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ईटीवी भारत की पहल पर केंद्रीय मंत्री ने कुपोषण को माना बड़ी समस्या, कमलनाथ सरकार को दी ये सलाह

कुपोषण को लेकर ईटीवी भारत ने 'कुपोषण एक कलंक' मुहित चलाई और राज्य के अलग-अलग हिस्सों में कुपोषण के हालात सामने लाए. जिसके बाद केंद्रीय इस्पात मंत्री और मंडला सासंद फग्गन सिंह कुलस्ते ने कुपोषण को बड़ी समस्या माना और इसके लिए एक बड़ा अभियान चलाने की सलाह कमलनाथ सरकार को दी है.

union-minister faggan singh kulaste
बड़ा ऐजेंडा बड़ा असर
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Published : Nov 29, 2019, 12:11 AM IST

मंडला। देश का दिल यानी मध्यप्रदेश कुपोषण के कहर से ग्रसित है. आदिवासी जिलों पर कुपोषण का कहर इस कदर हैं कि यहां के नौनिहाल बुरी तरह बेहाल हैं. यही वजह है कि इस कलंक के दूर होने के आसार दूर-दूर तक नजर नहीं आते. कहीं बच्चे दिव्यांग होते हैं तो कहीं जन्म के बाद उनका विकास नहीं हो पाता. ये हाल तब हैं जब केंद्र और राज्य सरकार लगातार कुपोषण को मिटाने वाली योनाओं का डिंडौरा पीट रही है. बात अगर अकेले मंडला जिले की करें तो.

  • यहां 100 में से 17 बच्चे कुपोषण का शिकार हैं.
  • मण्डला में 0-5 साल तक के कुल 85 हजार 215 बच्चे हैं.
  • इनमें से 14 हजार 489 बच्चे यानि कुल 17 फीसदी बच्चे कुपोषित हैं.
  • जबकि अति कुपोषित बच्चों की संख्या एक हजार 170 यानि 1 प्रतिशत है.
    केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने कुपोषण को माना बड़ी समस्या

मध्यप्रदेश से कुपोषण का कलंक मिटाने का वादा कर सत्ता में आई कांग्रेस अपने वादे से मुकरती नजर आ रही है. मंडला जिले में कुपोषण से जंग लड़ने वाली योजनाएं धूल फांकती नजर आती हैं. ईटीवी भारत ने 'कुपोषण एक कलंक' एजेंडा के जरिए कुपोषण के मुद्दे को उठाया और मध्यप्रदेश के अलग-अलग जिलों की हकीकत बताई, जिसके बाद केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने कुपोषण को बड़ी समस्या माना और राज्य से कुपोषण को दूर करने के लिए कमलनाथ सरकार को एक अभियान चलाने की सलाह भी दी.

कुपोषण को लेकर ईटीवी भारत द्वारा चलाई जा रही मुहिम की तारीफ करते हुए मंडला से बीजेपी विधायक देवसिंह शैयाम ने कुपोषण को दूर करने के लिए निर्देश देने की बात कही है. इसके साथ ही उन्होंने एक जन जागरूकता अभियान बेहतर विकल्प बताया है.

स्थानीय जनप्रतिनिधी खुद स्वीकार रहे हैं कि मंडला में कुपोषण के हालात कितने भंयकर हो चुके हैं. लेकिन सवाल अकेले मंडला का नहीं बल्कि पूरे प्रदेश का है. ऐसे में सरकार को चाहिए की कुपोषण का कलंक मिटाने के लिए ऐसे कदम उठाएं जाएं तो सार्थक हों.

मंडला। देश का दिल यानी मध्यप्रदेश कुपोषण के कहर से ग्रसित है. आदिवासी जिलों पर कुपोषण का कहर इस कदर हैं कि यहां के नौनिहाल बुरी तरह बेहाल हैं. यही वजह है कि इस कलंक के दूर होने के आसार दूर-दूर तक नजर नहीं आते. कहीं बच्चे दिव्यांग होते हैं तो कहीं जन्म के बाद उनका विकास नहीं हो पाता. ये हाल तब हैं जब केंद्र और राज्य सरकार लगातार कुपोषण को मिटाने वाली योनाओं का डिंडौरा पीट रही है. बात अगर अकेले मंडला जिले की करें तो.

  • यहां 100 में से 17 बच्चे कुपोषण का शिकार हैं.
  • मण्डला में 0-5 साल तक के कुल 85 हजार 215 बच्चे हैं.
  • इनमें से 14 हजार 489 बच्चे यानि कुल 17 फीसदी बच्चे कुपोषित हैं.
  • जबकि अति कुपोषित बच्चों की संख्या एक हजार 170 यानि 1 प्रतिशत है.
    केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने कुपोषण को माना बड़ी समस्या

मध्यप्रदेश से कुपोषण का कलंक मिटाने का वादा कर सत्ता में आई कांग्रेस अपने वादे से मुकरती नजर आ रही है. मंडला जिले में कुपोषण से जंग लड़ने वाली योजनाएं धूल फांकती नजर आती हैं. ईटीवी भारत ने 'कुपोषण एक कलंक' एजेंडा के जरिए कुपोषण के मुद्दे को उठाया और मध्यप्रदेश के अलग-अलग जिलों की हकीकत बताई, जिसके बाद केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने कुपोषण को बड़ी समस्या माना और राज्य से कुपोषण को दूर करने के लिए कमलनाथ सरकार को एक अभियान चलाने की सलाह भी दी.

कुपोषण को लेकर ईटीवी भारत द्वारा चलाई जा रही मुहिम की तारीफ करते हुए मंडला से बीजेपी विधायक देवसिंह शैयाम ने कुपोषण को दूर करने के लिए निर्देश देने की बात कही है. इसके साथ ही उन्होंने एक जन जागरूकता अभियान बेहतर विकल्प बताया है.

स्थानीय जनप्रतिनिधी खुद स्वीकार रहे हैं कि मंडला में कुपोषण के हालात कितने भंयकर हो चुके हैं. लेकिन सवाल अकेले मंडला का नहीं बल्कि पूरे प्रदेश का है. ऐसे में सरकार को चाहिए की कुपोषण का कलंक मिटाने के लिए ऐसे कदम उठाएं जाएं तो सार्थक हों.

Intro:ईटीवी भारत प्रदेश भर में कुपोषण के खिलाफ अभियान चला रहा है वहीं केंद्रीय इस्पात राज्यमंत्री फग्गनसिंह कुलस्ते जो पिछली मोदी सरकार में केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री भी रह चुके हैं उनका मानना है की इससे लड़ने के लिए जनता को जगरूक करना होगा साथ ही खास क्षेत्रों का सर्वे कराने के बाद उस पर काम करना होगा


Body:केंद्रीय इस्पात राज्यमंत्री फग्गनसिंह कुलस्ते का कहना है कि कुपोषण न केवल प्रदेश के लिए बल्कि देश के लिए गंभीर चिंता का विषय है और बच्चों के साथ ही माताओँ में कुपोषण के कारणों पर राज्य सरकार को काम करना चाहिये और उन खास ग्रामीण क्षेत्रों को चिन्हित कर यहाँ सर्वे के माध्यम से यह पता लगाना चाहिए कि आखिर यहाँ कुपोषण का क्या कारण है,केंद्रीय मंत्री का कहना है कि कुपोषण को दूर करने के लिए हर किसी को आगे आना चाहिए वहीँ, महिला बाल विकास विभाग और स्वास्थ्य विभाग को इस पर और भी जिम्मेदारी से काम करना चाहिए।वहीं मण्डला में 18% बच्चों में कुपोषण को लेकर यहाँ के विधायक देवसिंह शैयाम का कहना है ईटीवी भारत के द्वारा कुपोषण पर उनका ध्यान दिलाने पर विधायक का कहना है कि महिला बाल विकास विभाग की लापरवाही है और वे इस विषय पर अधिकारियों से चर्चा करेंगे।


Conclusion:केंद्रीय मंत्री कुलस्ते ने बताया कि उन्होंने कुछ दिन पहले जिला अस्पताल के कुपोषण राहत केंद्र का विजिट भी किया था और अधिकारियों को इससे निपटने के निर्देश भी दिए थे।

बाईट--देवसिंह शैयाम, विधायक मण्डला
बाईट--फग्गनसिंह कुलस्ते,केंद्रीय इस्पात राज्यमंत्री भारत सरकार
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