मंदसौर। जिला मुख्यालय से सटे गांव अलावदा खेड़ी में 2 दिन पहले एक दबंग द्वारा आदिवासी परिवार की जोरदार पिटाई का मामला सामने आया था. जहां इलाज के दौरान एक युवक की मौत हो गई. वहीं युवक की मौत के बाद मंगलवार दोपहर के वक्त गांव के लोगों का आक्रोश फूट पड़ा. पोस्टमार्टम के बाद जैसे ही उसका शव मंदसौर पहुंचा. ग्रामीणों और भीम आर्मी के सदस्यों ने दोषी का घर तोड़कर उसको फांसी देने और उचित मुआवजे की मांग को लेकर गांधी चौराहे पर शव रखकर प्रदर्शन किया. इस घटनाक्रम के बाद एसपी और कलेक्टर मौके पर पहुंचे और मुआवजा राशि के अलावा मामले की कड़ी कार्रवाई करने के आश्वासन के बाद मामला शांत हुआ.
दबंगों ने की आदिवासी परिवार की पिटाई: दरअसल, रविवार की शाम के वक्त ग्राम अलावदा खेड़ी के ही दबंग दशरथ सिंह ने घर में घुसकर मूल रूप से झाबुआ जिले के थांदला निवासी लीम जी भील और सिमून के अलावा लीमजी की पत्नी रसीली बाई की डंडो से जोरदार पिटाई कर दी थी. इस घटना के बाद पत्नी ने दोनों को जिला अस्पताल भर्ती करवाया था, लेकिन अंदरूनी चोटों और खून ज्यादा बह जाने के कारण डॉक्टरों ने रविवार की रात ही दोनों को उदयपुर रेफर कर दिया था. बीती रात सिमून की इलाज के दौरान मौत हो गई. इस खबर के बाद ग्रामीणों और परिजनों में आक्रोश फैल गया और शव के मंदसौर पहुंचते ही भीम आर्मी और जयस के सदस्यों ने गांधी चौराहा पर शव रखकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया.
ग्रामीणों ने किया चक्काजाम: ग्रामीणों ने परिजनों को एक करोड़ रुपये का मुआवजा राशि और दोषी व्यक्ति को फांसी देने के अलावा आरोपी दशरथ सिंह के मकान को तोड़ने की मांग उठाई. काफी देर चले हंगामे के बाद भी जब परिजन और प्रदर्शनकारी स्थानीय प्रशासन और कोतवाली पुलिस के अधिकारियों के आश्वासन से संतुष्ट नहीं हुए तो कलेक्टर गौतम सिंह और एसपी अनुराग सुजानिया मौके पर पहुंचे और उन्होंने तत्कालिक सहायता राशि 8 लाख में से आधी रकम स्वीकृत की. दोषी के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई का आश्वासन भी दिया, तब जाकर मामला शांत हुआ.