मंडला। कोरोना काल में पुलिस न केवल लोगों को कोरोना से बचने जागरूक कर रही है, बल्कि जरूरतमदों की मदद कर मानवता की मिसाल भी पेश कर रही है. रोजगार छिन जाने से अवसाद में आये एक युवक की राशन देकर मदद करने के साथ ही ट्रैफिक पुलिस ने उसकी दुकान खोलने का इंताजाम भी किया.
खाकी ने पेश की मानवता की मिसाल
कोरोना काल ने कई परिवारों से खुशियां छीनने के साथ-साथ कई परिवारों की रोजी-रोटी भी छीन ली है. रोज कमा कर खाने वाले भी बच्चों का पेट भरने के लिए दान किए गए भोजन पर आश्रित होने के लिए मजबूर हो गए हैं. ऐसे ही परिवार के युवा मुखिया अभिषेक लॉकडाउन के पहले रपटा के समीप चाय की दुकान लगाया करता था. उस दुकान से अभिषेक के परिवार का पेट आसानी से पल रहा था, लेकिन जैसे ही लॉकडाउन लगा, उसका रोजगार छिन गया.
डिप्रेशन में आ गया था युवक
इस समस्या से अभिषेक डिप्रेशन में आ गया था. थोड़ी बहुत जमा पूंजी से कुछ दिन घर चला. कई बार उसे परिवार के पेट भरने के लिए रपटा में ही भोजन वितरण करने वाले संस्थाओं का सहारा लेना पड़ा. चाय की दुकान चलाकर जीविका चलाने वाले इस अभिषेक के बारे में जब ट्रैफिक सूबेदार योगेश राजपूत को पता चला तब सूबेदार राजपूत ने अभिषेक के घर पहुंच कर उसे राशन और अन्य खाद्य सामग्री प्रदान की और उसे दिलासा दी कि कुछ दिनों की बात है फिर उसका रोजगार शुरू हो जाएगा.
अवसाद से निकला बाहर
आर्थिक तंगी से जूझ रहे अभिषेक डिप्रेशन में था. उसके मन में तरह-तरह के खयाल उत्पन्न हो रहे थे, कि वह अब क्या करे,कैसे परिवार का पेट पाले और वह जिंदगी से हारने जैसा महसूस करने लगा था. सूबेदार राजपूत ने अभिषेक की काउंसलिंग कर उसकी हौसला अफजाई की और उसे मानसिक अवसाद से निकालने में सहायता की.
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आगामी समय में अभिषेक के रोजगार को फिर से प्रारंभ करने में पुलिस के साथ ही समाजसेवियों के द्वारा सहायता की बात कही गयी है. इस संकट के समय में खाकी की यह पहल निश्चित ही सराहनीय है, जो जरूरतमंद का सहारा बन मानवता की मिसाल पेश कर रही.