ETV Bharat / state

भगवान पशुपतिनाथ की प्रतिमा पर जलाभिषेक की उठी मांग, सावन भर श्रद्धालुओं ने मांगा पूरा दिन - मंदसौर में विश्व प्रसिद्ध मंदिर

विश्व प्रसिद्ध भगवान पशुपतिनाथ की अष्टमुखी प्रतिमा पर सावन माह में जलाभिषेक करने की अनुमति को लेकर मांग उठाई गई है. वर्तमान समय में केवल 3 घंटे ही जलाभिषेक करने की परमिशन दी गई है.

पशुपतिनाथ की प्रतिमा पर जलाभिषेक की उठी मांग
author img

By

Published : Jul 13, 2019, 3:29 PM IST

मंदसौर। विश्व प्रसिद्ध भगवान पशुपतिनाथ की अष्टमुखी प्रतिमा पर सावन माह में जलाभिषेक करने की अनुमति को लेकर मांग उठाई गई है. श्रद्धालुओं और आरती मंडल के पदाधिकारियों की मांग है कि पशुपतिनाथ की प्रतिमा पर पूरे सावन माह जलाभिषेक करने की मंजूरी दी जाए. वर्तमान समय में केवल 3 घंटे ही जलाभिषेक करने की परमिशन दी गई है.

पशुपतिनाथ की प्रतिमा पर जलाभिषेक की उठी मांग


8 साल पहले पुरातत्व विभाग ने दुनिया की सबसे बड़ी इस शिव प्रतिमा पर जलाभिषेक और पंचतत्व की पूजा सामग्री चढ़ाने से क्षरण होने की रिपोर्ट दी थी. इसके बाद जिला प्रशासन ने प्रतिमा पर सीधे अभिषेक करने पर रोक लगा दी. यहां बने जल पात्रों के जरिए भगवान के चरणों में जल चढ़ाने की प्रशासन ने अनुमति दी है, लेकिन श्रद्धालुओं ने मांग की है कि सुबह के वक्त होने वाले अभिषेक का समय बढ़ाकर सावन माह में पूरा दिन कर दिया जाए.
मंदसौर एडीएम बीएल कोचले ने बताया कि ये मामला जन आस्थाओं और भारत सरकार के पुरातत्व विभाग से जुड़ा हुआ है. 2017 में जन प्रतिनिधियों और एक महात्मा के निर्देशन में निर्णय लिया गया था कि मूर्ति के उपर जल नहीं चढ़ाया जाएगा, दूर से ही पूजा-पाठ किया जाएगा. 2017 से ही ऐसी स्थिति बनी हुई है, इसलिए अचानक इसमें बदलाव लाना पुरातत्व विभाग के निर्देशों की अवहेलना होगी.

मंदसौर। विश्व प्रसिद्ध भगवान पशुपतिनाथ की अष्टमुखी प्रतिमा पर सावन माह में जलाभिषेक करने की अनुमति को लेकर मांग उठाई गई है. श्रद्धालुओं और आरती मंडल के पदाधिकारियों की मांग है कि पशुपतिनाथ की प्रतिमा पर पूरे सावन माह जलाभिषेक करने की मंजूरी दी जाए. वर्तमान समय में केवल 3 घंटे ही जलाभिषेक करने की परमिशन दी गई है.

पशुपतिनाथ की प्रतिमा पर जलाभिषेक की उठी मांग


8 साल पहले पुरातत्व विभाग ने दुनिया की सबसे बड़ी इस शिव प्रतिमा पर जलाभिषेक और पंचतत्व की पूजा सामग्री चढ़ाने से क्षरण होने की रिपोर्ट दी थी. इसके बाद जिला प्रशासन ने प्रतिमा पर सीधे अभिषेक करने पर रोक लगा दी. यहां बने जल पात्रों के जरिए भगवान के चरणों में जल चढ़ाने की प्रशासन ने अनुमति दी है, लेकिन श्रद्धालुओं ने मांग की है कि सुबह के वक्त होने वाले अभिषेक का समय बढ़ाकर सावन माह में पूरा दिन कर दिया जाए.
मंदसौर एडीएम बीएल कोचले ने बताया कि ये मामला जन आस्थाओं और भारत सरकार के पुरातत्व विभाग से जुड़ा हुआ है. 2017 में जन प्रतिनिधियों और एक महात्मा के निर्देशन में निर्णय लिया गया था कि मूर्ति के उपर जल नहीं चढ़ाया जाएगा, दूर से ही पूजा-पाठ किया जाएगा. 2017 से ही ऐसी स्थिति बनी हुई है, इसलिए अचानक इसमें बदलाव लाना पुरातत्व विभाग के निर्देशों की अवहेलना होगी.

Intro:मंदसौर ।विश्व प्रसिद्ध भगवान पशुपतिनाथ की अष्ट मुखी प्रतिमा पर पूरे सावन मास में जलाभिषेक करने की अनुमति को लेकर एक बार फिर मांग उठी है ।प्रतिमा क्षरण के मद्देनजर लगाई गई रोक को हटाने के संबंध में यहां दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं और प्रातः कालीन आरती मंडल के पदाधिकारियों ने पूरे सावन महीने जलाभिषेक करने की मंजूरी देने की मांग की है।


Body:8 साल पहले पुरातत्व विभाग ने दुनिया की सबसे बड़ी इस शिव प्रतिमा पर जलाभिषेक और पंचतत्व की पूजा सामग्री चढ़ाने से इसके क्षरण की रिपोर्ट दी थी ।इसके बाद जिला प्रशासन ने प्रतिमा पर सीधे अभिषेक करने की रोक लगा दी है।


Conclusion:हालांकि यहां बने जल पात्रों के जरिए भगवान के चरणों में जल चढ़ाने की प्रशासन ने अनुमति दे रखी है ।लेकिन सुबह के वक्त केवल 3 महीने होने वाले अभिषेक का समय बड़ा कर सावन मास में पूरा दिन करने की श्रद्धालुओं ने मांग की है ।
byte 1_कपिल सिंह गौर ,श्रद्धालु
byte 2_ पंडित कैलाश भट्ट ,प्रधान पुजारी
byte 3_बी एल कोचले,एडीएम,मंदसौर


विनोद गौड़ , रिपोर्टर, मंदसौर
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.