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सावन सोमवार और सोमवती अमावस्या के मौके पर पशुपतिनाथ मंदिर में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

हर साल पशुपतिनाथ मंदिर में अभिषेक और गर्भग्रह में जलाभिषेक के आयोजन होते हैं, लेकिन इस बार कोरोना के चलते सिर्फ भगवान का अभिषेक और पूजन ही किया गया है. कई सालों बाद सावन सोमवार और सोमवती अमावस्या का महायोग एक साथ आने के बाद काफी श्रद्धालुओं ने दर्शन किए.

Sawan somwar
सावन सोमवार
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Published : Jul 20, 2020, 8:46 PM IST

मंदसौर । सावन सोमवार और सोमवती अमावस्या के महायोग पर आज मंदसौर के भगवान पशुपतिनाथ मंदिर में भी लॉकडाउन के नियमों के बीच हजारों श्रद्धालुओं ने शांतिपूर्वक दर्शन किए. हरियाली अमावस्या के पर्व पर यहां हर साल बड़े पैमाने पर धार्मिक आयोजन होते हैं, लेकिन कोरोना वायरस के चलते इस बार प्रशासन ने मंदिर पर केवल दर्शन की अनुमति जारी की है. आज यहां दर्शन के लिए दिनभर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा. सावन महीने में हर साल पशुपतिनाथ मंदिर में अभिषेक और गर्भगृह में जलाभिषेक के आयोजन होते हैं.

पशुपतिनाथ मंदिर

लाखों श्रद्धालुओं की आमद के हिसाब से प्रबंध समिति भी यहां आने वाले कावड़ियों के लिए दर्शन और जल चढ़ाने का इंतजाम करती हैं. राजस्थान और गुजरात से भी पैदल यात्री और कावड़िए दर्शन और जलाभिषेक के लिए यहां पहुंचते हैं.

इस बार प्रशासन ने महामारी के चलते अनुमति जारी नहीं की है. संक्रमण के चलते जिला प्रशासन ने तमाम धार्मिक आयोजन की अनुमति से इनकार कर दिया है. हालांकि यहां के लोग इंतजाम से खुश हैं, प्रशासन ने महिलाओं और पुरुषों के लिए दर्शन करने के लिए अलग-अलग इंतजाम किया है.

मंदिर के पुजारी कैलाश भट्ट ने बताया कि कई सालों बाद सावन सोमवार और सोमवती अमावस्या का महायोग एक साथ आया है. आज के दिन भगवान की पूजा और दर्शन का धार्मिक महत्व काफी अच्छा माना जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस दिन भगवान के दर्शन मात्र से ही तमाम मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

मंदसौर । सावन सोमवार और सोमवती अमावस्या के महायोग पर आज मंदसौर के भगवान पशुपतिनाथ मंदिर में भी लॉकडाउन के नियमों के बीच हजारों श्रद्धालुओं ने शांतिपूर्वक दर्शन किए. हरियाली अमावस्या के पर्व पर यहां हर साल बड़े पैमाने पर धार्मिक आयोजन होते हैं, लेकिन कोरोना वायरस के चलते इस बार प्रशासन ने मंदिर पर केवल दर्शन की अनुमति जारी की है. आज यहां दर्शन के लिए दिनभर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा. सावन महीने में हर साल पशुपतिनाथ मंदिर में अभिषेक और गर्भगृह में जलाभिषेक के आयोजन होते हैं.

पशुपतिनाथ मंदिर

लाखों श्रद्धालुओं की आमद के हिसाब से प्रबंध समिति भी यहां आने वाले कावड़ियों के लिए दर्शन और जल चढ़ाने का इंतजाम करती हैं. राजस्थान और गुजरात से भी पैदल यात्री और कावड़िए दर्शन और जलाभिषेक के लिए यहां पहुंचते हैं.

इस बार प्रशासन ने महामारी के चलते अनुमति जारी नहीं की है. संक्रमण के चलते जिला प्रशासन ने तमाम धार्मिक आयोजन की अनुमति से इनकार कर दिया है. हालांकि यहां के लोग इंतजाम से खुश हैं, प्रशासन ने महिलाओं और पुरुषों के लिए दर्शन करने के लिए अलग-अलग इंतजाम किया है.

मंदिर के पुजारी कैलाश भट्ट ने बताया कि कई सालों बाद सावन सोमवार और सोमवती अमावस्या का महायोग एक साथ आया है. आज के दिन भगवान की पूजा और दर्शन का धार्मिक महत्व काफी अच्छा माना जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस दिन भगवान के दर्शन मात्र से ही तमाम मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

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