मंदसौर। भानपुरा तहसील में प्रस्तावित औद्योगिक क्षेत्र के विकास और उसके भूमि पूजन की तैयारियों के पहले जमीन अधिग्रहण को लेकर किसान द्वारा आत्महत्या करने के मामले में पाटीदार समाज ने लेदी चौराहा पर विरोध प्रदर्शन किया. समाज के लोगों ने किसान का शव सड़क पर रखकर प्रशासन से 1 करोड़ रुपए मुआवजा और परिजन को सरकारी नौकरी के अलावा अधिग्रहित जमीन लौटाने की मांग की. शुक्रवार दोपहर बाद शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन देर शाम तक जारी रहा.
प्रशासन ने दिया आश्वासन: प्रदर्शन के दौरान कलेक्टर दिलीप कुमार यादव और एसपी अनुराग सुजानीया मौके पर पहुंचे और उन्होंने प्रदर्शनकारियों और समाज के लोगों से बातचीत की. करीब 2 घंटे चले बातचीत के घटनाक्रम के बाद प्रशासन ने औद्योगिक क्षेत्र पर किसान द्वारा की जा रही खेती के मामले में किसान और उसके परिवार को 6 बीघा जमीन लौटाने के साथ ही जब तक मामला न्यायालय में चलता है तब तक किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप न करने की का आश्वासन दिया. इसके साथ ही प्रशासन ने मृतक के परिवार को 10 लाख रुपये के मुआवजा की राशि भी मंजूर की. कलेक्टर दिलीप कुमार यादव ने पीड़ित परिवार के एक परिजन को सरकारी नौकरी देने का भी आश्वासन दिया है. इस मामले में प्रशासन और प्रदर्शनकारियों के बीच बातचीत होने के बाद समाज के लोग माने और उन्होंने देर शाम मृतक का शव उठाकर उसका अंतिम संस्कार किया.
![farmer commited suicide in mandsaur](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/22-07-2023/mp-mds-01-22jul-aakrosh-vinod-gaur_22072023072938_2207f_1689991178_726.jpg)
इसलिए किसान ने की आत्महत्या: गौरतलब है कि गुरुवार के दिन मोखमपुरा स्थित औद्योगिक क्षेत्र की जमीन पर औद्योगिक क्षेत्र के भूमि पूजन कार्यक्रम को लेकर प्रशासनिक अमला 54 बीघा जमीन पर हो रहे अतिक्रमण और साफ सफाई करने के लिए बुलडोजर लेकर वहां पहुंचा था. इसी दौरान किसान जगदीश पाटीदार और उसके भाई के कैलाश पाटीदार ने आत्महत्या का प्रयास किया. इसके बाद डॉक्टरों द्वारा दोनों को झालावाड़ रेफर करने के दौरान ही जगदीश पाटीदार की बीच रास्ते में मौत हो गई थी. इस मामले ने जमकर तूल पकड़ा और पाटीदार समाज के लोगों ने भानपुरा के लेदी चौराहा पर विरोध प्रदर्शन किया था.