मंडला। ईटीवी भारत की खबर का एक बार फिर असर हुआ है. प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने 114 करोड़ की सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट को मंजूरी दी है. जिसके बाद अब नर्मदा नदी में शहर भर के गंदे नाले नहीं मिलेंगे.नर्मदा नदी में शहर के 16 गंदे नाले मिलते हैं. नर्मदा के जल को दूषित करते हैं. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. क्योंकि जल्द ही सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट और सीवर नेटवर्क को मंजूरी के बाद ये नाले नर्मदा की तरफ अपना रूख नहीं करेंगे.
नर्मदा नदी के शुद्धिकरण को लेकर बीते करीब दो दशक से प्रयास किये जा रहे थे और पूर्व की बीजेपी सरकार ने इसके लिए टेंडर की प्रक्रिया भी शुरू कर दी थी, लेकिन सिंगल टेंडर आने के चलते ये प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई. जिसे अब अमलीजामा पहनाया जा रहा है. मंडला नगर पालिका क्षेत्र के जो नाले नर्मदा में मिलते हैं, उन्हें रोकने के लिए 114 करोड़ की लागत से सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के साथ ही सीवर नेटवर्क का काम शुरू हो रहा है, जिसमें 11 पंपिंग स्टेशन बनाए जाने है.
बता दें इस कार्य के लिए जमीन भी चिन्हित की जा चुकी है. वहीं लगभग 148 किलोमीटर की सीवर लाइन भी डाली जाएगी. जो गंदे नालों के दूषित जल को पम्पिंग स्टेशनों की मदद से सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट तक पहुंचाने का काम करेगी. जहां से इस गंदे पानी को साफ कर कृषि उपयोग के लिए किसानों को उपलब्ध कराया जाएगा.
नर्मदा नदी में मिलने वाले गंदे नाले हमेशा से आस्था की डुबकी लगाने वाले श्रद्धालुओं के लिए समस्या का विषय रहे हैं. ईटीवी भारत इस मुद्दे को लगातार उठाता रहा है. हमने दिखाया था कि किस तरह की गंदगी ये नाले नर्मदा में लेकर आते हैं और किस तरह से मजबूरी के बीच श्रद्धालुओं को इन नालों के करीब ही डुबकी लगानी पड़ती है. जिसे लेकर जिम्मदारों से जबाब भी मांगे. बहरहाल ये योजना कॉंग्रेस सरकार के द्वारा शुरु की गई ऐसी योजना है,जिसे लेकर सभी लंबे समय से लोग राह देख रहे थे.