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लॉकडाउन इफेक्टः सब्जी की खेती करने वाले किसानों का छलका दर्द, 'अगला सीजन भी चौपट' - mandla news

मंडला में सब्जी की आपूर्ति नर्मदा किनारे के कछारों से निकलने वाली सब्जियों से हो जाती थी, लेकिन लॉकडाउन के चलते इन कछारों में अब गाजर घास उग आई है. लॉकडाउन के चलते किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

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सूख गई सब्जी
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Published : May 9, 2020, 3:37 PM IST

Updated : May 17, 2020, 6:38 PM IST

मंडला। नर्मदा नदी के इन किनारों का सौंदर्य देखते ही बनता है. निर्मल जल के साथ ही दूर तक शांत बहती ये नदी सैकड़ों परिवारों के लिए जीवनदायनी से कम नहीं. सब्जी उगाने वाले किसानों के लिए तो ये जीवन रेखा है. जिसके बिना इनका गुजर- बसर कठिन है. नर्मदा के तट का ये सौंदर्य इस साल फीका पड़ गया है. जिन कछारों में भरी गर्मी के सीजन में भी हरी भरी सब्जियों की महक थी, अब वहां गाजर घास ने कब्जा कर लिया है और इसकी एक ही वजह से कोरोना संक्रमण के चलते हुआ लॉकडाउन.

सब्जी उगाने वाले किसानों को भारी नुकसान

पूरे शहर में होती थी सप्लाई

शहर से लगे हुए रामबाग,पुरवा जैसे गांव के लोग नर्मदा नदी के किनारे बैगन, करेला, लौकी, बरवटी, ककड़ी, मूली से लेकर तमाम हरी सब्जियों की खेती करते हैं. लिहाजा ये इलाका पूरे शहर के लिए सब्जी का केंद्र हुआ करता था. यहीं से शहर के कोने-कोने में सब्जियां सप्लाई होती थीं.

vegetable farmers suffer huge losses in mandla
बैगन की फसल तबाह

तबाह हुई फसल

हर साल की तरह इस साल भी किसानों ने सब्जी उगाने की पूरी तैयारी कर ली थी. खून-पसीना बहाकर जैसे-तैसे सब्जी उगा तो ली. लेकिन कोरोना ने इन पर ग्रहण लगा दिया. इस दौरान हुए लॉकडाउन में किसानों को सब्जियां तोड़ने का मौक ही नहीं मिल पाया और खेत में लगे-लगे की हरी सब्जी सूख गईं. बची हुई सब्जी भीषण गर्मी की कहर नहीं झेल पाई और सड़ने लगी है.


शादियों के सीजन में होता था साल भर का मुनाफा

सब्जी किसानों के मुताबिक गर्मी में शादियों के सीजन में इनके कछारों से ही थोक में सब्जियों को लेने लोग आते थे. सलाद के लिए ककड़ी,मूली,टमाटर हो या फिर बैगन जैसी सब्जियों की भारी डिमांड भी होती थी. इसी सीजन में कछारों पर ही वो मुनाफा मिल जाता था. जिससे इनके साल भर का खर्च बड़ी आसानी से निकल आता. लेकिन लॉकडाउन के चलते जहां बैगन कछारों पर ही सड़ गए, वहीं मूली भी जमीन में ही खराब हो रही है. जिन्हें कोई लेने वाला ही नहीं है.

vegetable farmers suffer huge losses in mandla
सड़ गई मूली
अगली फसल की नहीं हो रही तैयारी

किसानों ने बताया कि, इस सीजन में कछारों से लॉकडाउ की वजह से उन्हें भारी नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा कि, इस सीजन में ही घाटा लगा तो, अगली फसल कैसे लगाएं. कछार खाली पड़े हैं. साथ ही इनमें उगने वाले खरपतवार को हटाने अलग से मेहनत करनी होगी. जो हर तरह से नुकसान का ही सौदा है.

मंडला। नर्मदा नदी के इन किनारों का सौंदर्य देखते ही बनता है. निर्मल जल के साथ ही दूर तक शांत बहती ये नदी सैकड़ों परिवारों के लिए जीवनदायनी से कम नहीं. सब्जी उगाने वाले किसानों के लिए तो ये जीवन रेखा है. जिसके बिना इनका गुजर- बसर कठिन है. नर्मदा के तट का ये सौंदर्य इस साल फीका पड़ गया है. जिन कछारों में भरी गर्मी के सीजन में भी हरी भरी सब्जियों की महक थी, अब वहां गाजर घास ने कब्जा कर लिया है और इसकी एक ही वजह से कोरोना संक्रमण के चलते हुआ लॉकडाउन.

सब्जी उगाने वाले किसानों को भारी नुकसान

पूरे शहर में होती थी सप्लाई

शहर से लगे हुए रामबाग,पुरवा जैसे गांव के लोग नर्मदा नदी के किनारे बैगन, करेला, लौकी, बरवटी, ककड़ी, मूली से लेकर तमाम हरी सब्जियों की खेती करते हैं. लिहाजा ये इलाका पूरे शहर के लिए सब्जी का केंद्र हुआ करता था. यहीं से शहर के कोने-कोने में सब्जियां सप्लाई होती थीं.

vegetable farmers suffer huge losses in mandla
बैगन की फसल तबाह

तबाह हुई फसल

हर साल की तरह इस साल भी किसानों ने सब्जी उगाने की पूरी तैयारी कर ली थी. खून-पसीना बहाकर जैसे-तैसे सब्जी उगा तो ली. लेकिन कोरोना ने इन पर ग्रहण लगा दिया. इस दौरान हुए लॉकडाउन में किसानों को सब्जियां तोड़ने का मौक ही नहीं मिल पाया और खेत में लगे-लगे की हरी सब्जी सूख गईं. बची हुई सब्जी भीषण गर्मी की कहर नहीं झेल पाई और सड़ने लगी है.


शादियों के सीजन में होता था साल भर का मुनाफा

सब्जी किसानों के मुताबिक गर्मी में शादियों के सीजन में इनके कछारों से ही थोक में सब्जियों को लेने लोग आते थे. सलाद के लिए ककड़ी,मूली,टमाटर हो या फिर बैगन जैसी सब्जियों की भारी डिमांड भी होती थी. इसी सीजन में कछारों पर ही वो मुनाफा मिल जाता था. जिससे इनके साल भर का खर्च बड़ी आसानी से निकल आता. लेकिन लॉकडाउन के चलते जहां बैगन कछारों पर ही सड़ गए, वहीं मूली भी जमीन में ही खराब हो रही है. जिन्हें कोई लेने वाला ही नहीं है.

vegetable farmers suffer huge losses in mandla
सड़ गई मूली
अगली फसल की नहीं हो रही तैयारी

किसानों ने बताया कि, इस सीजन में कछारों से लॉकडाउ की वजह से उन्हें भारी नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा कि, इस सीजन में ही घाटा लगा तो, अगली फसल कैसे लगाएं. कछार खाली पड़े हैं. साथ ही इनमें उगने वाले खरपतवार को हटाने अलग से मेहनत करनी होगी. जो हर तरह से नुकसान का ही सौदा है.

Last Updated : May 17, 2020, 6:38 PM IST
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