मण्डला। जिले में लगातार बच्चे एनीमिया के शिकार हो रहे हैं, लेकिन उन्हें जैसा उपचार मिलना चाहिए वो नहीं मिल पा रहा है. इलाज के आभाव में लगभग 2,400 से ज्यादा बच्चे एनीमिया के शिकार हो चुके हैं. 13 अगस्त तक के आंकड़ों की बात करें तो जिले के 9 विकासखंड में 5 साल तक के 94 हजार 50 बच्चों ने इस बीमारी की जांच कराई थी, जिसमें 24सौ बच्चे एनीमिया से पीड़ित पाए गए हैं.
इन बच्चों की देखभाल की पहली जिम्मेदारी महिला और बाल विकास विभाग की होती है जो आंगनबाड़ी के माध्यम से इनकी हर बीमारियों की जांच की जाती हैं. इन केंद्रों के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग को बच्चों से जुड़ी हर एक जानकारी मिलती भी है, लेकिन इतनी बड़ी संख्या में बच्चों में खून की कमी कहीं न कहीं विभागों कि कार्यप्रणाली पर भी प्रश्नचिन्ह लगाती है.
इस पर जिला स्वास्थ्य अधिकारी का कहना है कि लोगों में जागरुकता कि कमी के कारण भी यह समस्या बढ़ रही है, उन्होंने विभागों की गलती मानते हुई कार्यप्रणाली व कार्यों में सुधार का आश्वासन दिया है.