मण्डला। बर्ड फ्लू के खतरे के बाद जिले में पोल्ट्री फार्म के उत्पादों को लाने और ले जाने पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है, प्रशासन के द्वारा ये कड़े कदम बीते दिनों हुई पक्षियों की मौत के बाद उठाए गए है, साथ ही जिले में बर्ड फ्लू की पुष्टि भी हुई है.
- बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद प्रशासन अलर्ट
पशु चिकित्सा विभाग ने मृत कौओं और कबूतर के सैंपल लिए थे, जांच के बाद बर्ड फ्लू की पुष्टि हो गई है, ऐसे में मण्डला जिले के सम्पर्ण राजस्व सीमा क्षेत्र में पोल्ट्री एवं पोल्ट्री उत्पाद (अंडा, चूजे, मुर्गी, मुर्गा एवं अन्य पक्षी) के जिले में प्रवेश एवं जिले से बाहर भेजने में दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत आगामी आदेश तक प्रतिबंध लगा दिया गया है.
- ठंड से हुई 35 कड़कनाथ चूजों की मौत
उपसंचालक पशु चिकित्सा सेवाएं डॉ. एमएल मेहरा ने बताया कि 15 जनवरी को सूचना प्राप्त होने पर पटेल कृषि फार्म देवरीदादर में पशु पालन विभाग की टीम मौके पर गई और वहां पर फार्म मालिक से चूजों की मृत्यु के संबंध में पूरी जानकारी ली, उपसंचालक ने बताया कि पटेल कृषि फार्म में चूजे रात में जहां रखे जाते हैं, वहां पर रात्रि में दो दिनों से अचानक ठण्ड बढ़ने के कारण एवं चूजे एक दूसरे के ऊपर इकट्ठा होने और दबने से उनकी मृत्यु हुई है, उन्होंने बताया कि चूजों के रख-रखाव हेतु आवश्यक तापमान की व्यवस्था में कमी थी, जबकि मुर्गी घर में तापमान की व्यवस्था में कम से कम जमीन से एक फिट की ऊंचाई पर 80 चूजों के लिये 100 वॉट के चार बल्व होना आवश्यक था, कृषि फार्म में नीचे किसी भी प्रकार का बिछावन नहीं रखा गया था.
मृत चूजों का निरीक्षण करने पर बर्ड फ्लू संबंधी कोई भी बाहरी लक्षण नहीं पाए गए हैं, अन्य चूजे एवं वयस्क मुर्गा व मुर्गियां स्वस्थ्य पायी गई, मृत चूजों को जमीन में गढ्ढा खोदकर चूना डालकर डिस्पोज किया गया. जिले के सभी पोल्ट्री मालिकों को कृषि फार्म में लाईट, हीटर, बिछावन एवं साफ-सफाई की व्यवस्था हेतु समझाईश दी गई है, वहीं बर्ड फ्लू के चलते प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है.