मंडला। कोटवारों को बीते छह माह से तनख्वाह नहीं मिली है, जबकि लॉकडाउन के दौरान कोरोना वरियर्स के रूप में लगातार काम कर रहे हैं. ऐसे में कोटवारों ने हड़ताल का अनूठा तरीका अपनाया है, तहसील कार्यालय स्थित मंदिर के सामने कोटवारों ने संगीत की महफिल सजाई है. फिर भी कोई अधिकारी इनकी सुध लेने को तैयार नहीं है.
नैनपुर के 135 कोटवारों को बीते 6 माह से मानदेय नहीं मिला है, जबकि कोरोना काल के दौरान गांव-गांव जाकर ये लोग शासन-प्रशासन की गाइडलाइन का पालन कराने, लॉकडाउन को सफल बनाने से लेकर बाहर से आने-जाने वालों का पूरा हिसाब रखने का काम करते रहे हैं. कोटवारों का कहना है कि सिर्फ नैनपुर तहसील के ही कोटवारों को मानदेय नहीं दिया जा रहा है, जिनमें 100 पुरुषों के साथ 35 महिला कोटवार भी शामिल हैं.
क्या है पूरा मामला ?
जिन कोटवारों के पास जमीन है, उन्हें सरकार की तरफ से 400 रुपए प्रति माह दिए जाते हैं, जिनके पास जमीन नहीं है. ऐसे कोटवारों को हर माह 4000 रुपये दिए जाते हैं. नैनपुर तहसीलदार कार्यालय का डीडीओ कोड अलाट हुआ है. इस नए कोड के बाद भी कोटवारों की तनख्वाह का अलाटमेंट नहीं हो पा रहा है.
एसडीएम वैशाली सिंह के अनुसार इसके लिए अपर लेवल तक सूचनाएं दे दी गई हैं, लेकिन अब तक अलाट नहीं हो पा रहा है. कोटवारों की हड़ताल से काम प्रभावित होने की बात उन्होंने मानी है.