मंडला। सरकार के नए निर्देश के चलते किसान अपनी धान की फसल का प्रति हेक्टेयर का 26 क्विंटल हिस्सा ही सरकारी कीमत पर उपज मंडी में बेच पाएंगे. जबकि बीते साल सरकार किसानों से प्रति हेक्टेयर 42 क्विंटल धान की खरीद समर्थन मूल्य पर करती थी. सरकार के इस निर्णय पर जिले के किसानों ने नाराजगी जाहिर की है.
किसानों का कहना है सरकार बिचौलियों को फायदा पहुंचाने के लिए धान खरीदी में प्रति हेक्टेयर कमी कर रही है, जिसमें किसानों को अपनी धान की फसल दलालों को बेचने के लिए मजबूर होना पड़ेगा. किसानों के अनुसार जमीन की रजिस्ट्री हो या फिर पानी का लिया जाने वाला टेक्स, सभी में भूमि को सिंचित दर्शाया माना जाता है, जबकि नई सूचना के बाद जिले की सभी कृषि भूमि को असिंचित घोषित किया जा चुका है.
किसानों ने इस पूरे मामले में जनसुनवाई के दौरान कलेक्टर को ज्ञापना सौंपा है. किसानों ने कहा कि एक तरफ सरकार कहती है कि किसानों की दुगनी फसल ली जाएगी. वहीं दूसरी तरफ खरीदी की मात्रा में कमी कर किसानों के हित को अनदेखा किए जा रही है.
किसानों का कहना है कि नहर के साथ ही खेतों में ट्यूबवेल और कुंए भी है लेकिन उनकी भूमि को असिंचित कहा जाना किसानों के साथ अन्याय है. इसी तरह प्रति हेक्टेयर 42 क्विंटल के स्थान पर 26 क्विंटल धान ही किसानों से सरकार लेगी, बाकी की धान बिचौलियों या दलालों के उनसे मनमर्जी के दाम पर खरीदी जाएगी. जिससे किसानों को नुकसान होगा और दलालों को फायदा.