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लॉकडाउन से फीकी पड़ी मंडला के गुड़ की मिठास, गन्ना किसान हो रहे परेशान

मंडला जिले में लॉकडाउन की वजह से गन्ना किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. न तो अब तक गन्ने की फसल की कटाई शुरु पाई है और न ही गुड़ बनाने की शुरुआत हो सकी है.

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गन्ना किसान हो रहे परेशान
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Published : Apr 8, 2020, 5:06 PM IST

मंडला। लॉकडाउन का असर किसानों पर भी पड़ा है. मंडला में लॉकडाउन और बेमौसम हुई बारिश से जिले में गन्ना किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ा है. पहले बेमौसम बारिश और फिर लॉकडाउन की वजह से किसानों की गन्ने की फसल नहीं लग पाई जिसके चलते किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ा है.

लॉक डाउन से फीकी पड़ी मंडला के गुड़ की मिठास

गन्ना किसानों ने बताया कि जिस फसल को फरवरी माह में कट जाना था और इसी माह इन गन्नों से गुड़ बनाया जाना था. लेकिन अप्रैल का पहला सप्ताह बीतने के बाद भी न तो फसल कट पाई और न गुड़ पिराई का काम शुरु हो पाया. किसानों को इस बात का इंतजार है कि पहले लॉक डाउन हटे या फिर बरसात का कहर रुके तो गन्ने की कटाई, पिराई और गुड़ का बनाने का काम शुरु हो सके.

गन्ना किसान हो रहे परेशान
गन्ना किसान हो रहे परेशान

किसानों का कहना है कि कोरोना के चलते अब पिराई के लिए काम करने वाले लोग तक नहीं मिल रहे. जबकि बेमौसम बरसात के चलते भट्ठियाँ चालू नहीं हो पाई. जबकि फरवरी माह में ही गन्ने की कटाई से लेकर दूसरी फसल लगाना और गुड़ बनना भी कम्प्लीट हो जाना चाहिए,

बर्बाद हुई गन्ने की फसल
बर्बाद हुई गन्ने की फसल

मामले में कृषि विभाग के सहायक संचालक ने मार्च के शुरुआती हफ्ते में ही यह बात कही थी कि अब गन्ने का रस कम हो जाएगा, देरी होने से गुड़ की मात्रा में कमी और कालापन आता है. मंडला के गुड़ की मांग दिल्ली के प्रगति मैदान में लगने वाले मेले से लेकर सभी प्रदेशो के प्रमुख मेलों में रहती है. यही कारण है कि गुड़ बनाने की बेहतर तकनीकी किसानों को सिखाने के लिए आत्मा परियोजना देश विदेश के भृमण भी कराती है. लेकिन इस बार गुड़ की मिठास फीकी पड़ गई.

मंडला। लॉकडाउन का असर किसानों पर भी पड़ा है. मंडला में लॉकडाउन और बेमौसम हुई बारिश से जिले में गन्ना किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ा है. पहले बेमौसम बारिश और फिर लॉकडाउन की वजह से किसानों की गन्ने की फसल नहीं लग पाई जिसके चलते किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ा है.

लॉक डाउन से फीकी पड़ी मंडला के गुड़ की मिठास

गन्ना किसानों ने बताया कि जिस फसल को फरवरी माह में कट जाना था और इसी माह इन गन्नों से गुड़ बनाया जाना था. लेकिन अप्रैल का पहला सप्ताह बीतने के बाद भी न तो फसल कट पाई और न गुड़ पिराई का काम शुरु हो पाया. किसानों को इस बात का इंतजार है कि पहले लॉक डाउन हटे या फिर बरसात का कहर रुके तो गन्ने की कटाई, पिराई और गुड़ का बनाने का काम शुरु हो सके.

गन्ना किसान हो रहे परेशान
गन्ना किसान हो रहे परेशान

किसानों का कहना है कि कोरोना के चलते अब पिराई के लिए काम करने वाले लोग तक नहीं मिल रहे. जबकि बेमौसम बरसात के चलते भट्ठियाँ चालू नहीं हो पाई. जबकि फरवरी माह में ही गन्ने की कटाई से लेकर दूसरी फसल लगाना और गुड़ बनना भी कम्प्लीट हो जाना चाहिए,

बर्बाद हुई गन्ने की फसल
बर्बाद हुई गन्ने की फसल

मामले में कृषि विभाग के सहायक संचालक ने मार्च के शुरुआती हफ्ते में ही यह बात कही थी कि अब गन्ने का रस कम हो जाएगा, देरी होने से गुड़ की मात्रा में कमी और कालापन आता है. मंडला के गुड़ की मांग दिल्ली के प्रगति मैदान में लगने वाले मेले से लेकर सभी प्रदेशो के प्रमुख मेलों में रहती है. यही कारण है कि गुड़ बनाने की बेहतर तकनीकी किसानों को सिखाने के लिए आत्मा परियोजना देश विदेश के भृमण भी कराती है. लेकिन इस बार गुड़ की मिठास फीकी पड़ गई.

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