मंडला। टाइगर स्टेट का दर्जा पाने वाले मध्यप्रदेश में बाघों पर संकट कायम है. कान्हा नेशनल पार्क से 1 किलोमीटर की दूरी पर बाघिन की मौत तार में फंस कर हो गयी. जिसके वन विभाग में हड़कंप मच गया. विश्व प्रसिद्ध कान्हा नेशनल पार्क जो कि टाइगर के लिए जाना जाता है और प्रदेश को टाइगर स्टेट का दर्जा दिलाने में इसका खास योगदान रहा हैं. ऐसे में जब यहां किसी बाघिन की तार में फंसकर मौत हो जाए तो बाघ की सुरक्षा को लेकर किए जा रहे इंतजामों पर सवाल उठना लाजमी है.
तार में फंसकर बाघिन की मौत
कान्हा नेशनल पार्क से 1 किलोमीटर दूरी पर खापा सर्कल बफर जोन के बम्हनी के जंगल में तार के फंदे में फसकर दो साल की बाघिन की मौत हो गई. जिसके बाद वन विभाग में हड़कंप मच गया. वन विभाग की टीम घटनास्थल पर पहुंची और आसपास बारीकी से जांच की. घटनास्थल देखने के बाद पाया गया की बाघिन की मौत तार में फंस कर हुई जो जंगली जानवर या बाघ के शिकार के लिए लगाया गया है. जो यह बताने को काफी है कि वन्य प्राणियों का अवैध शिकार से बचाने और उनकी सुरक्षा को लेकर कान्हा प्रबंधन और वन विभाग कितना गंभीर है.
वन विभाग पर उठे सवाल
टाइगर की सुरक्षा को लेकर सरकार के द्वारा लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी कान्हा नेशनल पार्क के वन प्राणी असुरक्षित है. एक तरफ इस सीजन जहां बाघों की संख्या में इजाफा नजर आ रहा है. वहीं दूसरी तरफ 2 साल की बाघिन की मौत इस बात पर सवाल पैदा करती है की क्या कान्हा प्रबंधन इतना भी सक्षम नहीं कि शिकारियों की नजर से बाघों को बचा सके.