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जनसुनवाई में पहुंचे अतिथि शिक्षक, कलेक्टर से की नौकरी बहाल करने की मांग - Non-school guest teachers

नौकरी से निकाले जाने पर अतिथि शिक्षकों ने जन सुनवाई में पहुंच कर आदेश को वापस लेने की मांग की है. नियमितिकरण की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे अतिथि शिक्षकों को नौकरी से निकाल कर दूसरे अतिथि शिक्षकों की भर्ती का आदेश दिया गया है.

Guest teachers reached the public hearing of the collector in mandla
कलेक्टर की जनसुनवाई में पहुंचे अतिथि शिक्षक
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Published : Dec 3, 2019, 11:02 PM IST

मण्डला। जिले के अतिथि शिक्षक लगातार अपनी नियमितीकरण की मांग को लेकर हड़ताल कर रहे हैं. वहीं शासन द्वारा स्कूल न आने वाले अतिथि शिक्षकों को निकाल कर दूसरे अतिथि शिक्षक भर्ती करने के आदेश दिए गए हैं. अतिथि शिक्षकों ने जनसुनवाई में पहुंचकर कलेक्टर से आदेश वापस लेने की मांग की.

कमलनाथ सरकार का आदेश है कि, स्कूल में कम उपस्थित रहने वाले शिक्षकों की जगह नए शिक्षकों की भर्ती की जाय. जिससे स्कूल में बच्चों की पढ़ाई का नुकसान न हो. इस आदेश के मिलने के बाद अधिकारी और प्राचार्य स्कूलों से रिपोर्ट बना रहे हैं और लगातार अनुपस्थित रहने वाले अतिथि शिक्षकों को नोटिस थमाया जा रहा है.

अतिथि शिक्षकों ने इस आदेश को लोकतंत्र के साथ ही अधिकारों का हनन बताया है. इसके साथ ही इसे वापस लेने की भी मांग की है. अतिथि शिक्षकों का कहना है कि सरकार ने कई महीनों से उनके मानदेय का भुगतान नहीं किया है और न ही उन्हें नियमित कर रही है. वहीं प्रशासन का कहना है कि अतिथि शिक्षकों की हड़ताल से स्कूल में बच्चों की पढ़ाई का नुकसान हो रहा है.

मण्डला। जिले के अतिथि शिक्षक लगातार अपनी नियमितीकरण की मांग को लेकर हड़ताल कर रहे हैं. वहीं शासन द्वारा स्कूल न आने वाले अतिथि शिक्षकों को निकाल कर दूसरे अतिथि शिक्षक भर्ती करने के आदेश दिए गए हैं. अतिथि शिक्षकों ने जनसुनवाई में पहुंचकर कलेक्टर से आदेश वापस लेने की मांग की.

कमलनाथ सरकार का आदेश है कि, स्कूल में कम उपस्थित रहने वाले शिक्षकों की जगह नए शिक्षकों की भर्ती की जाय. जिससे स्कूल में बच्चों की पढ़ाई का नुकसान न हो. इस आदेश के मिलने के बाद अधिकारी और प्राचार्य स्कूलों से रिपोर्ट बना रहे हैं और लगातार अनुपस्थित रहने वाले अतिथि शिक्षकों को नोटिस थमाया जा रहा है.

अतिथि शिक्षकों ने इस आदेश को लोकतंत्र के साथ ही अधिकारों का हनन बताया है. इसके साथ ही इसे वापस लेने की भी मांग की है. अतिथि शिक्षकों का कहना है कि सरकार ने कई महीनों से उनके मानदेय का भुगतान नहीं किया है और न ही उन्हें नियमित कर रही है. वहीं प्रशासन का कहना है कि अतिथि शिक्षकों की हड़ताल से स्कूल में बच्चों की पढ़ाई का नुकसान हो रहा है.

Intro:मण्डला जिले के अतिथि शिक्षक लगातार अपनी नियमितीकरण की माँग को लेकर हड़ताल कर रहे हैं वहीं शासन के द्वारा स्कूल न आने वाले अतिथि शिक्षकों को निकाल कर दूसरे अतिथि शिक्षक भर्ती करने के आदेश दिए गए हैं इस निर्देश के बाद अतिथि कलेक्टर की जनसुनवाई में पहुँचे और दिए गए निर्देश वापस लेने की माँग का ज्ञापन कलेक्टर को सौंपा


Body:मण्डला जिले में हड़ताल कर रहे अतिथि शिक्षकों को हटाने के आदेश जिले के मुखिया द्वारा दिये गए है जिनका कहना है कि स्कूल नहीं पहुँच रहे अतिथि शिक्षकों को हटा कर वरीयता सूची में दूसरे स्थान पर रहे अभ्यर्थियों को अतिथि शिक्षक बनाया जाए जिससे कि स्कूल में बच्चों की पढ़ाई का नुकसान न हो,इस आदेश के मिलने के बाद अधिकारी और प्राचार्य स्कूलों से रिपोर्ट बना रहे और लगातार अनुपस्थित रहने वाले अतिथि शिक्षकों को नोटिस थमाया जा रहा है,कलेक्टर के इस आदेश के खिलाफ मंगलवार को लगने वाली कलेक्टर की जनसुनवाई में जिले के बहुत से अतिथि शिक्षक पहुँचे और इस निर्देश को लोकतंत्र के साथ ही अधिकारों का हनन बताते हुए इस आदेश को वापस लेने की बात कही,अतिथि शिक्षकों का कहना है कि एक तरफ सरकार कई महीनों से उन्हें मानदेय का भुगतान भी नहीं कर रही न ही उन्हें नियमित कर रही ऐसे में वे हड़ताल कर रहे हैं तो इसे तोड़ने के लिए अतिथि शिक्षकों को निकालने की बात की जा रही है


Conclusion:प्रशासन का कहना है कि अतिथि शिक्षकों की हड़ताल से स्कूल में बच्चों की पढ़ाई का नुकसान हो रहा है वहीं अतिथि शिक्षकों का कहना है कि वे अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं।

बाईट--विजय तेकाम,ऐ सी ट्राइबल
बाईट--डीपी खैरवार,जिलाध्यक्ष अतिथि शिक्षक संघ
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