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मंदसौर गोलीकांड की दूसरी बरसी पर 115 संगठनों के नेताओं ने शहीद किसानों को दी श्रद्धांजलि, सरकार को दी ये चेतावनी

मंदसौर किसान आदोलन की दूसरी वर्षगाठ पर मंदसौर के टकरावद गांव में किसान श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया. जिसमें देशभर के 115 किसान संगठन एकत्रित हुए. जहां इन किसान संगठनों ने किसानों को श्रद्धांजलि देने के बाद एलान किया कि हम अब भी चुप नहीं बैठे हैं, अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुई तो मंदसौर से भी बड़ा आंदोलन अबकी बार होगा.

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Published : Jun 6, 2019, 6:22 PM IST

मंदसौर किसान आदोलन की दूसरी वर्षी

मंदसौर। कन्हैयालाल पाटीदार, सत्यनारायण धनगर, पूनमचंद पाटीदार, अभिषेक पाटीदार, चैनराम पाटीदार, घनश्याम धाकड़ ये नाम भले ही लोग भूल गए हों, लेकिन मंदसौर सहित पूरे मालवाचंल के किसानों के जेहन में ये 6 नाम आज भी जिंदा हैं क्योंकि ये वो किसान थे, जो दो साल पहले आज ही के दिन पुलिस की गोलियों के शिकार हो गए थे. 6 जून 2017 की तारीख आज भी मंदसौर के लोगों के लिए किसी सदमे से कम नहीं है क्योंकि इसी दिन किसान आंदोलन का वो भयावह रुप सामने आया था, जो 6 किसानों की जान लेकर भी नहीं रुका था.

मंदसौर गोलीकांड की दूसरी बरसी पर देश के 115 संगठनों ने आयोजित की श्रद्धांजलि सभा

मंदसौर किसान आंदोलन की आज दूसरी बरसी है. इस आंदोलन में मारे गए किसानों को आज भी अपनी शहादत का इंतजार है. किसान आंदोलन की बरसी पर मंदसौर के टकरावद गांव में कई किसान संगठन एक बार फिर एकजुट हुए और मंदसौर गोलीकांड में मारे गये किसानों को श्रद्धांजलि देने के बाद एलान किया कि हम अब भी चुप नहीं बैठे हैं, अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुई तो मंदसौर से भी बड़ा आंदोलन अबकी बार होगा. किसान संघर्ष समिति के राष्ट्रीय संयोजक वीएम सिंह का कहना है कि अब हम अपना काम खुद करेंगे.

स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजू शेट्टी कहते हैं कि किसान आंदोलन की चिंगारी आज भी जल रही है जो कभी भी भड़क सकती है. इन किसान नेताओं की बात सुनकर तो यही कहा जा सकता है कि मंदसौर के किसानों की शहादत भले ही नेताओं को याद न हो, लेकिन इनके जेहन में आज भी वो जख्म ताजा है. इस मौके पर महाराष्ट्र, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के करीब 115 किसान संगठनों ने पहुंचकर सियासतदानों को ये बता दिया है कि अपने साथियों की शहादत व्यर्थ नहीं जाने देंगे.

मंदसौर। कन्हैयालाल पाटीदार, सत्यनारायण धनगर, पूनमचंद पाटीदार, अभिषेक पाटीदार, चैनराम पाटीदार, घनश्याम धाकड़ ये नाम भले ही लोग भूल गए हों, लेकिन मंदसौर सहित पूरे मालवाचंल के किसानों के जेहन में ये 6 नाम आज भी जिंदा हैं क्योंकि ये वो किसान थे, जो दो साल पहले आज ही के दिन पुलिस की गोलियों के शिकार हो गए थे. 6 जून 2017 की तारीख आज भी मंदसौर के लोगों के लिए किसी सदमे से कम नहीं है क्योंकि इसी दिन किसान आंदोलन का वो भयावह रुप सामने आया था, जो 6 किसानों की जान लेकर भी नहीं रुका था.

मंदसौर गोलीकांड की दूसरी बरसी पर देश के 115 संगठनों ने आयोजित की श्रद्धांजलि सभा

मंदसौर किसान आंदोलन की आज दूसरी बरसी है. इस आंदोलन में मारे गए किसानों को आज भी अपनी शहादत का इंतजार है. किसान आंदोलन की बरसी पर मंदसौर के टकरावद गांव में कई किसान संगठन एक बार फिर एकजुट हुए और मंदसौर गोलीकांड में मारे गये किसानों को श्रद्धांजलि देने के बाद एलान किया कि हम अब भी चुप नहीं बैठे हैं, अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुई तो मंदसौर से भी बड़ा आंदोलन अबकी बार होगा. किसान संघर्ष समिति के राष्ट्रीय संयोजक वीएम सिंह का कहना है कि अब हम अपना काम खुद करेंगे.

स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजू शेट्टी कहते हैं कि किसान आंदोलन की चिंगारी आज भी जल रही है जो कभी भी भड़क सकती है. इन किसान नेताओं की बात सुनकर तो यही कहा जा सकता है कि मंदसौर के किसानों की शहादत भले ही नेताओं को याद न हो, लेकिन इनके जेहन में आज भी वो जख्म ताजा है. इस मौके पर महाराष्ट्र, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के करीब 115 किसान संगठनों ने पहुंचकर सियासतदानों को ये बता दिया है कि अपने साथियों की शहादत व्यर्थ नहीं जाने देंगे.

Intro:मंदसौर। फसलों और कृषि उत्पादों के वाजिब दाम देने और उनमें लागत की कमी के मुद्दे पर, 2 साल पहले मंदसौर से शुरू हुए किसान आंदोलन कि आज दूसरी बरसी है। उन मुद्दों पर हुए उग्र आंदोलन में मालवा इलाके के हजारों किसानों ने जून 2017 में 6 दिन तक सड़कों पर उतारकर तगड़ी लड़ाई लड़ी। इसी दौरान पुलिस की गोलियों और पिटाई से यहां के 6 किसानों की मौत भी हो गई ।लेकिन इन किसानों की मांगों पर अभी तक भी विचार ना होने से अब पूरे देश के किसान उन्ही मुद्दों पर एक बार फिर एकजुट होते नजर आ रहे हैं। किसान आंदोलन की दूसरी बरसी के मौके पर मंदसौर के ग्राम टकरावद में आज कई किसान संगठनों से जुड़े सैकड़ों कार्यकर्ता एकत्र हुए ,और उन्होंने श्रद्धांजलि सभा का आयोजन करते हुए, वापस उन्हीं मुद्दों पर कमलनाथ सरकार से तत्काल विचार करने की चेतावनी दी है।यहाँ हुए आयोजन में शिरकत करने आये किसान संघर्ष समिति के राष्ट्रीय संयोजक वी एम सिंह और स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजू शेट्टी ने कमलनाथ सरकार को किसानों की तमाम मांगे जल्द पूरी करने की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार इस मामले में कोई सुनवाई नहीं करती है तो देश के लाखो किसान एक बार फिर बड़ा आंदोलन छेड़ देँगे।


Body:किसान आंदोलन की दूसरी बरसी के मौके पर मंदसौर के ग्राम टकरावद में आयोजित किसान स्मृति सभा में देश के करीब 115, किसान संगठनों के कई कार्यकर्ताओं ने शिरकत की। महाराष्ट्र, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और मध्य प्रदेश के अलावा छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश से आए किसान संगठनों के पदाधिकारियों ने, 2 साल पहले उठाई हुई मांगों को आज फिर दोहराया है। किसान नेताओं ने फलों ,सब्जियों और दूध के अलावा कृषि उत्पादों के वर्तमान भावों को डेढ़ गुना बढ़ाने की मांग उठाई है ।किसान संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीएम सिंह ने इन मुद्दों पर प्रदेश की कमलनाथ और केंद्र की मोदी सरकारों के खिलाफ तगड़ा आक्रोश जताया है।


Conclusion:उन्होंने कहा कि चुनाव के पहले भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों ने अपने घोषणा पत्रों में किसान आंदोलन के सभी मुद्दों को शामिल किया था। लेकिन चुनाव के दौरान दोनों ही पार्टियों ने किसानों को गुमराह कर उन्हें असल मुद्दों से भटकाया है ।उन्होंने कहा कि फसलों के वाजिब दामों की बढ़ोतरी और किसान आंदोलन में मारे गए किसानों के परिजनों की मांगों पर अभी भी कोई सुनवाई नहीं हुई है।उन्होंने कहा कि इस मामले में विधानसभा सदन में प्रदेश के गृहमंत्री बाला बच्चन ने किसानों पर गोलियां चलाने वाले दोषी पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई का भी आश्वासन दिया था। लेकिन सरकार ने कार्रवाई करने के बजाय उन्हें पद्मश्री जैसे अवार्ड से नवाज दिया है ।उन्होंने दोषी अधिकारियों को फांसी की सजा देने की मांग उठाई है ।वीएम सिंह ने साफ कहा कि आंदोलन करने वाले हजारों किसानों पर आज भी कानूनी प्रकरण दर्ज है और प्रदेश की सरकार इस मामले में केस वापसी के वादे से भी मुकर गई है। किसान नेताओं ने आज स्मृति सभा के दौरान फैसला लेते हुए,अब तत्काल मुख्यमंत्री कमलनाथ सिंह से मुलाकात करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि यदि किसान आंदोलन के मुद्दों पर प्रदेश सरकार ने कोई सुनवाई नहीं की तो वे अब इस मामले की शिकायत राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी से करेंगे ।इसके बावजूद भी यदि किसानों के मुद्दे पर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो, इस बार पूरे देश के किसान एक बड़ा किसान आंदोलन छेड़ देंगे।
byte1: वीएम सिंह, राष्ट्रीय संयोजक, किसान संघर्ष समिति
byte 2: राजू शेट्टी ,राष्ट्रीय अध्यक्ष, स्वाभिमानी शेतकरी संगठन
ptc: विनोद गौड़, रिपोर्टर, मंदसौर



विनोद गौड़, रिपोर्टर, मंदसौर
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