकी मजदूरी का भुगतान किया जाएगा। लेकिन अब वे मजदूरी के बजाय स्थाई नौकरी की मांग कर रही है। जो पालिका प्रशासन के लिए संभव नहीं है।
byte1 : रश्मि सलोन, श्रमिक महिला, सविता प्रधान गौड़, सीएमओ, नगरपालिका परिषद, मंदसौर



विनोद गौड़, मंदसौर


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