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मण्डला: फायर संसाधनों की कमी से जूझ रही है मंडला नगर पालिका

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Published : May 9, 2019, 6:24 PM IST

मण्डला में आग बुझाने के लिए पर्याप्त संसाधनों की कमी साफ-साफ नजर आ रही है. जिले के नारायणगंज और मोहगांव ऐसी दो जगह हैं. यहां फायर स्टेशन नहीं होने से कई बार आगजनी की घटना बढ़ जाती है.

मण्डला

मण्डला। जिले में गर्मी बढ़ने के साथ आगजनी की घटनाओं में इजाफा देखा जा रहा है, लेकिन जिले में आग बुझाने के लिए पर्याप्त संसाधनों की कमी साफ-साफ नजर आ रही है. मण्डला में हर एक फायर स्टेशन के फासले की बात करें तो इनकी दूरी अधिक्तम 60 किलोमीटर के करीब है. जिले में नारायणगंज और मोहगांव ऐसी दो बड़ी जगह हैं. जहां फायर स्टेशन नहीं होने से कई बार आगजनी की घटना बढ़ जाती है.

मण्डला में आग बुझाने के लिए पर्याप्त संसाधनों की कमी

सुरक्षा इंतजामों की बात जाए तो जिले भर के अधिकतर फायर स्टेशन ऐसे हैं जिनमें फायर मैन के पास सेफ्टी सूज और आग से बचाव की यूनिफॉर्म उपलब्ध ही नहीं है, सिर पर लगाने वाले हेलमेट की क्वालिटी भी मजदूरों को दिए जाने वाले हेलमेट जितनी है, वहीं मास्क और आक्सीजन सिलेंडर के आभाव से भी लगभग सभी फायर स्टेशन जूझ रहे हैं.

मुख्य कार्यपालन अधिकारी दिनेश बाघमारे ने बताया कि आगजनी से निपटने के लिए तो जिले में मण्डला नगर पालिका बेहतर काम करती है. हमारे पास दो फोम फायर हैं जो ज्वलनशील पदार्थ और शॉर्ट सर्किट से लगी आग को काबू पाने के लिए काम करती है. दो वॉटर गाड़ी हैं, एक रेस्क्यू वाहन हैं जो दोनों ही स्थिति में काम आते हैं. इसमें तीन शिफ्ट में 18 कर्मचारी काम करते हैं. जो किसी भी आगजनी की घटना पर काबू पाने के लिए मुस्तैद रहते हैं.

आगजनी की घटना की जानकारी पर बोलते हुए मुख्य कार्यपलान अधिकारी ने कहा कि हमे अक्सर इस प्रकार की सूचना संबंधित थानों से या फिर व्यक्ति विशेष से घटना की जानकारी मिलती है. ग्रामीण इलाकों में आगजनी की सूचना पर 101 फायर डायल के माध्यम से सूचनी मिल जाती है और शहरी क्षेत्रों में थानों के माध्यम से जानकारी प्राप्त हो जाती है. भीषड़ आगजनी की घटना में हमारे पास तीन फायर किट उपलब्ध हैं. जो आग में रहकर किसी भी व्यक्ति को बचा सकता है.

मण्डला। जिले में गर्मी बढ़ने के साथ आगजनी की घटनाओं में इजाफा देखा जा रहा है, लेकिन जिले में आग बुझाने के लिए पर्याप्त संसाधनों की कमी साफ-साफ नजर आ रही है. मण्डला में हर एक फायर स्टेशन के फासले की बात करें तो इनकी दूरी अधिक्तम 60 किलोमीटर के करीब है. जिले में नारायणगंज और मोहगांव ऐसी दो बड़ी जगह हैं. जहां फायर स्टेशन नहीं होने से कई बार आगजनी की घटना बढ़ जाती है.

मण्डला में आग बुझाने के लिए पर्याप्त संसाधनों की कमी

सुरक्षा इंतजामों की बात जाए तो जिले भर के अधिकतर फायर स्टेशन ऐसे हैं जिनमें फायर मैन के पास सेफ्टी सूज और आग से बचाव की यूनिफॉर्म उपलब्ध ही नहीं है, सिर पर लगाने वाले हेलमेट की क्वालिटी भी मजदूरों को दिए जाने वाले हेलमेट जितनी है, वहीं मास्क और आक्सीजन सिलेंडर के आभाव से भी लगभग सभी फायर स्टेशन जूझ रहे हैं.

मुख्य कार्यपालन अधिकारी दिनेश बाघमारे ने बताया कि आगजनी से निपटने के लिए तो जिले में मण्डला नगर पालिका बेहतर काम करती है. हमारे पास दो फोम फायर हैं जो ज्वलनशील पदार्थ और शॉर्ट सर्किट से लगी आग को काबू पाने के लिए काम करती है. दो वॉटर गाड़ी हैं, एक रेस्क्यू वाहन हैं जो दोनों ही स्थिति में काम आते हैं. इसमें तीन शिफ्ट में 18 कर्मचारी काम करते हैं. जो किसी भी आगजनी की घटना पर काबू पाने के लिए मुस्तैद रहते हैं.

आगजनी की घटना की जानकारी पर बोलते हुए मुख्य कार्यपलान अधिकारी ने कहा कि हमे अक्सर इस प्रकार की सूचना संबंधित थानों से या फिर व्यक्ति विशेष से घटना की जानकारी मिलती है. ग्रामीण इलाकों में आगजनी की सूचना पर 101 फायर डायल के माध्यम से सूचनी मिल जाती है और शहरी क्षेत्रों में थानों के माध्यम से जानकारी प्राप्त हो जाती है. भीषड़ आगजनी की घटना में हमारे पास तीन फायर किट उपलब्ध हैं. जो आग में रहकर किसी भी व्यक्ति को बचा सकता है.

Intro:गर्मी के मौषम की दस्तक के साथ ही बढ़ जाता है एक ऐसा खतरा जिसके लिए अमूमन इन्शान की लापरवाही या फिर उसकी ऐसी हरकतें जिम्मदार हैं जो जाने अनजाने उसके द्वारा ही कि जाती है,हम बात कर रहे हैं लगने वाली आग की जो या तो सब कुछ स्वाहा कर के ही मानती है या फिर ऐसा नुकसान कर के जिस से इन्शान को सीख लेने की जरूरत तो होती लेकिन वो लेता नहीं और सारा दोष आग पर ही मढ़ देता है


Body:2011 की जनसंख्या की बात करें तो मण्डला जिले की जनसंख्या 13 लाख 40 हज़ार 411 है यहाँ तीन विधानसभा क्षेत्रों निवास,मण्डला और बिछिया में 6 तहसीलें मण्डला, बिछिया,घुघरी,नैनपुर,नारायणगंज और निवास हैं

कितने हैं फायर स्टेशन और कितने हैं वाहन--फायर स्टेशन की बात करें तो 5 फायर स्टेशन या फिर आग बुझाने के वाहन इन सभी स्थानों पर है घुघरी ऐसी तहसील है जिसमे फायर स्टेशन नही है या आग बुझाने का कोई वाहन नहीं है,अब अगर इन सभी तहसीलों की बात की जाए तो मण्डला में 4 फायर बिग्रेड ऐसी हैं जो पानी से सामान्य आग को बुझाने में सक्षम हैं जबकि एक वाहन ऐसा है जो तेल या डीजल,पेट्रोलियम से लगी आग को फोम से बुझाने में काम आती है वहीं बाकी की तहसीलों की बात करें तो निवास में 2 बिछिया में 1 नैनपुर में 2 और उपतहसील बह्मनी में 2 फायर बिग्रेड हैं इस तरह जिले में कुल 12 फायर बिग्रेड उपलब्ध हैं,जो पूरी तरह से अपडेट है साथ ही कार्य करने में सक्षम भी।

कितने सुरक्षित फायर मेन--अब अगर बात की जाए सुरक्षा इंतजामों की तो जिले भर के अधिकतर फायर स्टेशन ऐसे हैं जिनमे फायर मेन के पास सेफ्टी सूज और आग से बचाव की यूनिफॉर्म उपलब्ध ही नहीं है,सर पर लगाने वाले हेलमेट की क्वालिटी भी मजदूरों को दिए जाने वाले हेलमेट जितनी है वहीं मास्क और आक्सीजन सिलेंडर के आभाव से भी लगभग सभी फायर स्टेशन जूझ रहे हैं

कितने सक्षम हैं फायर मेन, क्या हैं समस्याएं--आग बुझाने के समय फायर मेन को उनकी यूनिफार्म न होने के चलते पहचान पाना मुश्किल होता है,वहीं तंग गलियों में अगर आग लग जाए तो जिले भर में एक भी छोटा वाहन ऐसा नहीं जो आग पर इन संकरी गलियों में घुस कर काबू पा सके,ऐसे हालात में दूरी के चलते पाइप बढाने की जरूरत पड़ती है इसके कारण पानी का प्रेशर कम हो जाता है और आग पर काबू पाना मुश्किल हो जाता है।बड़े वाहनों को बाज़ार क्षेत्र में ट्रैफिक की समस्याओं से भी जूझना पड़ता है इस लिए आग बुझाने के छोटे वाहनों की जरूरत जिले को महसूस होती है जो आसानी से लोड भी हो सकती है।

बीते साल की दुर्घटनाएं--2018 की बात करें तो मई माह में नैनपुर तहसील के देल्हा, आलीपुर में खेतों की नरवाई से भड़की आग में आधा दर्जन जिंदा जानवर जल गए थे तो करीब 10 मकान जल कर ख़ाक हो गए थे इसके अलावा फरवरी माह में बह्मनी के करीब हर्बल फैक्टरी में आग से तकरीबन 6 करोड़ मूल्य के हर्बल उत्पाद,सौंदर्य प्रशाधन,दवाएँ और औशधीय तेल जलने संचालक को बड़ा नुकसान झेलना पड़ा था।

एक फायर स्टेशन से दूसरे फायर स्टेशन की दूरी--मण्डला जिले में हर एक फायर स्टेशन के फासले की बात करें तो इनकी दूरी अधिक्तम 60 किलोमीटर करीब है लेकिन नारायणगंज और मोहगांव ऐसी दो बड़ी जगह हैं जहाँ फायरबिग्रेड का न होना फैलने वाली आग को ज्यादा भीषण बना देता है

कितने हैं कर्मचारी--मण्डला की अगर बात करें तो यहाँ आठ आठ घंटे की शिफ्ट में 9 चालक और 18 फायर मेन डयूटी पर तैनात रहते है कमोबेश इसी तरह की शिफ्ट जिले की सभी विधानसभा क्षेत्रों में लगती है और मुख्यकार्यपालन अधिकारी के मुताबिक जिले में कर्मचारियों की किसी तरह की कमी नहीं है






Conclusion:आग की घटनाओं की सूचना के बाद फायर बिग्रेड को पहुँचने में लगने वाला समय दूरी पर निर्भर करता है और इन फायर वाहनों पर पानी भरने के लिए भी पर्याप्त व्यवस्था है

बाईट--दिनेश बाघमारे,मुख्य कार्यपालन अधिकारी मण्डला
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