मंदसौर। गांधी सागर अभयारण्य क्षेत्र में इन दिनों पक्षियों की गणना का काम जारी है. वन विभाग और पक्षी विशेषज्ञ पिछले 3 दिनों से यहां के पक्षियों की संख्या और उसकी प्रजातियों की गणना कर, शोध का काम कर रहे हैं. इस रोचक काम में देश के कई प्रांतों के 100 से ज्यादा पक्षी विशेषज्ञ गांधी सागर के दौरे पर आए हुए हैं. वहीं पर्यावरण की अनुकूलता के कारण तेजी से बढ़ रही पक्षियों की संख्या से वे काफी खुश नजर आ रहे हैं.
गांधी सागर अभयारण्य में पक्षियों की गणना जारी, पाई गईं 220 प्रजातियां - gandhi sagar sanctuary
इन दिनों मंदसौर के गांधी सागर अभयारण्य क्षेत्र में पक्षियों की गणना का काम जारी है. पिछले तीन दिनों से वन विभाग और पक्षी विशेषज्ञों की टीम गणना कर शोध का काम कर रही हैं.
पक्षी गणना का काम जारी
मंदसौर। गांधी सागर अभयारण्य क्षेत्र में इन दिनों पक्षियों की गणना का काम जारी है. वन विभाग और पक्षी विशेषज्ञ पिछले 3 दिनों से यहां के पक्षियों की संख्या और उसकी प्रजातियों की गणना कर, शोध का काम कर रहे हैं. इस रोचक काम में देश के कई प्रांतों के 100 से ज्यादा पक्षी विशेषज्ञ गांधी सागर के दौरे पर आए हुए हैं. वहीं पर्यावरण की अनुकूलता के कारण तेजी से बढ़ रही पक्षियों की संख्या से वे काफी खुश नजर आ रहे हैं.
Intro:मंदसौर ।गांधी सागर अभ्यारण क्षेत्र में इन दिनों पक्षी गणना का काम जारी है ।वन विभाग और पक्षी विशेषज्ञ पिछले 3 दिनों से यहां के पक्षियों की संख्या और उसकी प्रजातियों की गणना कर उन पर शोध का काम कर रहे हैं। इस रोचक काम में देश के कई प्रांतों के 100 से ज्यादा पक्षी विशेषज्ञ गांधी सागर के दौरे पर आए हुए हैं। वहीं पर्यावरण की अनुकूलता के कारण तेजी से बढ़ रही पक्षियों की संख्या से वे काफी खुश नजर आ रहे हैं।Body:पक्षी गणना का यह कार्य विभागीय तौर पर दूसरी बार हो रहा है ।पिछले साल पहली बार हुई गणना के दौरान यहां 211 तरह के पक्षी पाए गए थे। इस बार यहां 9 तरह की नई प्रजातियों के पक्षी भी देखे गए हैं। यहां प्रवास कर रहे पक्षियों में खासकर इंडियन स्पॉटेड क्रीपर, ब्लैक केप्ट किंगफिशर, ब्लैक नेक्ड स्टोर्क, डेमों सील क्रेन, डंलीन, फिमेन्स रोज फैंस नामक नई प्रजातियों के पक्षी भी पाए गए हैं ।वन विभाग और पक्षी विशेषज्ञ इन प्रजातियों के मिलने से काफी खुश हैं।
byte: क्षितिज कुमार, डीएफओ ,मंदसौरConclusion:गांधी सागर का अभ्यारण करीब 200 वर्ग किलोमीटर के दायरे में फैला हुआ है ।झील के चारों तरफ स्थित इस अभ्यारण की सुरक्षा और पक्षियों की आवश्यकता अनुकूल दाना पानी की व्यवस्था भी विभाग अब तेजी से कर रहा है। वही प्रवासी पक्षियों के आने के चलन तेजी से बढ़ने से अब यहां पक्षी विहार भी बढ़ रहा है। इन हालातों से पर्यावरण के क्षेत्र में काम कर रहे लोग और वन विभाग का अमला काफी खुश नजर आ रहा है ।
विनोद गौड़, रिपोर्टर, ईटीवी भारत ,मध्य प्रदेश
byte: क्षितिज कुमार, डीएफओ ,मंदसौरConclusion:गांधी सागर का अभ्यारण करीब 200 वर्ग किलोमीटर के दायरे में फैला हुआ है ।झील के चारों तरफ स्थित इस अभ्यारण की सुरक्षा और पक्षियों की आवश्यकता अनुकूल दाना पानी की व्यवस्था भी विभाग अब तेजी से कर रहा है। वही प्रवासी पक्षियों के आने के चलन तेजी से बढ़ने से अब यहां पक्षी विहार भी बढ़ रहा है। इन हालातों से पर्यावरण के क्षेत्र में काम कर रहे लोग और वन विभाग का अमला काफी खुश नजर आ रहा है ।
विनोद गौड़, रिपोर्टर, ईटीवी भारत ,मध्य प्रदेश
Last Updated : Feb 5, 2020, 5:14 PM IST